नई दिल्ली: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने तमिलनाडु हिज्ब-उत-तहरीर (एचयूटी) मामले में एक और आरोपी को मंगलवार को चेन्नई से गिरफ्तार किया. एनआईए ने एक बयान में कहा कि तमिलनाडु और पुडुचेरी में कट्टरपंथी इस्लामिक संगठन हिज्ब-उत-तहरीर के स्टेट अमीर (राज्य प्रमुख) फैजुल रहमान इस मामले में गिरफ्तार होने वाला सातवां आरोपी है, जो हमीद हुसैन और अन्य आरोपियों द्वारा भारत विरोधी संगठन की विचारधारा को बढ़ावा देकर असंतोष और अलगाववाद फैलाने की साजिश से जुड़ा था.
एनआईए के मुताबिक, आरोपी फैजुल रहमान अलगाववाद का प्रचार करने और कश्मीर को आजाद कराने के लिए पाकिस्तान से सैन्य सहायता मांगने में अन्य गिरफ्तार आरोपियों के साथ सक्रिय रूप से जुड़ा हुआ था. इनकी साजिश का उद्देश्य हिंसक जिहाद छेड़कर भारत सरकार को उखाड़ फेंककर खिलाफत (इस्लामी हुकूमत) स्थापित करना था.
एनआईए की जांच में पता चला है कि रहमान और अन्य आरोपी अपने प्रचार प्रसार के लिए विभिन्न सोशल मीडिया हैंडल का इस्तेमाल कर रहे थे और चुनावी मताधिकार और मतदान के प्रयोग के खिलाफ अभियान चला रहे थे और इसे हिज्ब-उत-तहरीर की विचारधारा के अनुसार गैर-इस्लामी या हराम बता रहे थे.
गिरफ्तार किए गए सभी आरोपी कट्टरपंथी संगठन के केंद्रीय मीडिया कार्यालय के इशारे पर गुप्त या एन्क्रिप्टेड संचार प्लेटफॉर्म्स के जरिये अपने फॉलोअर्स तक एचयूटी की हिंसक विचारधारा फैला रहे थे. आरोपियों ने कई समूहों के साथ हिज्ब-उत-तहरीर की विचारधारा फैलाने के लिए कई गुप्त बैठकें भी की थीं और पूरे तमिलनाडु में विभाजनकारी अभियान चलाए थे.
एनआईए ने जुलाई 2024 में चेन्नई सिटी पुलिस से एचयूटी मामले को अपने हाथ में लिया था. फिलहाल मामले में केंद्रीय एजेंसी की जांच चल रही है.
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