सोनभद्र: प्रधानमंत्री मोदी द्वारा स्वदेशी सामानों के इस्तेमाल से प्रेरणा लेकर सोनभद्र के बाल गृह बालिका की निराश्रित बच्चियां स्वदेशी राखी तैयार कर रही हैं. खास बात यह है कि बालिकाओं द्वारा तैयार की जाने वाली 1,000 राखियां जिला जेल के कैदियों की कलाई पर सजेंगी. इसके अलावा बच्चियां इन राखियों को बाल गृह बालक के निराश्रित बच्चों को भी भेजेंगी.
राबर्ट्सगंज के पुसौली क्षेत्र में बाल कल्याण समिति की देखरेख में बाल गृह बालिका का संचालन किया जा रहा है. यहां 10 निराश्रित बच्चियां रहती हैं. इस बार रक्षाबंधन पर बच्चियों ने जिला जेल के कैदियों के लिए राखियां भेजने का संकल्प लिया है. बाल गृह बालिका की ये बच्चियां खुद अपने हाथों से राखियां तैयार कर रही हैं.
बाल गृह बालिका की अधीक्षिका नीलम सिंह ने बताया कि हर वर्ष बालग्रह बालक के बच्चों के लिए बालिकाएं राखियां भेजती थी, लेकिन इस वर्ष बच्चियों ने संकल्प लिया है कि गुरमा क्षेत्र स्थित जिला जेल के बंदियों को भी वह राखियां भेजेंगीं. इन राखियों को बनाने के लिए धागा मोती गोंद इतिहास सामग्री संस्था द्वारा प्रदान किया जा रहा है. सभी बच्चियां इन राखियों को खुद अपने हाथों से बना रही हैं और इसमें देसी सामानों का इस्तेमाल कर रही हैं.
जिला प्रोबेशन अधिकारी अमरेंद्र पौतस्यायन ने बताया कि यह किशोरियां चूंकि अपने घर से दूर रह रही हैं, इसलिए उनके भी मन में यह भावना रहती है कि वे भी किसी को राखी बांधें. उनकी इस इच्छा को देखते हुए विभाग उनकी राखियों को जिला जेल के कैदियों तक रक्षाबंधन के दिन पहुंचाएगा.