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उन्नाव: फैक्ट्रियों में तालाबंदी से हजारों घरों पर गहराया रोजी-रोटी का संकट - उन्नाव समाचार

उत्तर प्रदेश के उन्नाव में प्रदूषण के मानकों पर खरा न उतरने पर केंद्रीय प्रदूषण बोर्ड ने सभी चौदह फैक्ट्रियों को बंद करने का आदेश दिया था. जिसके बाद इन फैक्ट्रियों में काम करने वाले लोगों के परिवार के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है.

उन्नाव में फैक्ट्रियां बंद
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Published : Aug 8, 2019, 1:16 PM IST

उन्नाव: प्रदूषण के मानकों पर खरा ना उतरने पर केंद्रीय प्रदूषण बोर्ड के आदेश पर 41 फैक्ट्रियों को बंद कर दिया गया है. फैक्ट्रियों में काम करने वाले हजारों मजदूरों के सामने अब रोजी रोटी का संकट गहराता जा रहा है.

उन्नाव में फैक्ट्रियों में तालाबंदी से मजदूर परेशान

फैक्ट्रियां बंद मजदूर परेशान-

  • उन्नाव के कॉमन इंफ्लुएंस ट्रीटमेंट प्लांट (सीईटीपी) की दो महीने पहले केंद्रीय प्रदूषण बोर्ड की टीम ने जांच की थी.
  • सीईटीपी में 41 फैक्ट्रियों का प्रदूषित पानी आ रहा था.
  • जिसके बाद चौदह जून को जिला प्रशासन की टीम ने चिन्हित फैक्ट्रियों को सील कर दिया था.
  • दो महीनें से बंद पड़ी हैं फैक्ट्रियां.
  • जिसके बाद उन फैक्ट्रियों में काम करने वाले हजारों मजदूर बेरोजगार हो गए.

रोजी रोटी का गहराता संकट-

दो माह बीत जाने के बाद भी फैक्ट्रियां ना खुलने से अब मजदूरों के सामने रोजी रोटी का संकट गहराता जा रहा है. मजदूरों की माने तो अब घर चलाना मुश्किल हो गया है. क्योंकि 2 महीने से बेरोजगार घूमने से परिवार की हालत भी अच्छी नहीं है.

क्या कहते हैं जिम्मेदार-

सीईटीपी के अधिकारी सभी मानको को पूरा करने की बात कह रहे हैं और केंद्रीय प्रदूषण बोर्ड को सभी मानकों को पूरा करने की सूचना दे दी गयी है. हालांकि सी ई टी पी के अधिकारी भी फैक्ट्रियों की बहाली के लिए दबी जुबान में विभागीय लापरवाही की बात कह रहे है.

उन्नाव: प्रदूषण के मानकों पर खरा ना उतरने पर केंद्रीय प्रदूषण बोर्ड के आदेश पर 41 फैक्ट्रियों को बंद कर दिया गया है. फैक्ट्रियों में काम करने वाले हजारों मजदूरों के सामने अब रोजी रोटी का संकट गहराता जा रहा है.

उन्नाव में फैक्ट्रियों में तालाबंदी से मजदूर परेशान

फैक्ट्रियां बंद मजदूर परेशान-

  • उन्नाव के कॉमन इंफ्लुएंस ट्रीटमेंट प्लांट (सीईटीपी) की दो महीने पहले केंद्रीय प्रदूषण बोर्ड की टीम ने जांच की थी.
  • सीईटीपी में 41 फैक्ट्रियों का प्रदूषित पानी आ रहा था.
  • जिसके बाद चौदह जून को जिला प्रशासन की टीम ने चिन्हित फैक्ट्रियों को सील कर दिया था.
  • दो महीनें से बंद पड़ी हैं फैक्ट्रियां.
  • जिसके बाद उन फैक्ट्रियों में काम करने वाले हजारों मजदूर बेरोजगार हो गए.

रोजी रोटी का गहराता संकट-

दो माह बीत जाने के बाद भी फैक्ट्रियां ना खुलने से अब मजदूरों के सामने रोजी रोटी का संकट गहराता जा रहा है. मजदूरों की माने तो अब घर चलाना मुश्किल हो गया है. क्योंकि 2 महीने से बेरोजगार घूमने से परिवार की हालत भी अच्छी नहीं है.

क्या कहते हैं जिम्मेदार-

सीईटीपी के अधिकारी सभी मानको को पूरा करने की बात कह रहे हैं और केंद्रीय प्रदूषण बोर्ड को सभी मानकों को पूरा करने की सूचना दे दी गयी है. हालांकि सी ई टी पी के अधिकारी भी फैक्ट्रियों की बहाली के लिए दबी जुबान में विभागीय लापरवाही की बात कह रहे है.

Intro:उन्नाव:-उन्नाव में प्रदूषण के मानको पर खरा ना उतरने पर केंद्रीय प्रदूषण बोर्ड के आदेश पर बंद की गई 41 फैक्ट्रियों में काम करने वाले हज़ारो मजदूरों के सामने अब रोजी रोटी का संकट गहराता जा रहा है तालाबंदी को 2 माह बीत जाने के बाद भी अभी फैक्ट्रियों के खुलने के कोई आसार नजर नही आ रहे है जिससे लोग बेहद परेशान है दरहसल केंद्रीय प्रदूषण बोर्ड के आदेश पर प्रशासन ने 14 जून को प्रदूषण फैला रही 41 फैक्ट्रियों पर सील की कार्यवाही की थी लेकिन 2 माह बीत जाने के बाद भी फैक्ट्रियों के ताले ना खुलने से मजदूरों के सामने रोजी रोटी का संकट गहरा गया है हालांकि सी ई टी पी के अधिकारी मानको को दुरुस्त करने का दावा कर रहे है और जल्द ही सब सामान्य होने का भरोसा दिला रहे है।




Body:उन्नाव के कॉमन इंफ्लुएंस ट्रीटमेंट प्लांट (सी ई टी पी) की 2 महीने पहले केंद्रीय प्रदूषण बोर्ड की टीम द्वारा की गई जांच में मानक फेल होने के बाद सी ई टी पी में जिन 41 फैक्ट्रियों का प्रदूषित पानी आ रहा था उनको सील करने के आदेश दिए थे जिसके बाद 14 जून को जिला प्रशासन की टीम ने चिन्हित फैक्ट्रियों को सील कर दिया था जिसके बाद उन फैक्ट्रियों में काम करने वाले हज़ारो मजदूर बेरोजगार हो गए हालांकि शुरुआत में मानको को पूरा कर जल्द ही फैक्ट्रियां चालू होने के आश्वासन को लेकर मजदूर थोड़ी राहत की सांस ले रहे थे लेकिन 2 माह बीत जाने के बाद भी फैक्ट्रियां ना खुलने से अब मजदूरों के सामने रोजी रोटी का संकट गहराता जा रहा है मजदूरों की माने तो अब घर चलाना मुश्किल हो गया है क्योंकि 2 महीने से बेरोजगार घूमने से परिवार की हालत भीअच्छी नही है।

बाईट--सुरेंद्र कुमार (मजदूर)







Conclusion:वही सी ई टी पी के अधिकारी सभी मानको को पूरा करने की बात कह रहे है और केंद्रीय प्रदूषण बोर्ड को सभी मानको को पूरा कर सूचना दे दी गयी है हालांकि सी ई टी पी के अधिकारी भी फैक्ट्रियों की बहाली के लिए दबी जुबान में विभागीय लापरवाही की बात कह रहे है।

बाईट--राजीव रंजन (प्रबंधक सी ई टी पी)

वीरेंद्र यादव
उन्नाव
मो-9839757000
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