उन्नाव: हसनगंज तहसील क्षेत्र में स्थित गोपीखेड़ा गांव में आवारा जानवरों से परेशान किसानों ने अपनी सैकड़ों बीघा जमीन बिना फसल लगाए ही छोड़ दी है. किसानों का कहना है कि वह लोग जो भी फसल लगाते हैं, उसको आवारा पशु नष्ट कर देते हैं. इसी वजह से किसान अब भुखमरी की कगार पर पहुंच रहे हैं. ऐसे में प्रशासन को इस पर पाबंदी लगाने की आवश्यकता है, लेकिन कोई अधिकारी और राजनेता किसानों की समस्या हल करने का जहमत नहीं उठा पा रहे हैं. किसानों ने अपनी समस्याओं को लेकर ईटीवी भारत से न्याय की मांग की है.
खेती न करने पाने का किसानों को मलााल
किसानों में खेती न कर पाने का मलाल है. उनका कहना है कि खेत खाली रहने पर इस बार बच्चे मक्के का स्वाद नहीं ले सकेंगे, ज्वार और बाजरा भी नहीं होगा. किसानों का दर्द उनकी आंखों में छलक उठा. रोजी-रोजगार का सिर्फ एक सहारा खेती किसानी भी अन्ना पशुओं की वजह से बर्बाद हो रही है. पिछले साल खेतों में खड़ी फसल तबाह हो गई थी. नतीजा अन्नदाता के सामने अन्न का संकट खड़ा हो गया है. अब कमाई का कोई साधन न होने की वजह से किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें हैं.
किसानों की मुश्किलें बढ़ा रहे अन्ना पशु
रामकेवल बताते हैं हिम्मत करके थोड़े में उर्द बोया था. किसानों का कहना है कि एक तो गौशाला बनी नहीं और अगर अस्थाई बनवाई भी गई तो उसमें गिनती के जानवर आ पाएंगे. किसान कहते हैं कि जानवरों की संख्या हजारों में है, इसलिए बड़ी और स्थाई गोशाला से ही समस्या का समाधान होगा. खाद और बीज बहुत महंगे हैं. किसी तरह से रुपया जोड़कर खेती की जाती है. उम्मीद रहती है कि फसल होगी तो सारी मुसीबत दूर हो जाएगी, लेकिन अन्ना पशुओं की वजह से अरमानों पर पूरी तरह से पानी फिर गया. उन्नाव आए उत्तर प्रदेश सरकार के विधि एवं कानून मंत्री बृजेश पाठक से सवाल पूछा तो उन्होंने गोलमोल जवाब देकर पलड़ा झाड़ लिया.
मेरे पास नौ बीघा खेती है. जानवरों के आतंक से केवल एक बीघा धान लगाएं हैं. बाकी भूमि परती पड़ी है. कुछ किसानों ने बताया जो भी बोया जाता है. सब अन्ना मवेशी चर जाते हैं. हम लोग कैसे खेती करें. रात दिन तकवाही के बाद भी फसल नहीं बचती. अगर तकवाही के लिए जाते हैं तो आवारा पशु दौड़ा लेते हैं.
- लाला, पीड़ित किसान
आप हमें उन किसानों का नाम या ब्लॉक बता दें हम कार्रवाई करेंगे. किसी किसानों के बारे में या उनके क्षेत्र के बारे में हमें आप बता देंगे तो हम कार्रवाई करवाएंगे और किसानों की मदद करेंगे.
- ब्रजेश पाठक, विधि एवं कानून मंत्री