सुलतानपुर: जिले के लंभुआ सीट से विधायक देवमणि द्विवेदी की तरफ से जिलाधिकारी पर लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोप पर बड़ी कार्रवाई हुई है. जिला पंचायत राज अधिकारी कृष्ण कुमार सिंह चौहान को सस्पेंड कर दिया गया है. उन पर यह कार्रवाई प्रक्रिया को केंद्रीय करने और 9950 रुपये का बिल प्रस्तुत करने के मामले में की गई है. उधर मामले में जिलाधिकारी सी इंदुमती ने खुद को इस भ्रष्टाचार के प्रकरण से अलग बताया है. विधायक देवमणि दुबे की तरफ से डीएम पर लगाए गए भ्रष्टाचार को उन्होंने निराधार कहा है.
मामले में 2800 रुपये के बजाए 9950 रुपये का बिल प्रस्तुत कर पल्स ऑक्सीमीटर और इंफ्रारेड थर्मामीटर का ग्राम पंचायतों में क्रय किया गया था. इस मामले को विधायक देवमणि द्विवेदी ने प्रमुखता से उठाया और जिलाधिकारी सी इंदुमती सुलतानपुर पर भ्रष्टाचार किए जाने का आरोप मढ़ा था.
मामले में उच्च स्तरीय जांच के दौरान डीपीआरओ सुलतानपुर के विरुद्ध कार्रवाई की गई है. उपनिदेशक पंचायत वाराणसी मंडल को पूरे मामले की जांच अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह की तरफ से सौंपी गई है. निलंबित डीपीआरओ को यह भी कहा गया है कि वह अन्य व्यापार एवं व्यवसाय में नहीं हैं. इसका प्रमाण पत्र प्रस्तुत करें.
वहीं डीएम ने कहा कि मनोज कुमार सिंह की तरफ से जारी आदेश में 2800 रुपये से अधिक खरीद नहीं किए जाने की बात कही गई थी. प्रेस के माध्यम से हमें जानकारी मिली कि नगर पालिका और नगर पंचायतों में खरीद में अनियमितता की गई है. इस पर मैंने तत्काल प्रभाव से 17 अगस्त को चिट्ठी जारी की. जिला पंचायत राज अधिकारी और अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व को 2800 से अधिक खरीद पर भुगतान रोकने का आदेश दिया गया था. साथ ही पूरे मामले की जांच करने का आदेश मेरी तरफ से दिया गया था.
डीएम ने आगे कहा कि जब मैं खुद ही भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ रही हूं, तो मेरे ऊपर ऐसा आरोप असत्य और दुर्भाग्यपूर्ण है. एक बार भी हमारे विधायक महोदय हमसे बात करते तो जांच प्रक्रिया और शासनादेश व कार्रवाई से उन्हें अवगत कराया गया होता.