सोनभद्र: उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ यूपी बोर्ड हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा की कॉपियों के मूल्यांकन का विरोध कर रहा है. इस विरोध में भी इन शिक्षकों का दल दो गुटों में बंट गया है. इनमें एक गुट के शिक्षक जहां विरोध जताने में लगे हैं, वहीं दूसरे गुट के शिक्षक मूल्यांकन कार्य कर रहे हैं. वहीं केंद्र व्यवस्थापक का कहना है कि माध्यमिक शिक्षकों के विरोध का परीक्षा परिणामों पर कोई असर नहीं पड़ेगा.
जिले में राजकीय बालिका इंटर कॉलेज और राजा शारदा महेश इंटर कॉलेज को मूल्यांकन केंद्र बनाया गया है. यहां वित्त विहीन शिक्षक विभिन्न मांगों को लेकर दो दिनों से विरोध कर रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ बहुत से शिक्षक मूल्यांकन कार्य भी कर रहे हैं. मूल्यांकन का विरोध करने वाले शिक्षकों की मुख्य मांग है कि मूल्यांकन का पारिश्रमिक दर सीबीएसई के समतुल्य किया जाय और पुरानी पेंशन को बहाल किया जाय. इसके साथ ही माध्यमिक शिक्षकों और कर्मचारियों को चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध हो.
वहीं माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष सुरेश यादव का कहना है कि हम चौथी बार मूल्यांकन का बहिष्कार कर रहे हैं. वित्त विहीन शिक्षकों को एक पैसे का भी अनुदान नहीं दिया जाता है. सरकार ने दो बार वादा भी किया लेकिन उसे पूरा नहीं किया. साथ ही पुरानी पेंशन बहाली को फिर से लाने की मांग कर रहे हैं. नई पेंशन प्रणाली को वह भरोसेमंद नहीं मानते हैं. साथ ही केंद्र व्यवस्थापक जितेंद्र सिंह ने कहा कि माध्यमिक शिक्षकों के विरोध से मूल्यांकन पर कोई असर नहीं होने वाला है. कुछ ही शिक्षक विरोध में हैं, बाकी सभी अपना काम कर रहे हैं.