उन्नाव: प्रदेश सरकार जहां बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के लिए लगातार प्रयास कर रही है. वहीं, जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था सरकार की मंशा पर पलीता लगाती नजर आ रही है. दरअसल उमा शंकर दीक्षित जिला अस्पताल में बिजली कट जाने पर जनरेटर की व्यवस्था होने के बाबजूद नहीं चलाया जाता है. इसके चलते डॉक्टर, मरीज और कर्मचारी परेशानियों का सामना करने को मजबूर हैं.
इमरजेंसी में बिजली कट जाने के बाद जहां डॉक्टर मरीजों का इलाज अंधेरे में करते हैं. वहीं, अस्पताल के कर्मचारी भी मोबाइल टॉर्च की रोशनी से काम चलाते हैं. बता दें कि जिला अस्पताल में जनरेटर की व्यवस्था की गई है, लेकिन अस्पताल में मौजूद जनरेटर की व्यवस्था के बावजूद जनरेटर को नहीं चलाया जाता है.
जनरेटर न चलाकर डीजल की बचत की जाती है. आरोप है कि स्वास्थ्य प्रशासन की मिलीभगत से अस्पताल के कर्मचारी डीजल चोरी करके बेच देते हैं. ऐसे में सवाल यह है कि क्या स्वास्थ्य प्रशासन की मिली भगत से डीजल चोरी का खेल खेला जा रहा है. फिर उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है.
अस्पताल में बिजली के जाने पर जनरेटर की व्यवस्था का इंतजाम किया गया है. लेकिन बिजली केजाने के बावजूद जनरेटर नहीं चलाया जाता है. जनरेटर में किसी प्रकार की खराबी भी नहीं है.
डॉ. आशीष सक्सेना, इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर
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