सहारनपुर: कानपुर में दबिश देने आई पुलिस टीम पर हमला करने वाला विकास दुबे 15 साल पहले सहारनपुर में भी गिरफ्तार हो चुका है. कानपुर में कुख्यात अपराधी विकास दुबे ने गैंग के साथ गुरुवार की रात में दबिश देने आई पुलिस पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी. छत पर चढ़ धोखे से की गई फायरिंग में आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए, जबकि पांच की हालत गंभीर बनी हुई है. इस कुख्यात बदमाश को 15 साल पहले जिले के थाना जनकपुरी ने गिरफ्तार कर जेल भेजा था.
जिले के तत्कालीन एसएसपी रहे अमिताभ यश के निर्देशन में थानाध्यक्ष ऋषि राम कठेरिया ने विकास दुबे को नारकोटिक्स एक्ट में जिला अस्पताल के पास से गिरफ्तार किया था. बताया जा रहा है कि एसएसपी की पूछताछ में विकास दुबे फिल्मी स्टाइल में रौब गालिब कर जवाब दे रहा था.
दरअसल गुरुवार की देर रात उत्तर प्रदेश में आतंक का प्रयाय बन चुके हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को पकड़ने गई पुलिस और बदमाशों के बीच मुठभेड़ हो गई. इस दौरान विकास दुबे और उसके साथियों ने छत पर चढ़कर पुलिस टीम पर गोलियां बरसा दीं. इस मुठभेड़ में डीएसपी देवेंद्र मिश्र, एसओ शिवराजपुर, महेश यादव समेत आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए.
कुख्यात विकास दुबे का अपराध जगत से पुराना नाता रहा है. कई जिलों में न सिर्फ हथियारों की तस्करी की बल्कि कई हत्या, लूट, डकैती समेत सैकड़ों संगीन धाराओं में मुकदमे दर्ज हैं. एसपी सिटी विनीत भटनागर ने दूरभाष पर हुई बातचीत में बताया कि जनपद सहारनपुर जिले के थाना जनकपुरी में भी 15 साल पहले नारकोटिक्स एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर विकास दुबे को गिरफ्तार किया था.
उस वक्त वर्तमान में एसटीएफ के आईजी अमिताभ यश सहारनपुर जिले में एसएसपी पद पर तैनात थे. उनकी तैनाती के दौरान थाना जनकपुरी पुलिस ने विकास दुबे को नारकोटिक एक्ट के तहत अस्पताल के पास से गिरफ्तार किया था. एसएसपी रहे अमिताभ यश ने थाना जनकपुरी पहुंचकर विकास दुबे से गहन पूछताछ की थी. पुलिस कस्टडी में भी पूछताछ के दौरान विकास दुबे एसएसपी से पूरे रौब से फिल्मी स्टाइल में बात कर रहा था.