सोनभद्रः पिछले दिनों दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने यूपी के स्कूलों पर राजनीति की थी. उन्होंने यूपी के स्कूलों को दिल्ली के स्कूलों से कमतर बताया था, लेकिन हकीकत यह है कि सोनभद्र जैसे अति पिछड़े और आदिवासी क्षेत्र के कुछ ऐसे स्कूल भी हैं जो निजी स्कूलों को टक्कर देते हैं. इनमें बच्चों के दाखिले के लिए अभिभावक जद्दोजहद करते हैं. ऐसा ही स्कूल घोरावल ब्लॉक का ओड़हथा और दुरावलखुर्द है. इन स्कूलों की साज-सज्जा और सुविधाएं निजी स्कूलों से भी अच्छी बताई जाती हैं. अभिभावकों ने बताया कि निजी स्कूलों से बच्चों का नाम कटवा कर इन स्कूलों में दाखिला कराया है, यहां के शिक्षक भी शिक्षा की गुणवत्ता के प्रति जागरूक हैं.
स्कूलों की दीवारों पर आकर्षक पेंटिंग्स
सोनभद्र में घोरावल ब्लॉक के ओड़हथा और दुरावलखुर्द के प्राथमिक स्कूलों की बिल्डिंग पर आकर्षक पेंटिंग की गई है. स्कूलों की दीवारों पर एरोप्लेन, बस और ट्रेन की आकृति बनाई गई है, जिससे बच्चे इन स्कूलों के प्रति आकर्षित हो सकें. साथ ही साथ इन स्कूलों में शिक्षा का स्तर भी ऊंचा है. ओड़हथा प्राथमिक स्कूल की प्रिंसिपल अमृता सिंह ने बताया कि इन स्कूलों में बच्चों के संख्या और शिक्षा का स्तर को बढ़ाने के लिए स्कूलों की दीवारों पर पेंटिंग की गई है. इसके साथ-साथ लाइब्रेरी, पीने के पानी शौचालय समेत सारी व्यवस्थाएं की गई हैं. जिससे कि इन स्कूलों में बच्चों का नामांकन और उनका ठहराव हो सके.
अभिभावक निजी स्कूलों बच्चों का कटवा रहे हैं नामांकन
अभिभावकों का भी कहना है कि अब निजी स्कूलों से नाम कटवा कर बच्चों का नामांकन इन सरकारी स्कूलों में करवा रहे हैं, क्योंकि इन स्कूलों में बेहतर सुविधाएं हैं और पढ़ाई का स्तर भी ऊंचा है.
जिले के बेसिक शिक्षा अधिकारी गोरखनाथ पटेल ने बताया कि प्राथमिक स्कूलों का स्तर ऊंचा उठाने के लिए विभाग 14 पैरामीटर पर काम कर रहा है. इनमें स्कूलों की बिल्डिंग, शौचालय, हैंडवॉश की सुविधा. साज-सज्जा आदि शामिल है. इन पैरामीटर्स के पूरा हो जाने के बाद स्कूलों के भौतिक स्तर के साथ-साथ शिक्षा की गुणवत्ता के स्तर में भी वृद्धि होगी. इसके लिए उन्हें जिला प्रशासन से भी पूरा सहयोग मिल रहा है. उन्होंने बताया कि सोनभद्र के लगभग सभी 2458 स्कूलों में अभियान चल रहा है. इसके लिए जिला प्रशासन सीएसआर और डिस्ट्रिक्ट मिनरल्स फंड से भी धनराशि उपलब्ध करवा रहा है.