कानपुर : 'हम नई तकनीक पर काम कर रहे हैं. आने वाले समय में हम फ्लाईओवर के ऊपर फ्लाईओवर और उसके ऊपर मेट्रो चलाएंगे. यह टेक्नोलॉजी से न सिर्फ पैसे की बचत होगी, बल्कि ट्रैफिक व्यवस्था में बड़ा सुधार होगा. अभी हम मलेशिया से एक तकनीक लेकर आए हैं, जिससे दो मेट्रो पिलर की दूरी 30 मीटर से बढ़कर 120 मीटर हो जाएगी. इस तकनीक से हमने 40 हजार करोड़ रुपए बचाए हैं.'
यह बातें शुक्रवार को कानपुर पहुंचे केंद्रीय सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कही. गडकरी ने कहा कि, अभी जब मैं कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आ रहा था, तो रास्ते में मेट्रो का काम देखा. मेट्रो ने पिलर खड़े किए हैं. 3 महीने पहले मैंने कैबिनेट में प्रधानमंत्री को सुझाव दिया कि हम मलेशिया से टेक्नोलॉजी लाए हैं. अभी दो मेट्रो के पिलर के बीच का डिस्टेंस करीब 30 मीटर है. नई तकनीक से बने पिलर 120 मीटर दूर बनेंगे. प्रधानमंत्री ने जैसे ही मेरी यह बात सुनी, उन्होंने अर्बन विभाग के सेक्रेटरी और अधिकारियों को मेरे पास भेजा. उन्होंने इसको पास किया और आज इस तकनीकी का प्रयोग करके अभी तक 40 हजार करोड़ रुपए की बचत की जा चुकी है.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मैं नसीब वाला हूं कि मुझे अपनी जिंदगी में काफी अच्छे शिक्षक मिले. हालांकि मेरा दुर्भाग्य भी रहा कि 1975 में जब मैं मैट्रिक में पढ़ रहा था, इमरजेंसी लग गई. इस दौरान मैंने जयप्रकाश जी के आंदोलन में काम करना शुरू कर दिया. शायद यही वजह है कि मेरा रिजल्ट काफी बिगड़ गया. मैं इंजीनियरिंग के लिए डिसक्वालीफाई हो गया. इससे मेरे परिवार और रिश्तेदार वाले काफी नाराज हो गए, लेकिन मैं निराश नहीं हुआ.
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने आगे कहा कि गांधी जी कहते थे कि हर व्यक्ति जीवनभर शिक्षार्थी ही रहता है. ज्ञान का कितना भी अध्ययन किया जाए, वह कभी समाप्त नहीं होता. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बृहस्पति महिला महाविद्यालय के वार्षिक कार्यक्रम छात्रों को शुभकामनाएं दीं. उन्होंने कहा कि हमें हर रोज कुछ न कुछ नया सीखने को मिलता है. इसलिए मैं छात्र-छात्राओं से यही कहना चाहूंगा, कि आप विज्ञान का प्रयोग करके अपने देश को यशस्वी बना सकते हैं.