ETV Bharat / state

42 दिनों से गायब इंस्पेक्टर की पत्नी पहुंची हाईकोर्ट, दाखिल की 'हैबियस कॉर्पस' याचिका

सुलतानपुर में इंस्पेक्टर नीशू तोमर की पत्नी ने हैबियस कॉर्पस' याचिका दाखिल की है. वहीं, इस मामले में 9 नवंबर को सुनवाई की जाएगी.

etv bharat
सुलतानपुर में इंस्पेक्टर नीशू तोमर
author img

By

Published : Nov 2, 2022, 4:17 PM IST

सुलतानपुर: जनपद में तैनात रहे इंस्पेक्टर नीशू तोमर (Inspector Nishu Tomar) की पत्नी हाईकोर्ट की शरण में पहुंची हैं. पीड़िता कुसुम ने 'हैबियस कॉर्पस' याचिका (habeas corpus petition) दाखिल की है. हाईकोर्ट की डबल बेंच (double bench of high court) ने पुलिस से जवाब तलब करते हुए मामले में 9 नवंबर को सुनवाई की तारीख नीयत की है. पत्नी का आरोप है कि करीब 42 दिन से इंस्पेक्टर नीशू तोमर जिला महिला थाना सुलतानपुर से गायब हैं.

कुसुम ने हाईकोर्ट में अधिवक्ता के माध्यम से एसपी-कोतवाल समेत अन्य पुलिस अधिकारियों के खिलाफ गंभीर आरोप लगाते हुए याचिका पेश की है. कुसुम के मुताबिक, बीते 22 सितंबर को तत्कालीन विवेचक मीरा कुशवाहा और अन्य पुलिस कर्मियों के जरिये उनके पति नीशू को अभिरक्षा में लेने के बाद न कोर्ट में पेश किया गया न ही वह घर और ड्यूटी पर पहुंचे. कुसुम के अधिवक्ता ने अपनी बहस में बेंच से कहा कि यदि नीशू जिंदा हो तो सामने लाएं या उनके साथ कोई अन्य घटना किए हो तो वह भी बताएं. भागे हो तो उस समय क्या एक्शन लिए वह भी बता दें.

प्रकरण की सुनवाई कर रही डबल बेंच ने मामले को अत्यंत गंभीर माना. एसपी और विवेचना कर रहे सीओ सिटी और अन्य जिम्मेदारों अधिकारियों के लिए हाईकोर्ट की डबल बेंच ने कहा कि आखिर इतने गंभीर मामले में कैसे हाथ पर हाथ रखे पुलिस बैठी है. बता दें कि, जुलाई माह में इंस्पेक्टर के विरुद्ध महिला सिपाही ने कोतवाली नगर में रेप का केस दर्ज किया था.

जानें क्या होती है हैबियस कॉर्पस याचिका
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 22 देश के नागरिकों को मौलिक अधिकार प्रदान करते हैं. यह अनुच्छेद नागरिक को सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट में हैबियस कॉर्पस पीटिशन का अधिकार देता है. हैबियस कॉर्पस का शब्दिक अर्थ 'अशरीर'. इसे हिंदी में बंदी प्रत्यक्षीकरण कहा जाता है. इसका उपयोग किसी ऐसे व्यक्ति की रिहाई के लिया किया जाता है, जिसको बिना कानूनी औचित्य के अवैध रूप से हिरासत में लिया गया है. या फिर पुलिस हिरासत में ली है पर उसे हिरासत में लिए जाने के 24 घंटे के भीतर अदालत में पेश नहीं किया गया हो. भारतीय संविधान में इसे इंग्लैंड से लिया गया है.

यह भी पढे़ं- आबकारी उप निरीक्षक की आत्महत्या के मामले में आबकारी और चीनी मिल अफसरों पर मुकदमा

सुलतानपुर: जनपद में तैनात रहे इंस्पेक्टर नीशू तोमर (Inspector Nishu Tomar) की पत्नी हाईकोर्ट की शरण में पहुंची हैं. पीड़िता कुसुम ने 'हैबियस कॉर्पस' याचिका (habeas corpus petition) दाखिल की है. हाईकोर्ट की डबल बेंच (double bench of high court) ने पुलिस से जवाब तलब करते हुए मामले में 9 नवंबर को सुनवाई की तारीख नीयत की है. पत्नी का आरोप है कि करीब 42 दिन से इंस्पेक्टर नीशू तोमर जिला महिला थाना सुलतानपुर से गायब हैं.

कुसुम ने हाईकोर्ट में अधिवक्ता के माध्यम से एसपी-कोतवाल समेत अन्य पुलिस अधिकारियों के खिलाफ गंभीर आरोप लगाते हुए याचिका पेश की है. कुसुम के मुताबिक, बीते 22 सितंबर को तत्कालीन विवेचक मीरा कुशवाहा और अन्य पुलिस कर्मियों के जरिये उनके पति नीशू को अभिरक्षा में लेने के बाद न कोर्ट में पेश किया गया न ही वह घर और ड्यूटी पर पहुंचे. कुसुम के अधिवक्ता ने अपनी बहस में बेंच से कहा कि यदि नीशू जिंदा हो तो सामने लाएं या उनके साथ कोई अन्य घटना किए हो तो वह भी बताएं. भागे हो तो उस समय क्या एक्शन लिए वह भी बता दें.

प्रकरण की सुनवाई कर रही डबल बेंच ने मामले को अत्यंत गंभीर माना. एसपी और विवेचना कर रहे सीओ सिटी और अन्य जिम्मेदारों अधिकारियों के लिए हाईकोर्ट की डबल बेंच ने कहा कि आखिर इतने गंभीर मामले में कैसे हाथ पर हाथ रखे पुलिस बैठी है. बता दें कि, जुलाई माह में इंस्पेक्टर के विरुद्ध महिला सिपाही ने कोतवाली नगर में रेप का केस दर्ज किया था.

जानें क्या होती है हैबियस कॉर्पस याचिका
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 22 देश के नागरिकों को मौलिक अधिकार प्रदान करते हैं. यह अनुच्छेद नागरिक को सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट में हैबियस कॉर्पस पीटिशन का अधिकार देता है. हैबियस कॉर्पस का शब्दिक अर्थ 'अशरीर'. इसे हिंदी में बंदी प्रत्यक्षीकरण कहा जाता है. इसका उपयोग किसी ऐसे व्यक्ति की रिहाई के लिया किया जाता है, जिसको बिना कानूनी औचित्य के अवैध रूप से हिरासत में लिया गया है. या फिर पुलिस हिरासत में ली है पर उसे हिरासत में लिए जाने के 24 घंटे के भीतर अदालत में पेश नहीं किया गया हो. भारतीय संविधान में इसे इंग्लैंड से लिया गया है.

यह भी पढे़ं- आबकारी उप निरीक्षक की आत्महत्या के मामले में आबकारी और चीनी मिल अफसरों पर मुकदमा

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.