उन्नावः बीएसए बीके शर्मा पर वित्तीय और कार्य अनियमितता के कई आरोपों के चलते निलंबित कर दिया गया है. आंशिक जांच में इनके द्वारा तथ्य और अभिलेख छुपाए जाने के आरोप भी हैं. अपर सचिव बेसिक शिक्षा रेणुका कुमार ने जांच चलने तक बीएसए शर्मा को निलंबित कर दिया है. निलंबन के दौरान आरोपों की राज्यपाल से नामित अधिकारी कानपुर मंडल आयुक्त जांच करेंगे.
बीएसए पर ये हैं आरोप-
विभिन्न प्रकरणों में लगाए गए आरोपों की जांच के लिए प्राप्त शिकायतों के संदर्भ में बीएसए बीके शर्मा से स्पष्टीकरण तलब किया गया था. लगातार रिमाइंडरों में 9 मई को अंतिम रिमाइंडर दिया गया था. लेकिन बीएसए ने प्रकरणों की सफाई में ना तो स्पष्टीकरण ही दिया है और ना ही आख्या उपलब्ध कराई है.
लगभग साढे 3 माह पहले समेकित शिक्षा के रिसोर्ट सेंटर में प्रयोग होने वाली सामग्री खरीद में उन्होंने एडीएम राकेश कुमार सिंह की अध्यक्षता में गठित चार सदस्यीय कमेटी को दरकिनार कर दिया. जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय के वित्त एवं लेखा अधिकारी और जिला समन्वयक शशिप्रभा श्रीवास्तव के साथ मिलकर अपने स्तर से दृष्टिबाधित छात्रों के लिए उपकरण खरीद लिए. बीएसए ने ये उपकरण दो चरणों के अंतर्गत प्रत्येक में 43502 रुपए खर्च कर खरीदे.
निलंबन का तीसरा मुख्य कारण एडेड स्कूलों में शिक्षक भर्ती के संबंध में बीएसए बीके शर्मा की शिकायतें पहुंची. जिस पर जिला विकास अधिकारी की अध्यक्षता में जांच के लिए 3 सदस्यीय कमेटी गठित की गई. डीएम ने बीएसए से संबंधित पत्रावलियां जांच समिति को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए.
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बीएसए ने डीएम को बताया कि 15-20 दिन पहले संबंधित पत्रावलियां निदेशालय भेजी गई हैं. डीएम ने 17 जून को निदेशालय से पत्राचार किया तो पता चला कि नियुक्ति से संबंधित पत्रावली वहां भेजी ही नहीं गई. निदेशालय ने बताया कि कोई भी ऐसी पत्रावली बीएसए से नहीं मंगाई गई है. निदेशक ने कहा कि बीएसए ने तथ्य छुपाने और अभिलेख प्रस्तुत ना किए जाने का कुत्सित प्रयास किया है.