उन्नाव: जिलाधिकारी रवीन्द्र कुमार ने शुक्रवार को सिविल लाइंस में निर्माणाधीन जरी-जरदोजी सामान्य सुविधा केन्द्र का निरीक्षण किया. जरी-जरदोजी सामान्य सुविधा केन्द्र 'एक जनपद, एक उत्पाद’ योजना के अंतर्गत स्थापित किया जा रहा है. वर्तमान में सामान्य सुविधा केन्द्र का 85 प्रतिशत निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है, लेकिन गैप फंडिंग धनराशि के अभाव में परियोजना विगत कुछ समय से लम्बित चल रही है.
गैप फंडिंग के लिए लंबित कार्य
जिलाधिकारी रवीन्द्र कुमार ने बताया कि ‘एक जनपद एक उत्पाद योजना‘ के अंतर्गत उन्नाव को जरी-जरदोजी उत्पाद आवंटित किया गया है. गैप फंडिंग के लिए राज्य सरकार से 15.53 लाख रुपये प्राप्त हो चुके हैं, जो कि निर्माणदायी संस्था यूपीएसआईसी को हस्तांतरित किए जा रहें है. साथ ही माह जुलाई 2020 में निर्माण कार्य को पूर्ण करवाते हुए अगस्त माह में प्लांट मशीनरी की स्थापना कर सीएससी को पूर्णतः कार्यशील कर दिया जाएगा.
जिले में ही मिलेगा रोजगार
जिले में सदर, हसनगंज, मोहान, मियागंज, हैदराबाद, बांगरमऊ, आसीवन आदि क्षेत्रों में लगभग 10-12 हजार जरी-जरदोजी हस्तशिल्पी जॉबवर्कर के रूप में कार्य कर रहे हैं. जिसमें उन्हें अपने परिश्रम का पूर्ण प्रतिफल प्राप्त नहीं हो पाता है. ऐसे में जरी-जरदोजी सामान्य सुविधा केन्द्र स्थापित होने से हस्तशिल्पियों को जनपद में कार्य की प्राप्ति होगी. साथ ही ब्रॉडिंग, मार्केटिंग, प्रशिक्षण व डिजाइनिंग की सुविधायें एक ही स्थान पर मिल सकेंगी.
प्रदेश का चौथा सीएससी
डीएम ने कहा कि सरकार का प्रयास है कि अधिक से अधिक जरी-जरदोजी कारीगरों को केंद्र से जोड़ते हुए आत्मनिर्भर बनाया जा सके. साथ ही उन्नाव जिले की जरी-जरदोजी की पहचान को राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय पटल पर स्थापित किया जा सके. वर्तमान में प्रदेश में क्लस्टर डेवलपमेन्ट प्रोग्राम के अंतर्गत मेरठ, खुर्जा व भदोही में तीन सामान्य सुविधा केन्द्र स्थापित हुए हैं. उन्नाव में स्थापित होने वाला सामान्य सुविधा केन्द्र इस श्रेणी में प्रदेश का चौथा सीएससी है.