सुलतानपुर: योगी राज में अनाज माफिया गरीबों का हक गटक रहे हैं, जिसकी बानगी जिले में साफ-साफ देखने को मिली. दरअसल, राशन कालाबाजारी का मामला सामने आया है. गरीबी रेखा के नीचे वाले परिवार को राष्ट्रीय खाद्य निगम की तरफ से मिलने वाला राशन अनाज माफिया की दुकान में जा रहा था. इस मामले को देखकर प्रशासनिक अधिकारी भी हैरत में हैं. वहीं मामले में नगर कोतवाली में मुकदमा पंजीकृत किया गया है.
मासिक प्रणाली के तहत भारतीय खाद्य निगम महीने की एक से 21 तारीख के बीच अनाज का स्टार्ट विपणन गोदामों को देता है, लेकिन एफसीआई से निकलने वाला राशन अनाज माफियाओं की गोदामों में सीधे पहुंच रहा था, जिससे अनाज माफिया और सरकारी राशन वितरण प्रणाली के गठजोड़ की पोल खुल गई. वहीं उपजिलाधिकारी सदर ने मामले का संज्ञान लेते कार्रवाई के निर्देश दिए और राशन की अनलोंडिग रुकवा दी. फिलहाल मामले में नगर कोतवाली में मुकदमा पंजीकृत किया गया है.
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एक गाड़ी भारतीय खाद्य निगम के गोदाम से लंभुआ ब्लॉक गोदाम के लिए भेजी गई थी, जो शिव शक्ति एग्रो में उतारी गई. पूरे मामले को संज्ञान में लेकर मुकदमा पंजीकृत करा दिया गया है.
-प्रवीण कुमार सिंह, क्षेत्रीय विपणन अधिकारी