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मेनका गांधी ने मुस्लिमों से कहा, 'मैं महात्मा गांधी की छठी औलाद नहीं, वोट नहीं तो काम नहीं'

केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी सुलतानपुर में रैली को संबोधित करते हुए कहा कि मुसलमान भाई मेरे पास काम लेकर आएंगे और वोट नहीं देंगे तो दिल खट्टा हो जाएगा. उन्होंने कहा कि मैं महात्मा गांधी की छठी औलाद नहीं हूं. वोट देने वालों को ही मेरी तरफ से भी अहमियत दी जाएगी.

केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी सुलतानपुर में रैली को संबोधित कर रही थीं.
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Published : Apr 12, 2019, 5:30 PM IST

सुलतानपुर: केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने उनसे दूरी बनाने वाले मुसलमानों को जनसभा के दौरान कहा कि मैं लोगों की मदद से सुलतानपुर संसदीय क्षेत्र से जीत रही हूं. जब मुस्लिम भाई मेरे पास काम लेकर आएंगे और मुझे वोट नहीं दिए रहेंगे, तो मेरा दिल अंदर से खट्टा हो जाएगा. वहीं इस दौरान मेनका ने कहा कि मैं महात्मा गांधी की छठी औलाद नहीं हूं, वोट देने वालों को ही मेरी तरफ से अहमियत दी जाएगी.

भारतीय जनता पार्टी में केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने सुलतानपुर जिला मुख्यालय पर जनसभा की. जनसभा के दौरान उन्होंने मुस्लिम भाइयों का वोट नहीं मिलने की बात कही. नगर क्षेत्र के तुराबखानी में लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि जब मुस्लिम भाई वोट नहीं देंगे और काम लेकर आएंगे तो अंदर से दिल खट्टा हो जाता है. उन्होंने पीलीभीत का उदाहरण देते हुए कहा कि उन्होंने कई लोगों को अपना स्थानीय प्रतिनिधि नियुक्त किया था. वे लोग काम लेकर आते थे और उनका काम अहमियत पर किया जाता था.

उन्होंने कहा कि वजह साफ थी. मुसलमान भाई भी पीलीभीत से हमें जिताते रहे हैं. उन्होंने एक वाकये का जिक्र करते हुए कहा कि एक मुसलमान भाई हमारे लिए पांच नलकूप का प्रस्ताव लेकर हमारे पास आए, उन्होंने कहा कि यह नलकूप बहुत आवश्यक है. किसान भाइयों के लिए मैंने मंत्रालय से बात करके चंद घंटों के भीतर सारे नलकूप स्थापित करा दिए.

केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी सुलतानपुर में रैली को संबोधित कर रही थीं.

मेनका गांधी ने कहा कि हम योजनाएं देते ही जाएंगे, देते ही जाएंगे और इलेक्शन में मार खाते जाएंगे, ऐसा नहीं होगा. मेरी जीत को आपको सब जगह फैलाना होगा. मैं दोस्ती का हाथ लेकर आई हूं. पीलीभीत का एक भी बंदा अगर यह कह दे कि मैंने क्षेत्र में गुस्ताखी की थी, तो मुझे वोट न दीजिएगा. मैं खुले दिल के साथ आई हूं . यह मुकाबला तो मैं पार कर चुकी हूं, आपको भी मेरी जरूरत पड़ेगी. आपको मेरी जरूरत की नींव डालना है, तो मेरी मदद करनी होगी. यदि आप मेरे हैं तो मेरे ही होकर रहिए.

उन्होंने कहा कि अगर आपको लगे कि हम खुले हाथ, खुले दिल के साथ आए हैं. आपको लगे कि कल आपको मेरी ज़रूरत पड़ेगी. ये इलेक्शन तो मैं पार कर चुकी हूं. अब आपको मेरी ज़रूरत पड़ेगी, यही समय है कि अब आपको ज़रूरत के लिए नींव डालनी है. जब आपके पोलिंग बूथ का नतीजा आएगा और उस नतीजे में सौ वोट निकलेंगे या 50 वोट निकलेंगे और उसके बाद जब आप काम के लिए आएंगे, तो वही होगा मेरे साथ.

सुलतानपुर: केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने उनसे दूरी बनाने वाले मुसलमानों को जनसभा के दौरान कहा कि मैं लोगों की मदद से सुलतानपुर संसदीय क्षेत्र से जीत रही हूं. जब मुस्लिम भाई मेरे पास काम लेकर आएंगे और मुझे वोट नहीं दिए रहेंगे, तो मेरा दिल अंदर से खट्टा हो जाएगा. वहीं इस दौरान मेनका ने कहा कि मैं महात्मा गांधी की छठी औलाद नहीं हूं, वोट देने वालों को ही मेरी तरफ से अहमियत दी जाएगी.

भारतीय जनता पार्टी में केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने सुलतानपुर जिला मुख्यालय पर जनसभा की. जनसभा के दौरान उन्होंने मुस्लिम भाइयों का वोट नहीं मिलने की बात कही. नगर क्षेत्र के तुराबखानी में लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि जब मुस्लिम भाई वोट नहीं देंगे और काम लेकर आएंगे तो अंदर से दिल खट्टा हो जाता है. उन्होंने पीलीभीत का उदाहरण देते हुए कहा कि उन्होंने कई लोगों को अपना स्थानीय प्रतिनिधि नियुक्त किया था. वे लोग काम लेकर आते थे और उनका काम अहमियत पर किया जाता था.

उन्होंने कहा कि वजह साफ थी. मुसलमान भाई भी पीलीभीत से हमें जिताते रहे हैं. उन्होंने एक वाकये का जिक्र करते हुए कहा कि एक मुसलमान भाई हमारे लिए पांच नलकूप का प्रस्ताव लेकर हमारे पास आए, उन्होंने कहा कि यह नलकूप बहुत आवश्यक है. किसान भाइयों के लिए मैंने मंत्रालय से बात करके चंद घंटों के भीतर सारे नलकूप स्थापित करा दिए.

केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी सुलतानपुर में रैली को संबोधित कर रही थीं.

मेनका गांधी ने कहा कि हम योजनाएं देते ही जाएंगे, देते ही जाएंगे और इलेक्शन में मार खाते जाएंगे, ऐसा नहीं होगा. मेरी जीत को आपको सब जगह फैलाना होगा. मैं दोस्ती का हाथ लेकर आई हूं. पीलीभीत का एक भी बंदा अगर यह कह दे कि मैंने क्षेत्र में गुस्ताखी की थी, तो मुझे वोट न दीजिएगा. मैं खुले दिल के साथ आई हूं . यह मुकाबला तो मैं पार कर चुकी हूं, आपको भी मेरी जरूरत पड़ेगी. आपको मेरी जरूरत की नींव डालना है, तो मेरी मदद करनी होगी. यदि आप मेरे हैं तो मेरे ही होकर रहिए.

उन्होंने कहा कि अगर आपको लगे कि हम खुले हाथ, खुले दिल के साथ आए हैं. आपको लगे कि कल आपको मेरी ज़रूरत पड़ेगी. ये इलेक्शन तो मैं पार कर चुकी हूं. अब आपको मेरी ज़रूरत पड़ेगी, यही समय है कि अब आपको ज़रूरत के लिए नींव डालनी है. जब आपके पोलिंग बूथ का नतीजा आएगा और उस नतीजे में सौ वोट निकलेंगे या 50 वोट निकलेंगे और उसके बाद जब आप काम के लिए आएंगे, तो वही होगा मेरे साथ.

Intro:शीर्षक : मेनका का मुसलमानों को करारा जवाब, मैं आपके बिना भी जीत रही हूं।


सुलतानपुर : केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने उनसे दूरी बनाने वाले मुसलमानों को जनसभा के दौरान करारा जवाब दिया। उन्होंने कहा कि मैं लोगों की मदद से सुल्तानपुर संसदीय क्षेत्र से जीत रही हूं । लेकिन जब मुस्लिम भाई मेरे पास काम लेकर आएंगे और मुझे वोट नहीं दिए रहेंगे तो मेरा दिल अंदर से खट्टा हो जाएगा। । मेनका बोली , मैं महात्मा गांधी की छठी औलाद नहीं हूं। वोट देने वालों को मेरी तरफ से भी अहमियत दी जाएगी। बूथों पर पड़े वोट से यह स्पष्ट हो जाएगा कि मुस्लिम भाइयों ने वोट दिया है कि नहीं दिया।


Body:भारतीय जनता पार्टी में केंद्रीय मंत्री रहे मेनका गांधी ने सुल्तानपुर जिला मुख्यालय पर जनसभा की। जनसभा के दौरान उन्होंने मुस्लिम भाइयों का वोट नहीं मिलने की बात कही। नगर क्षेत्र के तुराबखानी में लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि जब मुस्लिम भाई वोट नहीं देंगे और काम लेकर आएंगे तो भीतर से दिल खट्टा हो जाता है।। उन्होंने पीलीभीत का उदाहरण देते हुए कहा कि उन्होंने कई लोगों को अपना स्थानीय प्रतिनिधि नियुक्त किया था। वे लोग काम लेकर आते थे और उनका काम अहमियत पर किया जाता था। वजह साफ थी मुसलमान भाई भी पीलीभीत से हमें जिताते रहे हैं। उन्होंने एक वाकये का जिक्र करते हुए कहा कि एक मुसलमान भाई हमारे लिए पांच नलकूप का प्रस्ताव लेकर हमारे पास आए। उन्होंने कहा कि यह नलकूप बहुत आवश्यक है। किसान भाइयों के लिए मैंने मंत्रालय से बात कर कर चंद घंटों के भीतर सारे नलकूप स्थापित करा दिए।


Conclusion:मेनका गांधी बोली हम देते ही जाएंगे, देते ही जाएंगे और इलेक्शन में मार खाते जाएंगे, ऐसा नहीं होगा। मेरी जीत को आपको सब जगह फैला ना होगा। मैं दोस्ती का हाथ लेकर आई हूं। पीलीभीत का एक भी बंदा अगर यह कह दे कि मैंने क्षेत्र में गुस्ताखी की थी, तो मुझे वोट ना दीजिएगा। मैं खुले दिल के साथ आई हूं । यह मुकाबला तो मैं पार कर चुकी हूं। आपको भी मेरी जरूरत पड़ेगी। आपको मेरी जरूरत की नीव डालना है । तो मेरी मदद करनी होगी। यदि आप मेरे हैं, तो मेरे ही हो कर रहिए। मैंने कोई फैसला नहीं रखा है। यह आपके ऊपर है कि किसका साथ देंगे।


नोट : सादर ध्यानार्थ--

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आशुतोष मिश्रा, सुलतानपुर, 9121293029
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