लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार भले ही भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति अपनाए हो और प्रदेश के ऊर्जा मंत्री लगातार भ्रष्टाचार पर वार करने की बात कहते हों, लेकिन उनके विभाग के अधिकारी और कर्मचारी भ्रष्टाचार फैलाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं. कभी उपभोक्ता से कनेक्शन के नाम पर पैसे ऐंठने की शिकायतें आ रही हैं तो गलत बिल बनाकर उपभोक्ता को बिल संशोधन करने के नाम पर पैसे की डिमांड की शिकायतें आ रही है. हालांकि ऐसे अधिकारियों और कर्मचारियों की शिकायत सामने आते ही उन पर सख्त एक्शन भी लिया जा रहा है. ऐसे ही एक उपभोक्ता को गलत बिल देने के शिकायत पर उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने सख्त कार्रवाई करते हुए कार्यकारी सहायक को सस्पेंड कर दिया है.
ये था पूरा मामलाः ऊर्जा मंत्री को मंगलवार देर रात जानकारी मिली कि पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के अंतर्गत कार्यालय अधिशासी अभियंता विद्युत वितरण खण्ड हरैया के 33/11 केवी विद्युत उपकेंद्र हरैया के तहत ग्राम रम सुकरौली चौधरी के उपभोक्ता मोलहू को विभाग ने जनवरी का सात करोड़ तीन लाख 21 हजार एक सौ उन्नीस रुपए का बिल दिया. संबंधित उपभोक्ता का जनवरी का बिल आरडीएफ था जिसकी कुल बकाया धनराशि 65,229 रुपए थी. 17 जनवरी को उपभोक्ता का बिल हरैया उपखंड के कार्यकारी सहायक दीपक कुमार तिवारी ने संशोधित किया, जिसे असेस्ड यूनिट 12174210 किलोवाट अंकित कर दिया गया. उपखंड अधिकारी ने अप्रूव्ड भी कर दिया, जिससे उपभोक्ता का बिल 70321119 रुपए हो गया. इसके बाद उपभोक्ता ने इसकी शिकायत करने के बाद बिल को फिर उपखंड अधिकारी ने तीन फरवरी को संशोधित किया और संशोधित बिल 27,274 रुपए बनाकर उपभोक्ता को दिया गया. ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने उपभोक्ता को जारी किए गए ग़लत बिल का तत्काल संज्ञान लेकर संबंधित कार्मिक पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश एमडी पूर्वांचल को दिए. ऊर्जा मंत्री के निर्देश पर जिम्मेदार कार्यकारी सहायक दीपक कुमार तिवारी को तत्काल प्रभाव से निलम्बित कर दिया गया.
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क्या एक्शन हुआः कार्यकारी सहायक दीपक कुमार तिवारी को पूर्वांचल के एमडी शंभू कुमार ने निलंबित कर उनके ख़िलाफ़ अग्रेत्तर और अनुशासनात्मक कार्रवाई संस्तुति कर दी. निलंबन के बाद संबंधित कार्यकारी सहायक को कार्यालय मुख्य अभियंता (वितरण) प्रयागराज प्रथम क्षेत्र से सम्बद्ध कर दिया गया है.
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