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सुलतानपुर में दो धड़ वाले बच्चे ने लिया जन्म, डॉक्टर नहीं काट सके नाल

उत्तर प्रदेश के सुलतानपुर में एक सिर और दो धड़ वाले बच्चे ने जन्म लिया. जिस अस्पताल में बच्चे ने जन्म लिया, वहां डॉक्टर उसका नाल नहीं काट सके. परिजन उसे जिला अस्पताल ले गए. यहां डॉक्टर ने अल्पविकसित बच्चे की नाल काटी और बिना उसका इलाज किए वापस परिजनों को लौटा दिया.

सुलतानपुर में दो धड़ वाले बच्चे ने जन्म लिया.
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Published : Aug 24, 2019, 11:20 PM IST

सुलतानपुर: जिले के भदैया विकासखंड में एक सिर और दो धड़ वाले अल्पविकसित बच्चे ने जन्म लिया. अस्पताल में जन्मे बच्चे का नाल डॉक्टर नहीं काट सके. इसके बाद परिजन महिला चिकित्सालय पहुंचे. यहां डॉक्टर ने सिर्फ बच्चे की नाल काटकर छोड़ दिया और बिना समुचित इलाज किए बच्चे को वापस परिजनों को सौंप दिया.

सुलतानपुर में दो धड़ वाले बच्चे ने जन्म लिया.


क्या है पूरा मामला

  • मामला सुल्तानपुर जिले के भदैया विकासखंड से जुड़ा हुआ है.
  • यहां के स्थानीय गांव में एक अस्पताल में नवजात शिशु पैदा हुआ.
  • यह अल्पविकसित ऐसा नवजात है, जिसके दो धड़ और एक सिर है और पूरा आपस में जुड़ा हुआ है.
  • इस बच्चे की नाल संबंधित अस्पताल के डॉक्टर नहीं काट सके, तो परिजन इसे लेकर जिला अस्पताल पहुंचे.
  • यहां डॉक्टरों ने नाल तो काट दी, लेकिन बच्चे का न तो टीकाकरण किया और न ही इस अविकसित बच्चे को अलग करने के लिए कोई ऑपरेशन की तैयारी की गई.

पढ़ें- आजमगढ़ में खुली सरकारी दावों की पोल, सड़कों पर तड़प रहे गोवंश

बिना समुचित इलाज किए परिजनों को सौंपा

  • चिकित्सकों की संवेदनहीनता का आलम यह रहा कि परिजनों को बच्चा सौंप दिया गया और वे लेकर इसे चले गए.
  • बच्चे की मौजूदा स्थिति क्या है, इसे बताने को कोई डॉक्टर तैयार नहीं है.
  • प्रभारी महिला चिकित्सालय के अधीक्षक डॉ. केके भट्ट ने कहा कि उस बच्चे की नाल काट दी गई है. इसके बाद उसे परिजनों को सौंप दिया गया.
  • अधीक्षक ने टीकाकरण और चिकित्सा नहीं किए जाने के सवाल पर कोई जवाब नहीं दिया.

सुलतानपुर: जिले के भदैया विकासखंड में एक सिर और दो धड़ वाले अल्पविकसित बच्चे ने जन्म लिया. अस्पताल में जन्मे बच्चे का नाल डॉक्टर नहीं काट सके. इसके बाद परिजन महिला चिकित्सालय पहुंचे. यहां डॉक्टर ने सिर्फ बच्चे की नाल काटकर छोड़ दिया और बिना समुचित इलाज किए बच्चे को वापस परिजनों को सौंप दिया.

सुलतानपुर में दो धड़ वाले बच्चे ने जन्म लिया.


क्या है पूरा मामला

  • मामला सुल्तानपुर जिले के भदैया विकासखंड से जुड़ा हुआ है.
  • यहां के स्थानीय गांव में एक अस्पताल में नवजात शिशु पैदा हुआ.
  • यह अल्पविकसित ऐसा नवजात है, जिसके दो धड़ और एक सिर है और पूरा आपस में जुड़ा हुआ है.
  • इस बच्चे की नाल संबंधित अस्पताल के डॉक्टर नहीं काट सके, तो परिजन इसे लेकर जिला अस्पताल पहुंचे.
  • यहां डॉक्टरों ने नाल तो काट दी, लेकिन बच्चे का न तो टीकाकरण किया और न ही इस अविकसित बच्चे को अलग करने के लिए कोई ऑपरेशन की तैयारी की गई.

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बिना समुचित इलाज किए परिजनों को सौंपा

  • चिकित्सकों की संवेदनहीनता का आलम यह रहा कि परिजनों को बच्चा सौंप दिया गया और वे लेकर इसे चले गए.
  • बच्चे की मौजूदा स्थिति क्या है, इसे बताने को कोई डॉक्टर तैयार नहीं है.
  • प्रभारी महिला चिकित्सालय के अधीक्षक डॉ. केके भट्ट ने कहा कि उस बच्चे की नाल काट दी गई है. इसके बाद उसे परिजनों को सौंप दिया गया.
  • अधीक्षक ने टीकाकरण और चिकित्सा नहीं किए जाने के सवाल पर कोई जवाब नहीं दिया.
Intro:एक्सक्लुसिव स्टोरी
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शीर्षक : सुलतानपुर के सरकारी हास्पिटल में एक सिर और दो धड़ के नवजात को नहीं मिली चिकित्सा।





सुल्तानपुर जिले के महिला चिकित्सालय में चिकित्सक मरीजों से अपना पीछा छुड़ाते हैं। संवेदनहीनता की हद तब हो गई जब एक सिर और दो धड़के बच्चे कुछ जिला महिला अस्पताल लाया गया। डॉक्टरों ने चिकित्सा और टीकाकरण की जरूरत समझे बिना इस बच्चे को वापस परिजनों को सौंप दिया। नाल काटकर अपना पीछा छुड़ा लिया । जबकि विदेशों में ऐसे बच्चों को तुरंत शल्य चिकित्सा के माध्यम से बचाने का प्रयास किया जाता है। क्योंकि यह दुर्लभ श्रेणी के नवजात बच्चे होते हैं।


Body:मामला सुल्तानपुर जिले के भदैया विकासखंड से जुड़ा हुआ है। जहां के एक स्थानीय गांव में नवजात शिशु पैदा हुआ। बताया जा रहा है कि यह किसी अस्पताल में पैदा हुआ । यह अल्पविकसित ऐसा नवजात है । जिस बच्चे के दो घड़ और एक सिर हैं और यह पूरा आपस में जुड़ा हुआ है । इस बच्चे का नाल संबंधित अस्पताल के डॉक्टर नहीं काट सके तो परिजन इसे लेकर जिला अस्पताल पहुंचे। जहां डाक्टरों ने नाम तो काट दिया। लेकिन बच्चे का न तो टीकाकरण किया गया और ना ही इस अविकसित बच्चे को अलग करने के लिए कोई ऑपरेशन की तैयारी की गई। चिकित्सकों की संवेदनहीनता का आलम यह रहा कि परिजनों को बच्चा सौंप दिया गया और वे लेकर इसे चले गए । मौजूदा स्थिति बच्चे की क्या है । इसे बताने को कोई डॉक्टर तैयार नहीं है।


Conclusion:बाइट : प्रभारी महिला चिकित्सालय के अधीक्षक डॉ के के भट्ट कहते हैं कि उस बच्चे का नाल काटा गया। इसके बाद उसे परिजनों को सौंप दिया गया। बच्चे की वर्तमान स्थिति क्या है। इसे बताने में खुद को असमर्थ बताते हैं। टीकाकरण और चिकित्सा नहीं किए जाने के सवाल पर उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।



आशुतोष मिश्रा , सुल्तानपुर , 94 15049 256
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