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यूपी में HMPV की एंट्री; लखनऊ की 60 साल की महिला में मिला कोरोना जैसा वायरस - HMPV CASE IN UP

अब तक देश में 7 मामले सामने आए हैं. इनमें कर्नाटक और तमिलनाडु में 2-2, पश्चिम बंगाल और गुजरात में एक-एक केस मिला है.

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लखनऊ की 60 साल की महिला में मिला कोरोना जैसा वायरस. (Photo Credit; ETV Bharat Archive)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : 11 hours ago

Updated : 11 hours ago

लखनऊ: यूपी की राजधानी लखनऊ में चीन के ह्यूमन मेटाक्यूमो वायरस (HMPV) ने दस्तक दे दी है. गुरुवार को एचएमपीवी पीड़ित महिला को बलरामपुर अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां पर उसका इलाज शुरू हो चुका है. मामला कैंट विधानसभा क्षेत्र का है.

पीड़ित महिला को बुधवार को केजीएमयू में भर्ती कराया गया था. केजीएमयू में प्राथमिक इलाज के बाद बलरामपुर अस्पताल रेफर कर दिया गया. बलरामपुर अस्पताल के निदेशक डॉ. सुशील प्रकाश ने बताया कि यह कैंट क्षेत्र का मामला है. महिला का इलाज कराया जा रहा है. डायग्नोस्टिक सेंटर की रिपोर्ट में महिला एचएमपीवी पॉजिटिव आई है. महिला की उम्र 60 वर्ष है.

वायरस से डरने की जरूरत नहीं: लोग अभी कोविड-19 की महामारी भुला पाए थे कि देश में HMPV फैलना शुरू हो गया. दो दिन में कई केस सामने आने के बाद लोगों में डर पैदा होने लगा है. ऐसे में किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) के रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. सूर्यकांत ने लोगों से इस वायरस से न डरने की बात कही है. उनका कहना है कि सतर्कता से इससे बचा जा सकता है.

HMPV एक श्वसन वायरस: डॉ. सूर्यकांत ने बताया कि चीन से मिली मौजूदा जानकारी के अनुसार HMPV संक्रमण के लक्षण ज्यादातर 14 साल से कम उम्र के बच्चों, बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं में देखे जाते हैं. HMPV एक श्वसन वायरस है, जिसे 2001 में नीदरलैंड में खोजा गया था. यह खांसी, बुखार, नाक बंद होना और सांस लेने में कठिनाई सहित सामान्य सर्दी या कोविड- 19 जैसे लक्षण पैदा करता है. गंभीर मामलों में यह ब्रोंकाइटिस या निमोनिया का कारण बन सकता है.

HMPV को लेकर गाइडलाइन

  • बच्चे और बुजुर्ग या किसी अन्य गंभीर बीमारी से ग्रसित लोग खास तौर पर सावधानी बरतें.
  • भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर जाने से बचें.
  • छींकते-खांसते समय नाक और मुंह को रूमाल से या टिश्यू से ढकें.
  • साबुन-पानी से हाथों को समय-समय पर धोते रहें.
  • अधिक मात्रा में पानी व तरल पदार्थों का सेवन करें और पौष्टिक आहार लें.
  • सर्दी, खांसी जुकाम होने पर डॉक्टर से परामर्श करें और दवा खाएं.
  • HMPV के लक्षण होने पर स्वस्थ लोगों से दूरी बना लें.

HMPV को लेकर क्यों बढ़ी चिंता: डॉ. सूर्यकांत ने बताया कि HMPV को लेकर चिंता इसलिए बढ़ गई है क्योंकि, अभी तक कोई विशिष्ट टीका या एंटी वायरल दवा विकसित नहीं हुई है. संक्रमित व्यक्तियों को आमतौर पर आराम और बुखार कम करने वाली सामान्य दवाओं से इलाज किया जाता है और लक्षण आमतौर पर 2-5 दिनों के भीतर ठीक हो जाते हैं.

भारत में अब तक HMPV के कितने मामले: गंभीर मामलों में ऑक्सीजन सपोर्ट की आवश्यकता हो सकती है. सभी को सतर्क रहने की आवश्यकता है, लेकिन बच्चे, बुजुर्ग, गर्भवती महिलाएं और कमजोर प्रतिरक्षा या पहले से मौजूद गंभीर स्थितियों जैसे फेफड़े, हृदय, किडनी, लीवर की बीमारियों या कैंसर वाले व्यक्ति अधिक जोखिम में हैं. बता दें कि यूपी में केस मिलने के बाद अब तक देश में 7 मामले सामने आए हैं. इनमें कर्नाटक और तमिलनाडु में 2-2, पश्चिम बंगाल और गुजरात में एक-एक केस मिला है.

ये भी पढ़ेंः महाकुंभ 2025; HMPV को लेकर अखाड़ा परिषद ने की अपील, रवींद्र पुरी बोले- जिसमें लक्षण दिखे, वो तंबू में ही रहे

लखनऊ: यूपी की राजधानी लखनऊ में चीन के ह्यूमन मेटाक्यूमो वायरस (HMPV) ने दस्तक दे दी है. गुरुवार को एचएमपीवी पीड़ित महिला को बलरामपुर अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां पर उसका इलाज शुरू हो चुका है. मामला कैंट विधानसभा क्षेत्र का है.

पीड़ित महिला को बुधवार को केजीएमयू में भर्ती कराया गया था. केजीएमयू में प्राथमिक इलाज के बाद बलरामपुर अस्पताल रेफर कर दिया गया. बलरामपुर अस्पताल के निदेशक डॉ. सुशील प्रकाश ने बताया कि यह कैंट क्षेत्र का मामला है. महिला का इलाज कराया जा रहा है. डायग्नोस्टिक सेंटर की रिपोर्ट में महिला एचएमपीवी पॉजिटिव आई है. महिला की उम्र 60 वर्ष है.

वायरस से डरने की जरूरत नहीं: लोग अभी कोविड-19 की महामारी भुला पाए थे कि देश में HMPV फैलना शुरू हो गया. दो दिन में कई केस सामने आने के बाद लोगों में डर पैदा होने लगा है. ऐसे में किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) के रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. सूर्यकांत ने लोगों से इस वायरस से न डरने की बात कही है. उनका कहना है कि सतर्कता से इससे बचा जा सकता है.

HMPV एक श्वसन वायरस: डॉ. सूर्यकांत ने बताया कि चीन से मिली मौजूदा जानकारी के अनुसार HMPV संक्रमण के लक्षण ज्यादातर 14 साल से कम उम्र के बच्चों, बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं में देखे जाते हैं. HMPV एक श्वसन वायरस है, जिसे 2001 में नीदरलैंड में खोजा गया था. यह खांसी, बुखार, नाक बंद होना और सांस लेने में कठिनाई सहित सामान्य सर्दी या कोविड- 19 जैसे लक्षण पैदा करता है. गंभीर मामलों में यह ब्रोंकाइटिस या निमोनिया का कारण बन सकता है.

HMPV को लेकर गाइडलाइन

  • बच्चे और बुजुर्ग या किसी अन्य गंभीर बीमारी से ग्रसित लोग खास तौर पर सावधानी बरतें.
  • भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर जाने से बचें.
  • छींकते-खांसते समय नाक और मुंह को रूमाल से या टिश्यू से ढकें.
  • साबुन-पानी से हाथों को समय-समय पर धोते रहें.
  • अधिक मात्रा में पानी व तरल पदार्थों का सेवन करें और पौष्टिक आहार लें.
  • सर्दी, खांसी जुकाम होने पर डॉक्टर से परामर्श करें और दवा खाएं.
  • HMPV के लक्षण होने पर स्वस्थ लोगों से दूरी बना लें.

HMPV को लेकर क्यों बढ़ी चिंता: डॉ. सूर्यकांत ने बताया कि HMPV को लेकर चिंता इसलिए बढ़ गई है क्योंकि, अभी तक कोई विशिष्ट टीका या एंटी वायरल दवा विकसित नहीं हुई है. संक्रमित व्यक्तियों को आमतौर पर आराम और बुखार कम करने वाली सामान्य दवाओं से इलाज किया जाता है और लक्षण आमतौर पर 2-5 दिनों के भीतर ठीक हो जाते हैं.

भारत में अब तक HMPV के कितने मामले: गंभीर मामलों में ऑक्सीजन सपोर्ट की आवश्यकता हो सकती है. सभी को सतर्क रहने की आवश्यकता है, लेकिन बच्चे, बुजुर्ग, गर्भवती महिलाएं और कमजोर प्रतिरक्षा या पहले से मौजूद गंभीर स्थितियों जैसे फेफड़े, हृदय, किडनी, लीवर की बीमारियों या कैंसर वाले व्यक्ति अधिक जोखिम में हैं. बता दें कि यूपी में केस मिलने के बाद अब तक देश में 7 मामले सामने आए हैं. इनमें कर्नाटक और तमिलनाडु में 2-2, पश्चिम बंगाल और गुजरात में एक-एक केस मिला है.

ये भी पढ़ेंः महाकुंभ 2025; HMPV को लेकर अखाड़ा परिषद ने की अपील, रवींद्र पुरी बोले- जिसमें लक्षण दिखे, वो तंबू में ही रहे

Last Updated : 11 hours ago
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