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सुलतानपुर: हत्याकांड के गवाह को बनाया मुलजिम, कोर्ट सख्त

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Published : Oct 5, 2019, 10:46 PM IST

उत्तर प्रदेश के सुलतानपुर में प्रेमिका से छेड़छाड़ किए जाने पर प्रेमी-प्रमिका ने मिलकर मनचले को मौत के घाट उतार दिया. वहीं पुलिस ने इस मामले में गवाह को ही मुलजिम करार करने की कोशिश की जिस पर कोर्ट ने सख्ती बर्ती.

प्रेमी-प्रमिका ने मिलकर किया मनचले की हत्या.

सुलतानपुर: प्रेमिका को छेड़ने पर प्रेमी और प्रेमिका की तरफ से मनचले की हत्या किए जाने के मामले में कोर्ट ने पुलिस की विवेचना रिपोर्ट को काल्पनिक करार दिया है. न्यायालय का कहना है कि जिस व्यक्ति को मुलजिम बनाया गया है, उसे अगर गवाह बनाया जाता तो हत्यारोपी प्रेमी-प्रेमिका को दंडित आसानी से किया जा सकता था. उपयोग में आई बाइक के स्वामी मुलजिम को अदालत ने बेगुनाह मानते हुए मामले से बाहर कर दिया है.

प्रेमी-प्रमिका ने मिलकर किया मनचले की हत्या.

प्रेमी-प्रमिका ने की मनचले की हत्या

  • मामला सुलतानपुर जिले के कमला नेहरू संस्थान से जुड़ा हुआ है.
  • यहां एलएलबी के छात्र-छात्राएं एक शादी में शामिल होने आए थे.
  • इस दौरान कई लोगों ने शराब पी ली थी और जश्न मना रहे थे.

बचाव पक्ष के अधिवक्ता अरविंद सिंह कहते हैं कि

  • इस दौरान आरटीआई छात्र शैलेंद्र तिवारी की तरफ से सरिता एलएलबी छात्रा से कुछ छेड़छाड़ की गई.
  • इस पर उसके प्रेमी सतीश ने विरोध किया.
  • विवाद इतना बढ़ गया कि रात में ही सतीश और सरिता ने मिलकर शैलेंद्र की हत्या कर दी.

वहीं कोतवाली नगर में मुकदमा पंजीकृत हुआ और न्यायालय में आरोप पत्र भेजा गया. न्यायालय ने एक अन्य एलएलबी छात्र महेंद्र पटेल की बाइक घटनास्थल से बरामद किए जाने और उसे मुलजिम बनाए जाने के प्रकरण में पर्याप्त साक्ष्य नहीं पाया गया.

जिला और सत्र न्यायालय ने प्रकरण को संज्ञान में लेते हुए कहा कि यदि महेंद्र पटेल को गवाह बनाया जाता तो प्रेमी और प्रेमिका जो हत्यारोपी रहे उन्हें आसानी से सजा दिलाई जा सकती थी. मामले में चांदा थाना क्षेत्र के फुनगारा निवासी आईटीआई छात्र शैलेंद्र तिवारी की हत्या कर दी गई थी. उसकी मां अनुपमा पत्नी शिव शंकर की तहरीर पर मुकदमा पंजीकृत किया गया था.
-अरविंद सिंह राजा, अधिवक्ता

सुलतानपुर: प्रेमिका को छेड़ने पर प्रेमी और प्रेमिका की तरफ से मनचले की हत्या किए जाने के मामले में कोर्ट ने पुलिस की विवेचना रिपोर्ट को काल्पनिक करार दिया है. न्यायालय का कहना है कि जिस व्यक्ति को मुलजिम बनाया गया है, उसे अगर गवाह बनाया जाता तो हत्यारोपी प्रेमी-प्रेमिका को दंडित आसानी से किया जा सकता था. उपयोग में आई बाइक के स्वामी मुलजिम को अदालत ने बेगुनाह मानते हुए मामले से बाहर कर दिया है.

प्रेमी-प्रमिका ने मिलकर किया मनचले की हत्या.

प्रेमी-प्रमिका ने की मनचले की हत्या

  • मामला सुलतानपुर जिले के कमला नेहरू संस्थान से जुड़ा हुआ है.
  • यहां एलएलबी के छात्र-छात्राएं एक शादी में शामिल होने आए थे.
  • इस दौरान कई लोगों ने शराब पी ली थी और जश्न मना रहे थे.

बचाव पक्ष के अधिवक्ता अरविंद सिंह कहते हैं कि

  • इस दौरान आरटीआई छात्र शैलेंद्र तिवारी की तरफ से सरिता एलएलबी छात्रा से कुछ छेड़छाड़ की गई.
  • इस पर उसके प्रेमी सतीश ने विरोध किया.
  • विवाद इतना बढ़ गया कि रात में ही सतीश और सरिता ने मिलकर शैलेंद्र की हत्या कर दी.

वहीं कोतवाली नगर में मुकदमा पंजीकृत हुआ और न्यायालय में आरोप पत्र भेजा गया. न्यायालय ने एक अन्य एलएलबी छात्र महेंद्र पटेल की बाइक घटनास्थल से बरामद किए जाने और उसे मुलजिम बनाए जाने के प्रकरण में पर्याप्त साक्ष्य नहीं पाया गया.

जिला और सत्र न्यायालय ने प्रकरण को संज्ञान में लेते हुए कहा कि यदि महेंद्र पटेल को गवाह बनाया जाता तो प्रेमी और प्रेमिका जो हत्यारोपी रहे उन्हें आसानी से सजा दिलाई जा सकती थी. मामले में चांदा थाना क्षेत्र के फुनगारा निवासी आईटीआई छात्र शैलेंद्र तिवारी की हत्या कर दी गई थी. उसकी मां अनुपमा पत्नी शिव शंकर की तहरीर पर मुकदमा पंजीकृत किया गया था.
-अरविंद सिंह राजा, अधिवक्ता

Intro:शीर्षक : खाकी की करतूत : हत्याकांड के गवाह को बनाया मुलजिम, कोर्ट सख्त।



एंकर : प्रेमिका को छेड़ने पर प्रेमी और प्रेमिका की तरफ से मनचले की हत्या किए जाने के मामले में कोर्ट ने पुलिस की विवेचना रिपोर्ट को काल्पनिक करार दिया है। न्यायालय का कहना है कि जिस व्यक्ति को मुलजिम बनाया गया है। उसे यदि गवाह बनाया जाता तो हत्यारोपी प्रेमी प्रेमिका को दंडित आसानी से किया जा सकता था। उपयोग में आई बाइक के स्वामी मुलजिम को अदालत ने बेगुनाह मानते हुए मामले से बाहर कर दिया है।


Body:वीओ : मामला सुल्तानपुर जिले के कमला नेहरू संस्थान से जुड़ा हुआ है। जहां विधि यानी एलएलबी के छात्र-छात्राएं एक शादी में शामिल होने गए थे। इस दौरान कई लोगों ने शराब पी थी और जश्न मना रहे थे। बचाव पक्ष के अधिवक्ता अरविंद सिंह कहते हैं कि इस दौरान आरटीआई छात्र शैलेंद्र तिवारी की तरफ से सरिता एलएलबी छात्रा से कुछ छेड़छाड़ की गई। जिस पर उसके प्रेमी सतीश ने विरोध किया। बात विवाद में तब्दील हो गई और रात में ही सतीश और सरिता ने मिलकर शैलेंद्र की हत्या कर दी। पूरे मामले में कोतवाली नगर में मुकदमा पंजीकृत हुआ। न्यायालय आरोप पत्र भेजा गया। न्यायालय ने एक अन्य एलएलबी छात्र महेंद्र पटेल की बाइक घटनास्थल से बरामद किए जाने और उसे मुलजिम बनाए जाने के प्रकरण में पर्याप्त साक्ष्य नहीं पाया गया।


बाइट : मामले में अधिवक्ता अरविंद सिंह राजा ने बताया कि जिला.एवं सत्र न्यायालय ने प्रकरण को संज्ञान में लेते हुए कहा कि यदि महेंद्र पटेल को गवाह बनाया जाता तो प्रेमी और प्रेमिका जो हत्यारोपी रहे। आसानी से उन्हें सजा दिलाई जा सकती थी। मामले में चांदा थाना क्षेत्र के फुनगारा निवासी आईटीआई छात्र शैलेंद्र तिवारी की हत्या कर दी गई थी। उसकी मां अनुपमा पत्नी शिव शंकर की तहरीर पर मुकदमा पंजीकृत किया गया था।


Conclusion:आशुतोष मिश्रा सुल्तानपुर 94 15049 256
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