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...जानिए चर्चित उन्नाव रेप कांड की पूरी कहानी

उन्नाव रेप पीड़िता की कार के दुर्घटनाग्रत होने के बाद एक बार ये मामला फिर सुर्खियों हैं. आइए जानते हैं कि इस सनसनीखेज मामले में कब-कब क्या हुआ.

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Published : Jul 31, 2019, 2:58 PM IST

Updated : Jul 31, 2019, 4:31 PM IST

उन्नाव रेप कांड की पूरी कहानी.

उन्नाव: जिले के गांव माखी में हुआ दुष्कर्म कांड करीब 15 माह बाद फिर से सुर्खियों में है. सड़क हादसे में दुष्कर्म पीड़िता की चाची और मौसी की मौत हो चुकी है. पीड़िता की हालत जहां गंभीर है तो वहीं मामले की पैरवी कर रहा वकील लखनऊ के ट्रामा सेंटर में जिंदगी की जंग लड़ रहा है. जेल में बंद भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर विधायक की करीबी महिला सती सिंह के बेटे शुभम पर हत्या और हत्या की साजिश रचने की रिपोर्ट दर्ज हुई है. आइये जानते हैं इस सनसनीखेज वारदात की क्या है पूरी हकीकत, देखिये रिपोर्ट

उन्नाव रेप कांड की पूरी कहानी.

2017 से पहले की कहानी-
ये पूरा मामला ग्राम प्रधान के चुनाव को लेकर शुरू हुआ था. उन्नाव जिले में माखी गांव के सराय थोक मोहल्ला में विधायक कुलदीप सेंगर और पीड़िता का घर आसपास था. पीड़िता के पिता, चाचा और ताऊ की विधायक कुलदीप सिंह सेंगर से डेढ़ दशक पहले तक खूब बनती थी. इनके दबंगई की चर्चा पूरे उन्नाव में थी. बताया जाता है कि कुलदीप सेंगर जब पहली बार विधायक बने थे तो उसमें पीड़िता के घरवालों का सबसे बड़ा हाथ था.

दोनों परिवारों में पड़ी दरार-
2002 में पहली बार विधायक बनने के बाद कुलदीप सिंह ने तीनों भाइयों से किनारा करना शुरू कर दिया था. इसके बाद दोनों परिवारों के बीच दरार पड़नी शुरू हो गई, जो बाद में पारिवारिक रंजिश बन गई. सूत्रों की मानें तो पीड़िता के ताऊ की भी क्षेत्र में दबंगई चलती थी. उनके खिलाफ दर्जनों मामले दर्ज थे. विधायक बनने के बाद अपनी छवि बचाने के लिए कुलदीप ने इनसे कन्नी काटनी शुरू की थी.

पीड़िता के ताऊ ने लड़ा ग्राम प्रधान का चुनाव-
पीड़िता के परिवार को भी लगने लगा कि कुलदीप के भाव सातवें आसमान पर हैं, जिसके बाद ताऊ ने ग्राम प्रधान का चुनाव लड़ने का फैसला किया था. ताऊ के प्रधानी लड़ने की बात कुलदीप सेंगर को पच नहीं रही थी क्योंकि अब उनके बीच वर्चस्व की बात आ गई थी. हालांकि ताऊ को कुलदीप सेंगर ने अड़ंगा डालकर चुनाव नहीं लड़ने दिया. फिर यहीं से दोनों परिवार एक-दूसरे के दुश्मन बन गए.

रंजिश में हुई ताऊ की हत्या-
इस रंजिश में सबसे पहली हत्या पीड़िता के ताऊ की हुई. लोगों ने ईंट-पत्थरों से हमला करके उसे मार दिया था. उसकी हत्या की साजिश रचने का आरोप परिजनों ने विधायक कुलदीप सेंगर पर लगाया था. पीड़ित युवती के ताऊ की मौत के बाद उसके चाचा भागकर दिल्ली चले आए थे. चाचा महेश सिंह पर भी आधे दर्जन से अधिक मामले दर्ज हैं. महेश ने लॉ की पढ़ाई की है.

किशोरी को अगवा कर किया दुष्कर्म-
11 जून 2017 को किशोरी को अगवा करके कानपुर औरैया में दुष्कर्म किया जाता है. पिता की शिकायत पर भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की करीबी महिला शशी सिंह और उसके बेटे शुभम सिंह तथा गांव के नरेश तिवारी और बृजेश यादव पर रेप पीड़िता को बेचने की रिपोर्ट दर्ज होती है.

तहरीर के बाद भी नहीं हुई कार्रवाई-
20 जून 2017 को पुलिस किशोरी को औरैया से खोज लाई और शशि को क्लीन चिट देते हुए बाकी आरोपियों को जेल भेज दिया. केस में विधायक की एंट्री तब हुई जब आरोपितों की जमानत के लिए उन्होंने पैरवी शुरू की और वह छूट भी गए. इसे लेकर विधायक से पीड़िता के पिता से बहस भी हुई. शशि समझौते का झांसा देकर पीड़िता को विधायक के घर लाई. आरोप है कि इस दौरान विधायक ने भी पीड़िता के साथ दुष्कर्म किया. पिता ने माखी थाने में तहरीर दी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई.

कब-कब क्या हुआ-

  • 4 अप्रैल 2018 विधायक के भाई ने पीड़िता के पिता पर मारपीट का उल्टा मुकदमा लिखवा दिया. पुलिस तुरंत उसे अस्पताल से थाने लाई और पिटाई के बाद 5 अप्रैल को जेल भेज दिया.
  • 7 अप्रैल 2018 को विधायक, उसके भाई अतुल व अन्य पर मुकदमा दर्ज करने की मांग करते हुए पीड़िता ने सीएम आवास के सामने आत्मदाह का प्रयास किया.
  • 8 अप्रैल 2018 को दुष्कर्म पीड़िता के पिता की जेल से हालत बिगड़ी और अस्पताल में मौत हो गई.
  • 9 अप्रैल 2018 को विधायक के भाई व अन्य पर हत्या की रिपोर्ट दर्ज की गई.
  • 10 अप्रैल 2018 को विधायक के भाई को पुलिस ने गिरफ्तार किया और एसआईटी का गठन किया.
  • 11 अप्रैल 2018 को एसआईटी ने माखी गांव में जांच की और रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंप दी.
  • 12 अप्रैल 2018 को परिजनों की मांग और सियासी भूचाल के बाद जांच सीबीआई के हवाले कर दी गई, विधायक के विरुद्ध दुष्कर्म और उनकी करीबी शशी सिंह पर साजिश का मुकदमा दर्ज हुआ.
  • 13 अप्रैल 2018 को सीबीआई ने गांव से विधायक को गिरफ्तार किया और अगले रोज पास्को कोर्ट ने जेल भेज दिया.
  • 28 अप्रैल 2018 को रिमांड के बाद विधायक को जिला कारागार उन्नाव भेजा गया.
  • 8 मई 2018 को विधायक को उन्नाव जेल से सीतापुर जेल भेजा गया, तब से विधायक जेल में हैं.

विधायक कुलदीप सिंह सेंगर का सियासी सफर-
भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर कई सियासी घाट का पानी पी चुके हैं. 1987 में माखी गांव के प्रधान चुने गए. सेंगर ने सियासत की शुरुआत कांग्रेस से की. टिकट नहीं मिलने पर 2002 में बसपा में आए और उन्नाव सदर सीट से जीतकर पहली बार विधानसभा पहुंच गए. यहां ज्यादा समय दाल नहीं गली.

साल 2007 में समाजवादी पार्टी में आ गएऔर सीट बांगरमऊ चुनी. किस्मत के धनी सेंगर फिर जीत गए समाजवादी पार्टी ने 2012 में भगवंत नगर सीट से उतारा और फिर निर्वाचित हो गए. 2017 के चुनाव से पहले समाजवादी चोला उतार कर वह भाजपा में आ गए और फिर बांगरमऊ के विधायक चुने गए तीन भाइयों में सबसे बड़े कुलदीप सिंह की पत्नी संगीता सेंगर उन्नाव से जिला पंचायत अध्यक्ष कुलदीप का सबसे छोटा भाई अतुल सेंगर 15 महीने से जेल में है. अब जिलें भाई मनोज सेंगर के खिलाफ भी रायबरेली में हुई घटना पर हत्या की रिपोर्ट दर्ज हो चुकी है.

चाचा के खिलाफ दर्ज हुए तीन मुकदमे -
20 नवंबर 2018 दुष्कर्म कांड की पैरोकारी करने वाले पीड़िता के चाचा के खिलाफ भी 3 मुकदमे दर्ज हैं. एक मुकदमा विधायक के भाई अतुल ने जानलेवा हमले का लिखाया था, इसमें 3 फरवरी 2019 को 10 साल की सजा हो चुकी है. रायबरेली जेल में बंद चाचा से मिलने ही पीड़िता जा रही थी. दूसरा मुकदमा जीआरपी ने लूट का माल बरामदगी का लिखाया था, जबकि तीसरा मामला न्यायालय के अभिलेख में हेरा फेरी का दर्ज है.

कब मिलेगा इंसाफ !
दुष्कर्म पीड़िता को इंसाफ मिलने में कितना वक्त और लगेगा यह तो कोई नहीं जानता, लेकिन इसकी लड़ाई के 15 महीनों के दरमियान 4 परिजनों को वह जरूर गवां चुकी है. साथ ही खुद भी जिंदगी मौत के बीच झूल रही पीड़िता को तो यह भी अंदाजा नहीं है कि रविवार को हुए हादसे में वह चाची और मौसी को भी खो चुकी है. घर में पहली अर्थी पिता के रूप में 8 अप्रैल 2018 को उठी थी. वहीं दूसरी अर्थी बीमार चल रही पीड़िता की दादी भी 19 फरवरी 2019 को चल बसी उसने रविवार को चाची और मौसी को भी खो दिया.

उन्नाव: जिले के गांव माखी में हुआ दुष्कर्म कांड करीब 15 माह बाद फिर से सुर्खियों में है. सड़क हादसे में दुष्कर्म पीड़िता की चाची और मौसी की मौत हो चुकी है. पीड़िता की हालत जहां गंभीर है तो वहीं मामले की पैरवी कर रहा वकील लखनऊ के ट्रामा सेंटर में जिंदगी की जंग लड़ रहा है. जेल में बंद भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर विधायक की करीबी महिला सती सिंह के बेटे शुभम पर हत्या और हत्या की साजिश रचने की रिपोर्ट दर्ज हुई है. आइये जानते हैं इस सनसनीखेज वारदात की क्या है पूरी हकीकत, देखिये रिपोर्ट

उन्नाव रेप कांड की पूरी कहानी.

2017 से पहले की कहानी-
ये पूरा मामला ग्राम प्रधान के चुनाव को लेकर शुरू हुआ था. उन्नाव जिले में माखी गांव के सराय थोक मोहल्ला में विधायक कुलदीप सेंगर और पीड़िता का घर आसपास था. पीड़िता के पिता, चाचा और ताऊ की विधायक कुलदीप सिंह सेंगर से डेढ़ दशक पहले तक खूब बनती थी. इनके दबंगई की चर्चा पूरे उन्नाव में थी. बताया जाता है कि कुलदीप सेंगर जब पहली बार विधायक बने थे तो उसमें पीड़िता के घरवालों का सबसे बड़ा हाथ था.

दोनों परिवारों में पड़ी दरार-
2002 में पहली बार विधायक बनने के बाद कुलदीप सिंह ने तीनों भाइयों से किनारा करना शुरू कर दिया था. इसके बाद दोनों परिवारों के बीच दरार पड़नी शुरू हो गई, जो बाद में पारिवारिक रंजिश बन गई. सूत्रों की मानें तो पीड़िता के ताऊ की भी क्षेत्र में दबंगई चलती थी. उनके खिलाफ दर्जनों मामले दर्ज थे. विधायक बनने के बाद अपनी छवि बचाने के लिए कुलदीप ने इनसे कन्नी काटनी शुरू की थी.

पीड़िता के ताऊ ने लड़ा ग्राम प्रधान का चुनाव-
पीड़िता के परिवार को भी लगने लगा कि कुलदीप के भाव सातवें आसमान पर हैं, जिसके बाद ताऊ ने ग्राम प्रधान का चुनाव लड़ने का फैसला किया था. ताऊ के प्रधानी लड़ने की बात कुलदीप सेंगर को पच नहीं रही थी क्योंकि अब उनके बीच वर्चस्व की बात आ गई थी. हालांकि ताऊ को कुलदीप सेंगर ने अड़ंगा डालकर चुनाव नहीं लड़ने दिया. फिर यहीं से दोनों परिवार एक-दूसरे के दुश्मन बन गए.

रंजिश में हुई ताऊ की हत्या-
इस रंजिश में सबसे पहली हत्या पीड़िता के ताऊ की हुई. लोगों ने ईंट-पत्थरों से हमला करके उसे मार दिया था. उसकी हत्या की साजिश रचने का आरोप परिजनों ने विधायक कुलदीप सेंगर पर लगाया था. पीड़ित युवती के ताऊ की मौत के बाद उसके चाचा भागकर दिल्ली चले आए थे. चाचा महेश सिंह पर भी आधे दर्जन से अधिक मामले दर्ज हैं. महेश ने लॉ की पढ़ाई की है.

किशोरी को अगवा कर किया दुष्कर्म-
11 जून 2017 को किशोरी को अगवा करके कानपुर औरैया में दुष्कर्म किया जाता है. पिता की शिकायत पर भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की करीबी महिला शशी सिंह और उसके बेटे शुभम सिंह तथा गांव के नरेश तिवारी और बृजेश यादव पर रेप पीड़िता को बेचने की रिपोर्ट दर्ज होती है.

तहरीर के बाद भी नहीं हुई कार्रवाई-
20 जून 2017 को पुलिस किशोरी को औरैया से खोज लाई और शशि को क्लीन चिट देते हुए बाकी आरोपियों को जेल भेज दिया. केस में विधायक की एंट्री तब हुई जब आरोपितों की जमानत के लिए उन्होंने पैरवी शुरू की और वह छूट भी गए. इसे लेकर विधायक से पीड़िता के पिता से बहस भी हुई. शशि समझौते का झांसा देकर पीड़िता को विधायक के घर लाई. आरोप है कि इस दौरान विधायक ने भी पीड़िता के साथ दुष्कर्म किया. पिता ने माखी थाने में तहरीर दी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई.

कब-कब क्या हुआ-

  • 4 अप्रैल 2018 विधायक के भाई ने पीड़िता के पिता पर मारपीट का उल्टा मुकदमा लिखवा दिया. पुलिस तुरंत उसे अस्पताल से थाने लाई और पिटाई के बाद 5 अप्रैल को जेल भेज दिया.
  • 7 अप्रैल 2018 को विधायक, उसके भाई अतुल व अन्य पर मुकदमा दर्ज करने की मांग करते हुए पीड़िता ने सीएम आवास के सामने आत्मदाह का प्रयास किया.
  • 8 अप्रैल 2018 को दुष्कर्म पीड़िता के पिता की जेल से हालत बिगड़ी और अस्पताल में मौत हो गई.
  • 9 अप्रैल 2018 को विधायक के भाई व अन्य पर हत्या की रिपोर्ट दर्ज की गई.
  • 10 अप्रैल 2018 को विधायक के भाई को पुलिस ने गिरफ्तार किया और एसआईटी का गठन किया.
  • 11 अप्रैल 2018 को एसआईटी ने माखी गांव में जांच की और रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंप दी.
  • 12 अप्रैल 2018 को परिजनों की मांग और सियासी भूचाल के बाद जांच सीबीआई के हवाले कर दी गई, विधायक के विरुद्ध दुष्कर्म और उनकी करीबी शशी सिंह पर साजिश का मुकदमा दर्ज हुआ.
  • 13 अप्रैल 2018 को सीबीआई ने गांव से विधायक को गिरफ्तार किया और अगले रोज पास्को कोर्ट ने जेल भेज दिया.
  • 28 अप्रैल 2018 को रिमांड के बाद विधायक को जिला कारागार उन्नाव भेजा गया.
  • 8 मई 2018 को विधायक को उन्नाव जेल से सीतापुर जेल भेजा गया, तब से विधायक जेल में हैं.

विधायक कुलदीप सिंह सेंगर का सियासी सफर-
भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर कई सियासी घाट का पानी पी चुके हैं. 1987 में माखी गांव के प्रधान चुने गए. सेंगर ने सियासत की शुरुआत कांग्रेस से की. टिकट नहीं मिलने पर 2002 में बसपा में आए और उन्नाव सदर सीट से जीतकर पहली बार विधानसभा पहुंच गए. यहां ज्यादा समय दाल नहीं गली.

साल 2007 में समाजवादी पार्टी में आ गएऔर सीट बांगरमऊ चुनी. किस्मत के धनी सेंगर फिर जीत गए समाजवादी पार्टी ने 2012 में भगवंत नगर सीट से उतारा और फिर निर्वाचित हो गए. 2017 के चुनाव से पहले समाजवादी चोला उतार कर वह भाजपा में आ गए और फिर बांगरमऊ के विधायक चुने गए तीन भाइयों में सबसे बड़े कुलदीप सिंह की पत्नी संगीता सेंगर उन्नाव से जिला पंचायत अध्यक्ष कुलदीप का सबसे छोटा भाई अतुल सेंगर 15 महीने से जेल में है. अब जिलें भाई मनोज सेंगर के खिलाफ भी रायबरेली में हुई घटना पर हत्या की रिपोर्ट दर्ज हो चुकी है.

चाचा के खिलाफ दर्ज हुए तीन मुकदमे -
20 नवंबर 2018 दुष्कर्म कांड की पैरोकारी करने वाले पीड़िता के चाचा के खिलाफ भी 3 मुकदमे दर्ज हैं. एक मुकदमा विधायक के भाई अतुल ने जानलेवा हमले का लिखाया था, इसमें 3 फरवरी 2019 को 10 साल की सजा हो चुकी है. रायबरेली जेल में बंद चाचा से मिलने ही पीड़िता जा रही थी. दूसरा मुकदमा जीआरपी ने लूट का माल बरामदगी का लिखाया था, जबकि तीसरा मामला न्यायालय के अभिलेख में हेरा फेरी का दर्ज है.

कब मिलेगा इंसाफ !
दुष्कर्म पीड़िता को इंसाफ मिलने में कितना वक्त और लगेगा यह तो कोई नहीं जानता, लेकिन इसकी लड़ाई के 15 महीनों के दरमियान 4 परिजनों को वह जरूर गवां चुकी है. साथ ही खुद भी जिंदगी मौत के बीच झूल रही पीड़िता को तो यह भी अंदाजा नहीं है कि रविवार को हुए हादसे में वह चाची और मौसी को भी खो चुकी है. घर में पहली अर्थी पिता के रूप में 8 अप्रैल 2018 को उठी थी. वहीं दूसरी अर्थी बीमार चल रही पीड़िता की दादी भी 19 फरवरी 2019 को चल बसी उसने रविवार को चाची और मौसी को भी खो दिया.

Intro:स्पेशल स्टोरी।

उन्नाव जिले के गांव माखी में हुआ दुष्कर्म कांड करीब 15 माह बाद फिर सुर्खियों में है सड़क हादसे में दुष्कर्म पीड़िता की चाची व मौसी की मौत हो चुकी है खुद पीड़िता व वकील जिंदगी के लिए लखनऊ के ट्रामा सेंटर में मौत से जंग लड़ रहे हैं जेल में बंद भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर विधायक की करीबी महिला सत्संग के बेटे शुभम पर हत्या व हत्या की साजिश रचने की रिपोर्ट दर्ज कराई है इस सनसनीखेज वारदात का पूरा ब्यौरा--


Body:11 जून 2017 को किशोरी को अगवा करके कानपुर औरैया में दुष्कर्म किया जाता है पिता की शिकायत पर भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की करीबी महिला शशी सिंह व उसके बेटे शुभम सिंह तथा गांव के नरेश तिवारी व बृजेश यादव पर बेचने की रिपोर्ट दर्ज होती है।

20 जून 2017 को पुलिस किशोरी को औरैया से खोज लाई और शशि को क्लीन चिट देते हुए बाकी आरोपियों को जेल भेज दिया। केस में विधायक की एंट्री तब हुई जब आरोपितों की जमानत के लिए उन्होंने पैरवी शुरू की और वह छूट भी गए इसे लेकर विधायक से पीड़िता के पिता से बहस भी हुई शशि समझौते का झांसा देकर पीड़िता को विधायक के घर लाई आरोप है कि विधायक ने भी दुष्कर्म किया। पिता ने माखी थाने में तहरीर दी लेकिन कार्रवाई कुछ नहीं हुई।

4 अप्रैल 2018 विधायक के भाई ने पीड़िता के पिता पर मारपीट का उल्टा मुकदमा लिखवा दिया पुलिस तुरंत उसे अस्पताल से थाने लाई और पिटाई के बाद 5 अप्रैल को जेल भेज दिया।

7 अप्रैल 2018 को विधायक व उसके भाई अतुल व अन्य पर मुकदमा दर्ज करने की मांग करते हुए पीड़िता ने सीएम आवास के सामने आत्मदाह का प्रयास किया।

8 अप्रैल 2018 को दुष्कर्म पीड़िता के पिता की जेल से हालत बिगड़ी और अस्पताल में मौत हो गई।

9 अप्रैल 2018 को विधायक के भाई व अन्य पर हत्या की रिपोर्ट दर्ज की गई।

10 अप्रैल 2018 को विधायक का भाई गिरफ्तार हुआ एसआईटी का गठन हुआ।

11 अप्रैल 2018 को एसआईटी ने माखी गांव में जांच की और रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंप दी।

12 अप्रैल 2018 को परिजनों की मांग व सियासी भूचाल के बाद जांच सीबीआई के हवाले कर दी गई विधायक के विरुद्ध दुष्कर्म व उनकी करीबी शशी सिंह पर साजिश का मुकदमा दर्ज हुआ।

13 अप्रैल 2018 को सीबीआई ने गांव से विधायक को गिरफ्तार किया अगले रोज पास्को कोर्ट ने जेल भेज दिया।

28 अप्रैल 2018 को रिमांड के बाद विधायक को जिला कारागार उन्नाव भेजा गया।

8 मई 2018 को विधायक को उन्नाव जेल से सीतापुर जेल भेजा गया तब से विधायक यहीं हैं।

भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर कई सियासी घाट का पानी पी चुके हैं 1987 में माखी गांव के प्रधान चुने गए सेंगर ने सियासत की शुरुआत कांग्रेस से की। टिकट नहीं मिलने पर 2002 में बसपा में आए और उन्नाव सदर सीट से जीतकर पहली बार विधानसभा पहुंच गए यहां ज्यादा समय दाल नहीं गली और अगला चुनाव 2007 में समाजवादी पार्टी में आ गए और सीट बांगरमऊ चुनी। किस्मत के धनी सेंगर फिर जीत गए समाजवादी पार्टी ने 2012 में भगवंत नगर सीट से उतारा और फिर निर्वाचित हो गए। 2017 के चुनाव से पहले समाजवादी चोला उतार कर वह भाजपा में आ गए और फिर बांगरमऊ के विधायक चुने गए तीन भाइयों में सबसे बड़े कुलदीप सिंह की पत्नी संगीता सिंगर उन्नाव से जिला पंचायत अध्यक्ष कुलदीप का सबसे छोटा भाई अतुल सिंगर 15 महीने से जेल में है अब मंजिलें भाई मनोज सेंगर के खिलाफ भी रायबरेली में हुई घटना पर हत्या की रिपोर्ट दर्ज हो चुकी है।


20 नवंबर 2018 दुष्कर्म कांड की पैरोकारी करने वाले पीड़िता के चाचा के खिलाफ भी 3 मुकदमे दर्ज हैं एक मुकदमा विधायक के भाई अतुल ने जानलेवा हमले का लिखाया था इसमें 3 फरवरी 2019 को 10 साल की सजा हो चुकी है। रायबरेली जेल में बंद चाचा से मिलने ही पीड़िता जा रही थी। दूसरा मुकदमा जीआरपी ने लूट का माल बरामदगी का लिखाया था। जबकि तीसरा मामला न्यायालय के अभिलेख में हेरा फेरी का दर्ज है।


Conclusion:दुष्कर्म पीड़िता को इंसाफ मिलने में कितना वक्त और लगेगा यह तो कोई नहीं जानता लेकिन इसकी लड़ाई के 15 महीनों के दरमियान 4 परिजनों को वह जरूर गवां चुकी है खुद भी जिंदगी मौत के बीच झूल रही पीड़िता को तो यह भी अंदाजा नहीं है कि रविवार को हुए हादसे में वह चाची व मौसी को भी खो चुकी है घर में पहली अर्थी पिता के रूप में 8 अप्रैल 2018 को उठी थी।वहीं दूसरी अर्थी बीमार चल रही पीड़िता की दादी भी 19 फरवरी 2019 को चल बसी उसने रविवार को चाची व मौसी को भी खो दिया।
Last Updated : Jul 31, 2019, 4:31 PM IST
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