लखीमपुर खीरी: जिले में मेडिकल कॉलेज के बनने से पहले ही रार और तकरार शुरू हो गई है. अटकलें लगाई जा रही हैं कि मेडिकल कॉलेज अब देवकली के सैदापुर गांव से हटकर फूलबेहड़ इलाके के ताहिरपुर गांव में बनने का प्रस्ताव गया है, जब से यह बात सामने आई है देवकली इलाके के ग्राम प्रधान और विपक्षी दल इसे सियासी साजिश बता विरोध में उतर आए हैं.
दरअसल खीरी जिले में 20 एकड़ जमीन में मेडिकल कॉलेज बनना था. इसके लिए योगी सरकार ने घोषणा भी कर दी थी. पहले नकहा इलाके में एक जगह देखी गई थी, लेकिन वह जगह मानक के अनुरूप नहीं पाई गई तो देवकली तीर्थ के आगे सैदापुर भाऊ गांव में मेडिकल कॉलेज का प्रस्ताव गया. 16 एकड़ जमीन ग्रामसभा ने मेडिकल कॉलेज को दान दी. शासन ने 20 करोड़ रुपये मेडिकल कॉलेज के लिए अवमुक्त कर दिया, लेकिन लॉकडाउन में अचानक एक दिन खबर आई कि अब मेडिकल कॉलेज ताहिरपुर में बनेगा. यह खबर आते ही स्थानीय लोग सकते में आ गए. देवकली में मेडिकल कॉलेज की आस लगाए लोग और इलाके के प्रधान अब इस बात से निराश हैं. उनको गिला यह भी है कि आखिर लॉकडाउन में चोरी छिपे मेडिकल कॉलेज की जगह को क्यों बदला जा रहा? कहीं कोई प्रापर्टी डीलरों का कोई बड़ा गेम तो नहीं.
पूर्व प्रधान और कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष राघवेंद्र बहादुर सिंह ने देवकली में ही मेडिकल कॉलेज बनवाने की मांग की. आरोप लगाया कि कुछ नेता निजी स्वार्थवश मेडिकल कॉलेज की जगह बदलवाने में लगे हैं, जबकि देवकली में रेलवे स्टेशन, नेशनल हाईवे भी पास ही है, जिससे लोगों को आने-जाने में दिक्कत नहीं होगी.
ग्राम प्रधान संगठन के धरने को समर्थन देने आए कांग्रेस जिलाध्यक्ष प्रहलाद पटेल ने कहा कि मेडिकल कॉलेज की जगह क्यों बदली जा रही. इसमें प्रापर्टी डीलरों और कुछ नेताओं की मिलीभगत दिख रही. वहीं सत्ताधारी कुछ नेता जनप्रतिनिधि भी देवकली में ही मेडिकल कॉलेज बनने का समर्थन कर रहे. श्रीपटेल ने कहा कि मुख्यमंत्री इसे संज्ञान में लें. मेडिकल कॉलेज की जगह न बदलवाने के निर्देश स्थानीय नेता प्रशासन को दें.