लखनऊ: महाकुंभ-2025 में चार गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाए जाएंगे. इसके माध्यम से मेला प्रशासन पूरी दुनिया को ग्रीन एवं स्वच्छ महाकुंभ का संदेश देगा. इस पर कुल 4.87 करोड़ रुपये खर्च होंगे. प्रस्तावों को मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह की अध्यक्षता में प्रयागराज महाकुंभ मेला 2025 की शीर्ष समिति की 11वीं बैठक मंजूरी दी गई.
ये बनेंगे रिकॉर्ड
- मेला प्रशासन की ओर से एक हजार ई-रिक्शे की परेड निकाली जाएगा.
- एक साथ 15 हजार लोगों के माध्यम से घाटों की सफाई का रिकॉर्ड बनाया जाएगा.
- 300 लोग एक साथ नदी में उतरेंगे और सफाई अभियान को गति देने के साथ ही पूरे विश्व को स्वच्छता का संदेश देंगे.
- गंगा पंडाल व मेला क्षेत्र में मात्र आठ घंटे में 10 हजार लोगों के हाथों हैण्डप्रिंट पेंटिंग बनाने का रिकॉर्ड बनाया जाएगा.
मुख्य सचिव ने कहा कि महाकुंभ मेला 2025 के आयोजन में कुछ माह ही शेष हैं, संबंधित विभागों के अपर मुख्य सचिव अथवा प्रमुख सचिव स्थलीय निरीक्षण कर निर्माणाधीन परियोजनाओं का कार्य निर्धारित मानक एवं गुणवत्ता के साथ तय समय में पूरा कराना सुनिश्चित कराएं. श्रद्धालुओं के लिए सर्वोत्तम सुविधाओं की व्यवस्था करने तथा संगम क्षेत्र व घाटों को स्वच्छ और सुंदर बनाया जाए.
तैयारियों में किसी भी प्रकार की कोई कमी नहीं रहनी चाहिए. वर्टिकल गार्डेन का अच्छे से रख-रखाव किया जाए. उन्होंने कहा कि मेला क्षेत्र में एक लाइब्रेरी स्थापित की जाए. लाइब्रेरी में सनातन धर्म व संस्कृति तथा महाकुंभ से संबंधित पाठ्य पुस्तकों को रखा जाए, जिससे मेला क्षेत्र में आने वाले श्रद्धालु पुस्तक पढ़कर अपना ज्ञानवर्धन कर सकें.
बैठक में महाकुंभ मेला अवधि के दौरान सकुशल सुगमतापूर्वक आवागमन के लिए 281.84 लाख रुपये की लागत से रैना मार्ग का चौड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण के लोक निर्माण विभाग के प्रस्ताव को अनुमोदन प्रदान किया गया. यह मार्ग त्रिवेणी मार्ग से समुद्रकूप मार्ग तक जाता है.
जनपद प्रयागराज में महाकुंभ के लिए अस्थाई स्टोर हेतु अस्थायी वेयर हाउस, अस्थाई बाउण्ड्रीवाल एवं पहुँच मार्ग निर्माण के साथ अन्य स्टोर सम्बन्धित कार्य के लिए लोक निर्माण विभाग के 798.17 लाख रुपये के प्रस्ताव को अनुमोदन प्रदान किया गया.
बैठक में महाकुंभ हेतु आईआईटी-गुवाहाटी के विशेषज्ञों द्वारा दिये गये परामर्श के अनुसार जनपद प्रयागराज में गंगा नदी के दाहिने तट पर शास्त्री ब्रिज से संगम नोज तक 1957.71 लाख रुपये की लागत से सरकुलेटिंग एरिया के वृद्धि सम्बन्धित कार्य के लिए सैद्धांतिक सहमति प्रदान की गई.
साथ ही सिंचाई विभाग को सुसंगत प्रस्ताव तैयार कर नगर विकास विभाग को प्रेषित करने के निर्देश दिए गए. यह भी कहा गया कि नगर विकास विभाग द्वारा करायी जाए. महाकुंभ में सफाई कार्य के लिए 3200 अतिरिक्त सफाई मजदूरों को 90 दिनों के लिए आउटसोर्सिंग के माध्यम से आबद्ध करने के नगर निगम प्रयागराज के प्रस्ताव को बैठक में मंजूरी प्रदान की गई. इस पर 1435.32 लाख रुपए व्यय होगा.
इसके अलावा महाकुंभ-2025 का आईआईटी-कानपुर द्वारा समग्र मूल्यांकन करने के लिए 95.53 लाख रुपये के प्रस्ताव को अनुमोदन प्रदान किया. आईआईटी कानपुर की टीम पुलिस सिक्योरिटी एवं उनके डिप्लॉयमेंट प्लान्स, ट्रैफ़िक एवं श्रद्धालुओं के मूवमेंट एक्सपीरियंस, मेले संबंधित सभी कार्यों की प्लानिंग, ऑर्गेनाइजेशन एवं प्रोजेक्ट मैनेजमेंट स्ट्रेटेजीज़ तथा मेले के सोशियो इकोनॉमिक इम्पैक्ट के बारे में रिसर्च कर रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी.
महाकुंभ मेला में अस्थाई विद्युतीकरण के कार्यों के लिए 2847.40 लाख रुपये के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई. इसी तरह प्रयागराज मेला प्राधिकरण में स्थायी थाने के निर्माण के लिए 19.304 लाख रुपये तथा पुलिस लाइन कमिश्नरेट, प्रयागराज में यमुना गेस्ट हाउस के जीर्णोंद्धार एवं सुदृढ़ीकरण के लिए 48.61 लाख रुपये के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की गई.
महाकुम्भ में आने वाले कल्पवासियों व श्रद्धालुओं को शासन द्वारा निर्धारित मूल्य पर खाद्यान्न, चीनी एवं रसोई गैस उपलब्ध कराये जाने के कार्य के लिए खाद्य एवं रसद विभाग के 965.08 लाख रुपये के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गई.
शास्त्री पुल एवं फाफामऊ पुल पर वर्टिकल गार्डेन विकसित किए जाने के लिए 347.95 लाख रुपये के प्रयागराज विकास प्राधिकरण के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गई. यमुना रिवर फ्रन्ट के लिए प्रयागराज विकास प्राधिकरण के 497.80 लाख रुपए के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की गई.
इसी प्रकार महाकुंभ में विभिन्न देशों से आने वाले राजदूत व अति विशिष्ट जन को सोविनियर्स उपलब्ध कराये जाने के लिए पर्यटन विभाग के 10 लाख रुपये तथा विकास भवन में विभिन्न कार्यों के लिए मीटिंग हॉल, अतिथि गृह एवं स्वच्छाग्राहियों के अनुश्रवण हेतु आईसीसी व व्यूयिंग रूम के निर्माण के लिए 370.92 लाख रुपये के प्रस्ताव को अनुमोदन प्रदान किया गया.
नेशनल प्रोग्राम फॉर बर्न सर्जरी के अन्तर्गत 12 बेड की बर्न यूनिट एवं रानी लक्ष्मीबाई महिला सम्मान कोष योजना के तहत 26 बेड की बर्न यूनिट की स्थापना के लिए 230 लाख रुपये के मोती लाल नेहरु मेडिकल कॉलेज के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की गई.
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