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सोनभद्र: CPI का आदिवासी अधिकार महासम्मेलन, सरकार पर मढे़ कई आरोप - सोनभद्र में आदिवासी अधिकार महासम्मेलन

उत्तर प्रदेश के सोनभद्र में हुए नरसंहार को दो महीने बीत जाने के बाद भी घायलों को समुचित इलाज न मिल पाने का आरोप आदिवासी अधिकार महासम्मेलन में लगाया गया. इसके साथ ही सरकार से आरोपियों को शीघ्र दंडित करने की मांग की गई.

सीपीआई ने किया आदिवासी अधिकार महासम्मेलन.
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Published : Sep 7, 2019, 11:47 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:13 PM IST

सोनभद्र: जिले में भारत कम्युनिष्ट पार्टी (माले) के तत्वाधान में आदिवासी अधिकार महासम्मेलन का आयोजन हुआ. सम्मेलन को पार्टी के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने संबोधित किया. दीपांकर भट्टाचार्य ने सरकार पर सोनभद्र नरसंहार कांड के दो महीने गुजर जाने के बाद भी पीड़ित परिवार को समुचित इलाज न मिलने का आरोप लगाया.

सीपीआई ने किया आदिवासी अधिकार महासम्मेलन.

इसके साथ ही नरसंहार कांड के आरोपियों को शीघ्र दंडित करने की मांग की. दीपांकर भट्टाचार्य ने आदिवासियों, दलितों को उनकी जमीन पर फर्जी तरीके से कब्जा करने के साथ सरकार पर तमाम आरोप लगाए.

इसे भी पढ़ें- प्रियंका से पीड़ित बोले, 'नहीं मिली राज्य सरकार की वादे की पूरी धनराशि'

क्या बोले महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य

  • सोनभद्र नरसंहार कांड के 2 महीने पूरे हो रहे हैं, लेकिन अभी पीड़ित परिवार की समुचित इलाज नहीं हो पा रहा है.
  • 3 दिन पहले नरसंहार कांड में घायल एक नौजवान की समुचित इलाज न मिलने से मौत हो गई.
  • सामंती ताकतें, पुलिस, प्रशासन की मदद से गरीबों को जमीन से बेदखल करना चाहती है.
  • दलितों गरीबों के लिए अधिकार थे, उसके साथ किसी भी तरह का छेड़छाड़ न हो.
  • देश में पूजीपतियों के लिए कानून बनाए जा रहे हैं.
  • आरएसएस आरक्षण को खत्म करना चाहता है और सरकार कश्मीर तक संविधान से छेड़छाड़ कर रही है.

सोनभद्र: जिले में भारत कम्युनिष्ट पार्टी (माले) के तत्वाधान में आदिवासी अधिकार महासम्मेलन का आयोजन हुआ. सम्मेलन को पार्टी के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने संबोधित किया. दीपांकर भट्टाचार्य ने सरकार पर सोनभद्र नरसंहार कांड के दो महीने गुजर जाने के बाद भी पीड़ित परिवार को समुचित इलाज न मिलने का आरोप लगाया.

सीपीआई ने किया आदिवासी अधिकार महासम्मेलन.

इसके साथ ही नरसंहार कांड के आरोपियों को शीघ्र दंडित करने की मांग की. दीपांकर भट्टाचार्य ने आदिवासियों, दलितों को उनकी जमीन पर फर्जी तरीके से कब्जा करने के साथ सरकार पर तमाम आरोप लगाए.

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क्या बोले महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य

  • सोनभद्र नरसंहार कांड के 2 महीने पूरे हो रहे हैं, लेकिन अभी पीड़ित परिवार की समुचित इलाज नहीं हो पा रहा है.
  • 3 दिन पहले नरसंहार कांड में घायल एक नौजवान की समुचित इलाज न मिलने से मौत हो गई.
  • सामंती ताकतें, पुलिस, प्रशासन की मदद से गरीबों को जमीन से बेदखल करना चाहती है.
  • दलितों गरीबों के लिए अधिकार थे, उसके साथ किसी भी तरह का छेड़छाड़ न हो.
  • देश में पूजीपतियों के लिए कानून बनाए जा रहे हैं.
  • आरएसएस आरक्षण को खत्म करना चाहता है और सरकार कश्मीर तक संविधान से छेड़छाड़ कर रही है.
Intro:Anchor- गरीब, आदिवासियों,दलितों को उनकी जल, जंगल ,जमीन पर मालिकाना हक दिलाने के लिए भारत कम्युनिष्ट पार्टी माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य के नेतृत्व में शनिवार को आदिवासी अधिकार महासम्मेलन का आयोजन तहसील परिसर रावर्टसगंज में किया गया।इस दौरान राष्ट्रीय महासचिव भाकपा माले दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि उभ्भा में नरसंहार करा कर कार्यक्रम की शुरुआत तो सरकार ने कर दिया। उभ्भा नरसंहार कांड के 2 महीने पूरे हो रहे हैं लेकिन अभी 3 दिन पूर्व घायल एक नौजवान की मौत हो गई। ऐसे में जो घायल हैं या मृतक परिवार है उनकी पूरी मदद होनी चाहिए।समुचित इलाज होनी चाहिए। साथ ही बताया कि गोलीकांड में जो भी हत्यारे हैं, जो दोषी लोग हैं उनको सजा मिले।
यह पहली घटना नहीं थी ऐसे दर्जनों गांव सोनभद्र, मिर्जापुर, चंदौली और दुद्धी इलाके में हैं जहां आदिवासियों की जमीन पर फर्जी तरीके से सोसाइटी बनाकर सामंती ताकतें, पुलिस, प्रशासन की मदद से गरीबों को जमीन से बेदखल करना चाहती है ।इसलिए हमारी मांग है कि इन तमाम फर्जी समितियों को रद्द करो और जो आदिवासियों की जमीन है उसमें उन का मालिकाना हक दिया जाए। देश में वनाधिकार अधिकार कानून बना था, उस कानून की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं, जो मरेगा कानून बना था, जो खाद्य सुरक्षा कानून बना था वह सारे कानून मोदी सरकार ने एक के बाद एक सबको खत्म कर रही है, लेकिन जो पुराना कानून 1927 का फॉरेस्ट है उसको थोपा जा रहा है ,जो 1919 का रावलट एक्ट है उसको आज लोगों पर थोपा जा रहा है, जो पुराने कानून किसानों, मजदूरों के हक में थे उस कानून को खत्म करके, श्रम कानून को खत्म करके इस देश में पूजी पतियों के लिए, सामंती ताकतों के लिए कानून बनाया जा रहा है। इसलिए इस सम्मेलन के माध्यम से हमारी मांग है कि इस देश के अंदर जो भी संविधान है ,उसमें जो भी दलितों गरीबों के लिए अधिकार थे, उसके साथ किसी भी तरह का छेड़छाड़ ना हो।

अभी हाल ही में आरएसएस ने कहा था कि आरक्षण खत्म होगा, आरक्षण पर किसी तरह का कोई छेड़छाड़ ना हो। कश्मीर से लेकर संविधान पर हमला शुरू हुआ है, उस संविधान को बचाने के लिए यह आंदोलन किया जा रहा है। उस संविधान में किसानों ,मजदूरों ,गरीबों ,दलितों के लिए जो हक है उसको दिलाने के लिए ये आज का सम्मेलन है ।इस दौर में लोगों में जबरदस्त आक्रोश है ।सोनभद्र, मिर्जापुर ,चंदौली में जो एकता बन रही है ,उस एकता को मजबूत करने के लिए आंदोलन को आगे बढ़ाने के लिए, मोदी और योगी सरकार को चेतावनी देने के लिए आज का यह सम्मेलन है।


Body:Vo1-भारत कम्युनिष्ट पार्टी माले के नेतृत्व में 9 अगस्त से आदिवासियों के अधिकार, न्याय को लेकर उभ्भा गांव के पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए आदिवासी अधिकार न्याय यात्रा शुरु की गई है। जिसका समापन आज सात दिसंबर शनिवार को सदर तहसील राबर्ट्सगंज में भाकपा माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य की उपस्थित में सम्पन्न हुआ।इस दौरान आदिवासियों,गरीबो,पीड़ितो, दलितो द्वारा अपने नेता का जोरदार स्वागत किया गया।
यह कार्यक्रम गरीब, आदिवासियों,दलितों को उनकी जल, जंगल ,जमीन पर मालिकाना हक दिलाने के लिए आदिवासी अधिकार महासम्मेलन का आयोजन तहसील परिषद रावर्टसगंज में किया गया।


Conclusion:Vo2-इस दौरान राष्ट्रीय महासचिव भाकपा माले दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि उभ्भा में नरसंहार करा कर कार्यक्रम की शुरुआत तो सरकार ने कर दिया। उभ्भा नरसंहार कांड के 2 महीने पूरे हो रहे हैं लेकिन अभी 3 दिन पूर्व घायल एक नौजवान की मौत हो गई। ऐसे में जो घायल हैं या मृतक परिवार है उनकी पूरी मदद होनी चाहिए।समुचित इलाज होनी चाहिए। साथ ही बताया कि गोलीकांड में जो भी हत्यारे हैं, जो दोषी लोग हैं उनको सजा मिले।
यह पहली घटना नहीं थी ऐसे दर्जनों गांव सोनभद्र, मिर्जापुर, चंदौली और दुद्धी इलाके में हैं जहां आदिवासियों की जमीन पर फर्जी तरीके से सोसाइटी बनाकर सामंती ताकतें, पुलिस, प्रशासन की मदद से गरीबों को जमीन से बेदखल करना चाहती है ।इसलिए हमारी मांग है कि इन तमाम फर्जी समितियों को रद्द करो और जो आदिवासियों की जमीन है उसमें उन का मालिकाना हक दिया जाए। देश में वनाधिकार अधिकार कानून बना था, उस कानून की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं, जो मरेगा कानून बना था, जो खाद्य सुरक्षा कानून बना था वह सारे कानून मोदी सरकार ने एक के बाद एक सबको खत्म कर रही है, लेकिन जो पुराना कानून 1927 का फॉरेस्ट है उसको थोपा जा रहा है ,जो 1919 का रावलट एक्ट है उसको आज लोगों पर थोपा जा रहा है, जो पुराने कानून किसानों, मजदूरों के हक में थे उस कानून को खत्म करके, श्रम कानून को खत्म करके इस देश में पूजी पतियों के लिए, सामंती ताकतों के लिए कानून बनाया जा रहा है। इसलिए इस सम्मेलन के माध्यम से हमारी मांग है कि इस देश के अंदर जो भी संविधान है ,उसमें जो भी दलितों गरीबों के लिए अधिकार थे, उसके साथ किसी भी तरह का छेड़छाड़ ना हो।

अभी हाल ही में आरएसएस ने कहा था कि आरक्षण खत्म होगा, आरक्षण पर किसी तरह का कोई छेड़छाड़ ना हो। कश्मीर से लेकर संविधान पर हमला शुरू हुआ है, उस संविधान को बचाने के लिए यह आंदोलन किया जा रहा है। उस संविधान में किसानों ,मजदूरों ,गरीबों ,दलितों के लिए जो हक है उसको दिलाने के लिए ये आज का सम्मेलन है ।इस दौर में लोगों में जबरदस्त आक्रोश है ।सोनभद्र, मिर्जापुर ,चंदौली में जो एकता बन रही है ,उस एकता को मजबूत करने के लिए आंदोलन को आगे बढ़ाने के लिए, मोदी और योगी सरकार को चेतावनी देने के लिए आज का यह सम्मेलन है।


Byte-दीपंकर भट्टाचार्य(राष्ट्रीय महासचिव,भाकपा माले)


चन्द्रकान्त मिश्रा
सोनभद्र
मो0 9450323031
Last Updated : Sep 17, 2020, 4:13 PM IST

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