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लखनऊ में घूम रहा बाघ, 2 दिन से फिर बदली लोकेशन, गांवों को छोड़ जंगल में पहुंचा - TIGER IN REHMANKHERA

दो हथिनियों की मदद से वन विभाग की टीम इलाके में लगातार कर रही कांबिंग.

रहमान खेड़ा के जंगल में बाघ के पग चिन्ह
रहमान खेड़ा के जंगल में बाघ के पग चिन्ह (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : 5 hours ago

लखनऊ : रहमानखेड़ा के जंगल में बाघ के मूवमेंट के कारण कई गांवों के लोग दहशत में हैं. एक महीने से भी ज्यादा समय से बाघ इलाके में घूम रहा है. वन विभाग की टीम उसे पकड़ने की कोशिश कर रही है, लेकिन कामयाबी नहीं मिल पा रही है.

पिछले दो दिनों से बाघ के पग चिन्ह किसी भी गांवों की तरफ नहीं देखे गए हैं. अब बाघ की चहलकदमी सिर्फ केंद्रीय संस्थान रहमान खेड़ा के जंगल तक ही सिमट रह चुकी है. पिछले 2 दिनों में जंगल के अंदर ही बुधवार को चतुर्थ ब्लॉक और गुरुवार को प्रथम ब्लॉक में पग चिन्ह देखे गए हैं. जबकि प्रथम ब्लॉक के नाले के पास बाघ आने के पग चिन्ह देखे गए. ऐसा प्रतीत होता है कि यहां पर वह पानी पीने के लिया आया होगा.

केंद्रीय संस्थान और हरदोई राष्ट्रीय राजमार्ग की तरफ राज्य प्रबंध संस्थान का संयुक्त जंगल है. अब इस दोनों जंगल में बाघ होने के प्रबल संकेत मिल रहे हैं. जबकि जंगल के बाहरी मीथेनगर और उलरापुर को जाने वाले रास्तों पर हथिनी द्वारा कांबिंग की जा रही है. यह सब वन विभाग की नई रणनीति का हिस्सा हो सकता है.

जंगल में लगातार हथिनियों की कॉम्बिंग से गांवों की तरफ बाघ नहीं गया हैं, लेकिन पिछले दो दिनों से बाघ की आहट जंगल तक ही सिमट कर रह गई है. वहीं अब विभाग ने दो पिंजरों की लोकेशन बदली है. इससे पूर्व गड्ढे खोदकर बाघ को फंसाने की कोशिश की गई थी, फिलहाल यह तरकीब भी काम नहीं आई.

यह भी पढ़ें: लखनऊ में बाघ का आतंकः दिन में आराम, रात में गांवों में चहलकदमी कर रहा बाघ

यह भी पढ़ें: लखनऊ में बाघः मीठे नगर और मल्हा में मिले पगचिह्न,12 नए कैमरे लगे, लोहे की जाली लगाई गई

लखनऊ : रहमानखेड़ा के जंगल में बाघ के मूवमेंट के कारण कई गांवों के लोग दहशत में हैं. एक महीने से भी ज्यादा समय से बाघ इलाके में घूम रहा है. वन विभाग की टीम उसे पकड़ने की कोशिश कर रही है, लेकिन कामयाबी नहीं मिल पा रही है.

पिछले दो दिनों से बाघ के पग चिन्ह किसी भी गांवों की तरफ नहीं देखे गए हैं. अब बाघ की चहलकदमी सिर्फ केंद्रीय संस्थान रहमान खेड़ा के जंगल तक ही सिमट रह चुकी है. पिछले 2 दिनों में जंगल के अंदर ही बुधवार को चतुर्थ ब्लॉक और गुरुवार को प्रथम ब्लॉक में पग चिन्ह देखे गए हैं. जबकि प्रथम ब्लॉक के नाले के पास बाघ आने के पग चिन्ह देखे गए. ऐसा प्रतीत होता है कि यहां पर वह पानी पीने के लिया आया होगा.

केंद्रीय संस्थान और हरदोई राष्ट्रीय राजमार्ग की तरफ राज्य प्रबंध संस्थान का संयुक्त जंगल है. अब इस दोनों जंगल में बाघ होने के प्रबल संकेत मिल रहे हैं. जबकि जंगल के बाहरी मीथेनगर और उलरापुर को जाने वाले रास्तों पर हथिनी द्वारा कांबिंग की जा रही है. यह सब वन विभाग की नई रणनीति का हिस्सा हो सकता है.

जंगल में लगातार हथिनियों की कॉम्बिंग से गांवों की तरफ बाघ नहीं गया हैं, लेकिन पिछले दो दिनों से बाघ की आहट जंगल तक ही सिमट कर रह गई है. वहीं अब विभाग ने दो पिंजरों की लोकेशन बदली है. इससे पूर्व गड्ढे खोदकर बाघ को फंसाने की कोशिश की गई थी, फिलहाल यह तरकीब भी काम नहीं आई.

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