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चिराग तले अंधेरा: गांव में छह दशक बाद भी नहीं पहुंची बिजली - ओबरा बिजली परियोजना

सोनभद्र जिले में चिराग तले अंधेरा जैसी कहावत चरितार्थ होते दिखाई देती है. ओबरा बिजली परियोजना से लगभग दो किलोमीटर दूरी पर स्थित खैरटिया गांव के चेरो आदिवासी बस्ती में आज तक न तो बिजली का पोल लगा और नहीं लोगों को कनेक्शन दिए गए. लोगों ने कई बार अधिकारियों से लेकर जनप्रतिनिधियों तक गुहार लगाई लेकिन समस्या का समाधान आज तक नहीं हो सका.

ओबरा बिजली परियोजना
ओबरा बिजली परियोजना
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Published : Feb 7, 2021, 9:04 AM IST

सोनभद्र : पूरे प्रदेश में सोनभद्र जिला बिजली उत्पादन के लिए जाना जाता है. यहां पर स्थित बिजली परियोजनाओं द्वारा लगभग 15000 मेगावाट बिजली का उत्पादन होता है. यहां की बिजली से प्रदेश और देश के कई हिस्से रोशन होते हैं. लेकिन सोनभद्र में चिराग तले अंधेरा जैसी कहावत चरितार्थ होते हुए स्पष्ट रूप से दिखाई देती है. ओबरा बिजली परियोजना से लगभग दो किलोमीटर दूरी पर स्थित खैरटिया गांव के चेरो आदिवासी बस्ती में आज तक न तो बिजली का पोल लगा और नहीं लोगों को कनेक्शन दिए गए. लोगों को मीटर तो दो वर्ष पूर्व ही दे दिए गए थे, लेकिन आज तक उन्हें बिजली मुहैया नहीं कराई गई. बस्ती के लोगों ने कई बार अधिकारियों से लेकर जनप्रतिनिधियों तक गुहार लगाई लेकिन समस्या का समाधान नहीं हो सका.

गांव में छह दशक बाद भी नहीं पहुंची बिजली

आज तक गांव में नहीं लगे बिजली के पोल

खैरटिया गांव की चेरो बस्ती में लगभग 60 घर हैं. यहां की आबादी लगभग 800 लोगों की है. बस्ती के लोगों ने बताया कि 2 वर्ष पूर्व ही उन्हें बिजली के मीटर दिए गए थे, जो अब कूड़े के ढेर में तब्दील हो चुके हैं. लेकिन आज तक इस बस्ती में बिजली विभाग ने न तो पोल लगाए और न ही लोगों को कनेक्शन दिया गया. इस बस्ती के रहने वाले दशरथ ने बताया कि 2 वर्ष पूर्व भी उन्हें मीटर दिया गया था, लेकिन कनेक्शन नहीं किया गया. यहां तक कि बिजली का बिल भी आने लगा. जब उन्होंने अधिकारियों से शिकायत की तो अधिकारियों ने कनेक्शन के बाद ही बिजली का बिल भेजने का आश्वासन दिया. इसी बस्ती के रहने वाले रमेश ने बताया कि बिजली के बिल के अभाव में कुछ लोग सोलर पैनल से घर में उजाला करते हैं. कई बार गुहार लगाने के बाद भी बिजली का कनेक्शन नहीं मिला, लोग अंधेरे में रह रहे हैं. ग्रामीण महिला फुलबसिया का कहना है कि बिजली के कनेक्शन के लिए उसने उधार लेकर केबिल भी खरीद लिया था, लेकिन आज तक बिजली का कनेक्शन नहीं मिल पाया.

गांव में नहीं पहुंची बिजली
गांव में नहीं पहुंची बिजली
बिजली को लेकर ग्रामीण कर चुके हैं प्रदर्शन

इसी गांव के रहने वाले समाजसेवी शिवदत्त दुबे ने बताया कि कई बार बिजली कनेक्शन की मांग को लेकर यहां के ग्रामीण धरना प्रदर्शन भी कर चुके हैं. उस दौरान अधिकारियों ने जल्द ही गांव में पोल लगाने और कनेक्शन देने की बात कही थी. लगातार बिजली दिए जाने का आश्वासन अधिकारियों द्वारा दिया जाता है, लेकिन आज तक बिजली इस बस्ती में नहीं आई. यहां से कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर ओबरा पावर हाउस है और इन्हीं ग्रामीणों की जमीनों पर बिजली की हाईटेंशन टावर भी लगे हैं, जिनके माध्यम से प्रदेश और देश में बिजली सप्लाई होती है, लेकिन इन ग्रामीणों को बिजली मयस्सर नहीं है.

गांव में नहीं पहुंची बिजली
गांव में नहीं पहुंची बिजली

मार्च तक कनेक्शन का दिया आश्वासन

अधीक्षण अभियंता एसपी यादव ने बताया कि इस बस्ती में सौभाग्य योजना फेस-टू में मीटर लोगों को दिए गए थे, लेकिन विद्युतीकरण नहीं हो सका था. सौभाग्य योजना फेज 3 में इस बस्ती के विद्युतीकरण का प्रस्ताव मुख्यालय भेजा गया है. जैसे ही स्वीकृति आती है यहां पर काम शुरू कर दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि इसी वर्ष मार्च तक इस कार्य के पूरे हो जाने की संभावना है.

सोनभद्र : पूरे प्रदेश में सोनभद्र जिला बिजली उत्पादन के लिए जाना जाता है. यहां पर स्थित बिजली परियोजनाओं द्वारा लगभग 15000 मेगावाट बिजली का उत्पादन होता है. यहां की बिजली से प्रदेश और देश के कई हिस्से रोशन होते हैं. लेकिन सोनभद्र में चिराग तले अंधेरा जैसी कहावत चरितार्थ होते हुए स्पष्ट रूप से दिखाई देती है. ओबरा बिजली परियोजना से लगभग दो किलोमीटर दूरी पर स्थित खैरटिया गांव के चेरो आदिवासी बस्ती में आज तक न तो बिजली का पोल लगा और नहीं लोगों को कनेक्शन दिए गए. लोगों को मीटर तो दो वर्ष पूर्व ही दे दिए गए थे, लेकिन आज तक उन्हें बिजली मुहैया नहीं कराई गई. बस्ती के लोगों ने कई बार अधिकारियों से लेकर जनप्रतिनिधियों तक गुहार लगाई लेकिन समस्या का समाधान नहीं हो सका.

गांव में छह दशक बाद भी नहीं पहुंची बिजली

आज तक गांव में नहीं लगे बिजली के पोल

खैरटिया गांव की चेरो बस्ती में लगभग 60 घर हैं. यहां की आबादी लगभग 800 लोगों की है. बस्ती के लोगों ने बताया कि 2 वर्ष पूर्व ही उन्हें बिजली के मीटर दिए गए थे, जो अब कूड़े के ढेर में तब्दील हो चुके हैं. लेकिन आज तक इस बस्ती में बिजली विभाग ने न तो पोल लगाए और न ही लोगों को कनेक्शन दिया गया. इस बस्ती के रहने वाले दशरथ ने बताया कि 2 वर्ष पूर्व भी उन्हें मीटर दिया गया था, लेकिन कनेक्शन नहीं किया गया. यहां तक कि बिजली का बिल भी आने लगा. जब उन्होंने अधिकारियों से शिकायत की तो अधिकारियों ने कनेक्शन के बाद ही बिजली का बिल भेजने का आश्वासन दिया. इसी बस्ती के रहने वाले रमेश ने बताया कि बिजली के बिल के अभाव में कुछ लोग सोलर पैनल से घर में उजाला करते हैं. कई बार गुहार लगाने के बाद भी बिजली का कनेक्शन नहीं मिला, लोग अंधेरे में रह रहे हैं. ग्रामीण महिला फुलबसिया का कहना है कि बिजली के कनेक्शन के लिए उसने उधार लेकर केबिल भी खरीद लिया था, लेकिन आज तक बिजली का कनेक्शन नहीं मिल पाया.

गांव में नहीं पहुंची बिजली
गांव में नहीं पहुंची बिजली
बिजली को लेकर ग्रामीण कर चुके हैं प्रदर्शन

इसी गांव के रहने वाले समाजसेवी शिवदत्त दुबे ने बताया कि कई बार बिजली कनेक्शन की मांग को लेकर यहां के ग्रामीण धरना प्रदर्शन भी कर चुके हैं. उस दौरान अधिकारियों ने जल्द ही गांव में पोल लगाने और कनेक्शन देने की बात कही थी. लगातार बिजली दिए जाने का आश्वासन अधिकारियों द्वारा दिया जाता है, लेकिन आज तक बिजली इस बस्ती में नहीं आई. यहां से कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर ओबरा पावर हाउस है और इन्हीं ग्रामीणों की जमीनों पर बिजली की हाईटेंशन टावर भी लगे हैं, जिनके माध्यम से प्रदेश और देश में बिजली सप्लाई होती है, लेकिन इन ग्रामीणों को बिजली मयस्सर नहीं है.

गांव में नहीं पहुंची बिजली
गांव में नहीं पहुंची बिजली

मार्च तक कनेक्शन का दिया आश्वासन

अधीक्षण अभियंता एसपी यादव ने बताया कि इस बस्ती में सौभाग्य योजना फेस-टू में मीटर लोगों को दिए गए थे, लेकिन विद्युतीकरण नहीं हो सका था. सौभाग्य योजना फेज 3 में इस बस्ती के विद्युतीकरण का प्रस्ताव मुख्यालय भेजा गया है. जैसे ही स्वीकृति आती है यहां पर काम शुरू कर दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि इसी वर्ष मार्च तक इस कार्य के पूरे हो जाने की संभावना है.

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