उन्नाव : जिले के हसनगंज सीएचसी में घायल व्यक्ति के हाथ-पैर पकड़कर ले जा रहे तीमारदारों का वीडियो वायरल हो रहा है. घायल को उठाकर ले जा रहे तीमारदारों का आरोप है कि घंटों इंतजार करने के बाद भी उन्हें अस्पताल में स्ट्रेचर नहीं मिला. जिसके बाद उन्हें ऐसा करना पड़ा.
मिली जानकारी के मुताबिक, शुक्रवार की शाम को हसनगंज कोतवाली क्षेत्र के मोहान-बांगरमऊ मार्ग पर नींदेमऊ गांव के पास सड़क दुर्घटना हो गई. दुर्घटना में तेगापुर गांव निवासी 21 वर्षीय उत्तम सिंह व अरविंद घायल हो गए. घटना की जानकारी होते ही स्थानीय लोगों ने इसकी सूचना पुलिस को दी. सूचना पर पहुंची पुलिस ने घायलों को इलाज के लिए हसनगंज सीएचसी भेजा.
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अस्पताल में काफी देर तक स्ट्रेचर न मिलने पर लोग घायलों को उठाकर अस्पताल के अंदर लेकर गए. स्थानीय लोगों ने बताया कि मोहान-बांगरमऊ मार्ग पर गिरिवर खेडा की तरफ से आ रहे अज्ञात वाहन ने दो लोगों को टक्कर मार दी है. दुर्घटना में घायल हुए लोगों को इलाज के लिए अस्पताल लाया गया है. सीएचसी के अधीक्षक दिनेश कुमार ने बताया कि अस्पताल में 3 स्ट्रेचर मौजूद हैं. इस मामले की जांच कराई जाएगी, इसमें जिसकी लापवाही सामने मिलेगी उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
अस्पताल में पहले भी हुई थी लापरवाही
25 नवंबर को उन्नाव में डॉक्टरों की लापरवाही का मामला सामने आया था. जिसमें डॉक्टरों ने खून की कमी बताकर प्रसूता को अस्पताल में भर्ती करने से इनकार कर दिया था. डाक्टरों ने तीमारदारों से यह कहते हुए मरीज को अस्पताल से बाहर कर दिया कि वह प्रसूता को चाहे जहां भी ले जाए, लेकिन उसका यहां इलाज नहीं हो सकता है. इस दौरान अस्पताल भवन के बाहर सीएचसी परिसर से लगे सड़क पर दर्द से कराहती महिला ने एक बच्ची को जन्म दिया. वहीं, बच्ची के जन्म के बाद आनन-फानन में महिला को उसी अस्पताल में भर्ती कर लिया गया.
मिली जानाकारी के मुताबिक, थाना फतेहपुर चौरासी (Unnao Police Station Fatehpur Chaurasi) के खेवरई निवासी शिवकुमारी (29) पत्नी राकेश को गुरुवार को प्रसव पीड़ा हुई. दर्द बढ़ने पर परिजन उसे आनन-फानन सफीपुर सीएचसी लेकर पहुंचे. यहां डाक्टरों ने यह कहते हुए प्रसूता को भर्ती करने से मना कर दिया कि उसके खून बहुत कम है. तीमारदार डाक्टरों के सामने गिड़गिड़ाते रहे मगर डाक्टरों ने उनकी एक न सुनी.