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रेलवे के एक पट्टी लगाने से 20 किमी दूर हो गया जिला मुख्यालय, जानें कैसे

सोनभद्र जिला मुख्यालय के पास पीथा गांव के लोग रेलवे क्रॉसिंग न होने से परेशान हैं. ग्रामीणों का कहना है कि पहले यहां मानवरहित रेलवे क्रॉसिंग हुआ करती थी. इसे रेलवे ने लोहे की पट्टी लगाकर बंद कर दिया है. इसके बाद से लोगों को कई किलोमीटर का चक्कर लगाकर जिला मुख्यालय जाना पड़ता है.

रेलवे क्रासिंग नहीं.
रेलवे क्रासिंग नहीं.
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Published : Feb 2, 2021, 5:06 PM IST

सोनभद्र : रॉबर्ट्सगंज जिला मुख्यालय स्थित पीथा गांव के ग्रामीण रेलवे क्रासिंग न होने से परेशान हैं. ग्रामीणों का कहना है कि जिला मुख्यालय को जोड़ने वाली पक्की सड़क के बीच में रेलवे क्रॉसिंग है. पहले यहां मानवरहित रेलवे क्रॉसिंग हुआ करती थी. इसे रेलवे ने लोहे की पट्टी लगाकर बंद कर दिया. इससे यहां से वाहनों का आवागमन बंद हो गया है. एम्बुलेंस, डायल 112 समेत सभी चार पहिया गाड़ियां अब लगभग 20 किलोमीटर का चक्कर लगाकर गांव में आती हैं. समय से एंबुलेंस नहीं पहुंचने से ग्रामीणों को काफी परेशानी होती है.

रेलवे क्रासिंग के लिए परेशान हैं ग्रामीण.

एक दर्जन गांवों के लोगों का आवागमन हो रहा प्रभावित

रॉबर्ट्सगंज जिला मुख्यालय से पीथा गांव की दूरी मात्र 5 किलोमीटर है. मानव रहित रेलवे क्रॉसिंग के बंद हो जाने के बाद अब ग्रामीणों को जिला मुख्यालय पहुंचने के लिए 15 से 20 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है. पीथा, मेहुणी मेहुडी खुर्द, सहीजन सहीजनकला समेत लगभग एक दर्जन गांवों के ग्रामीणों को लंबा रास्ता तय करके जिला मुख्यालय पहुंचना पड़ता है. पीथा गांव में स्थित रेलवे क्रॉसिंग के नीचे से सकरे रास्ते से मात्र दो पहिया वाहन या पैदल व्यक्ति ही निकल सकता है. रेलवे क्रॉसिंग को रेलवे विभाग ने लोहे की पट्टी लगाकर बंद कर दिया है. इससे एक दर्जन गांवों के निवासियों का आवागमन प्रभावित हो रहा है.


अधिकारियों से गुहार के बाद भी नहीं हुई कार्रवाई

पीथा गांव के लोगों का कहना है कि इस समस्या के बारे में सदर ब्लॉक रॉबर्ट्सगंज के विधायक भूपेश चौबे, सांसद पकौड़ी लाल, कोल जिला अधिकारी और अन्य अधिकारियों को जानकारी दी गई थी. इसके बाद भी उनकी समस्या का समाधान नहीं हुआ है. ग्रामीणों का कहना है कि इससे पहले मानव रहित रेलवे क्रॉसिंग से उनका आवागमन होता था. अब रेलवे ने उस रेलवे क्रॉसिंग रास्ता बंद कर दिया है. इससे उन्हें समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.

सोनभद्र : रॉबर्ट्सगंज जिला मुख्यालय स्थित पीथा गांव के ग्रामीण रेलवे क्रासिंग न होने से परेशान हैं. ग्रामीणों का कहना है कि जिला मुख्यालय को जोड़ने वाली पक्की सड़क के बीच में रेलवे क्रॉसिंग है. पहले यहां मानवरहित रेलवे क्रॉसिंग हुआ करती थी. इसे रेलवे ने लोहे की पट्टी लगाकर बंद कर दिया. इससे यहां से वाहनों का आवागमन बंद हो गया है. एम्बुलेंस, डायल 112 समेत सभी चार पहिया गाड़ियां अब लगभग 20 किलोमीटर का चक्कर लगाकर गांव में आती हैं. समय से एंबुलेंस नहीं पहुंचने से ग्रामीणों को काफी परेशानी होती है.

रेलवे क्रासिंग के लिए परेशान हैं ग्रामीण.

एक दर्जन गांवों के लोगों का आवागमन हो रहा प्रभावित

रॉबर्ट्सगंज जिला मुख्यालय से पीथा गांव की दूरी मात्र 5 किलोमीटर है. मानव रहित रेलवे क्रॉसिंग के बंद हो जाने के बाद अब ग्रामीणों को जिला मुख्यालय पहुंचने के लिए 15 से 20 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है. पीथा, मेहुणी मेहुडी खुर्द, सहीजन सहीजनकला समेत लगभग एक दर्जन गांवों के ग्रामीणों को लंबा रास्ता तय करके जिला मुख्यालय पहुंचना पड़ता है. पीथा गांव में स्थित रेलवे क्रॉसिंग के नीचे से सकरे रास्ते से मात्र दो पहिया वाहन या पैदल व्यक्ति ही निकल सकता है. रेलवे क्रॉसिंग को रेलवे विभाग ने लोहे की पट्टी लगाकर बंद कर दिया है. इससे एक दर्जन गांवों के निवासियों का आवागमन प्रभावित हो रहा है.


अधिकारियों से गुहार के बाद भी नहीं हुई कार्रवाई

पीथा गांव के लोगों का कहना है कि इस समस्या के बारे में सदर ब्लॉक रॉबर्ट्सगंज के विधायक भूपेश चौबे, सांसद पकौड़ी लाल, कोल जिला अधिकारी और अन्य अधिकारियों को जानकारी दी गई थी. इसके बाद भी उनकी समस्या का समाधान नहीं हुआ है. ग्रामीणों का कहना है कि इससे पहले मानव रहित रेलवे क्रॉसिंग से उनका आवागमन होता था. अब रेलवे ने उस रेलवे क्रॉसिंग रास्ता बंद कर दिया है. इससे उन्हें समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.

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