सोनभद्र: पेट्रोल-डीजल की लगातार बढ़ती कीमतों के विरोध में वाममोर्चा के नेताओं ने कलेक्ट्रेट गेट पर जमकर प्रदर्शन किया. प्रदर्शन कर रहे लोगों का कहना है कि 3 सप्ताह से लगातार पेट्रोल-डीजल के दामों में वृद्धि हो रही है. इस वृद्धि से पेट्रोल-डीजल दोनों की कीमत 80 रुपये प्रति लीटर के पार हो गई है. साथ ही सरकार पर आरोप लगाया कि यह उस समय हो रहा है जब तेल की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में कम है. इसका लाभ आम जनता को मिलना चाहिए, लेकिन नहीं मिल पा रहा है. इस वजह से आम जनता और किसान से लेकर सभी लोग परेशान हैं. सरकार की तरफ से पेट्रोल-डीजल में सबसे ज्यादा 69 फीसदी टैक्स केवल अपने देश में ही लगाया जा रहा है.
एसडीएम को सौंपा ज्ञापन
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के कार्यकर्ताओं ने कलेक्ट्रेट गेट पर बढ़ती हुई महंगाई और पेट्रोल-डीजल के दामों को लेकर प्रदर्शन किया. इस दौरान पुलिस ने किसी को भी कलेक्ट्रेट गेट के अंदर नहीं जाने दिया. प्रदर्शन के बाद वाम मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने एसडीएम सदर को राष्ट्रपति के नाम 9 सूत्रीय ज्ञापन सौंपा.
'बेपरवाह सरकार जनता को लूटने में जुटी'
वाम मोर्चा के कार्यकर्ताओं का कहना है कि 73 साल में पहली बार हुआ है कि डीजल के दाम पेट्रोल से अधिक हुए हैं. करोना काल में पूर्ण संकट की स्थिति है, इससे खेती उद्योग, ट्रांसपोर्ट और नागरिक आवागमन सभी महंगे हो गए हैं. कोरोना संकट और लॉकडाउन की वजह से भयंकर पैमाने पर बेरोजगारी है. इसकी वजह से आम नागरिकों की जेब खाली है, जिसके चलते दिन-प्रतिदिन हालात बदतर होते जा रहे हैं. अर्थव्यवस्था की कमर टूट चुकी है और आर्थिक संकट पर भारी असर देखने को मिल रहा है. इस सबसे बेपरवाह सरकार जनता को लूटने में जुटी है.
क्या हैं सीपीआई की 9 सूत्रीय मांगें
वाम मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने 9 सूत्रीय मांगों को लेकर एसडीएम को ज्ञापन सौंपा है. इसमें मांग की है कि पेट्रोल-डीजल की कीमतों में तत्काल पर्याप्त कमी लाई जाए. रसोई गैस की कीमत घटाई जाए. पेट्रोल-डीजल पर लगने वाले वैट को तत्काल वापस लिया जाए. पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस की पूर्व मूल्य नियंत्रण प्रणाली लागू की जाए. महंगाई बेरोजगारी और भ्रष्टाचार पर रोक लगाई जाए. आयकर के दायरे से बाहर समस्त परिवारों के खाते में हर महीने 7.5 हजार रुपये अगले छह माह तक दिया जाए. सभी जरूरतमंद परिवारों को 10 किग्रा. के हिसाब से अनाज छह माह तक मुहैया कराया जाए. कानून व्यवस्था को दुरुस्त किया जाए. महिलाओं, दलितों और अल्पसंख्यकों का उत्पीड़न रोका जाए. जनता के हित में आवाज उठाने वाली विपक्षी दलों और सामाजिक कार्यकर्ताओं का राजनीतिक उत्पीड़न बंद किया जाए.
सोनभद्र: पेट्रोल-डीजल की बढ़ी कीमतों पर सीपीआई का हल्ला बोल - cpi workers protest in sonbhadra
देश में पेट्रोल-डीजल की बढ़ी कीमतों को लेकर राजनीतिक पार्टियां लगातार सरकार के खिलाफ विरोध कर रही हैं. इसी मुद्दे को लेकर यूपी के सोनभद्र जिले में सीपीआई कार्यकर्ताओं ने कलेक्ट्रेट परिसर गेट पर धरना प्रदर्शन किया.
सोनभद्र: पेट्रोल-डीजल की लगातार बढ़ती कीमतों के विरोध में वाममोर्चा के नेताओं ने कलेक्ट्रेट गेट पर जमकर प्रदर्शन किया. प्रदर्शन कर रहे लोगों का कहना है कि 3 सप्ताह से लगातार पेट्रोल-डीजल के दामों में वृद्धि हो रही है. इस वृद्धि से पेट्रोल-डीजल दोनों की कीमत 80 रुपये प्रति लीटर के पार हो गई है. साथ ही सरकार पर आरोप लगाया कि यह उस समय हो रहा है जब तेल की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में कम है. इसका लाभ आम जनता को मिलना चाहिए, लेकिन नहीं मिल पा रहा है. इस वजह से आम जनता और किसान से लेकर सभी लोग परेशान हैं. सरकार की तरफ से पेट्रोल-डीजल में सबसे ज्यादा 69 फीसदी टैक्स केवल अपने देश में ही लगाया जा रहा है.
एसडीएम को सौंपा ज्ञापन
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के कार्यकर्ताओं ने कलेक्ट्रेट गेट पर बढ़ती हुई महंगाई और पेट्रोल-डीजल के दामों को लेकर प्रदर्शन किया. इस दौरान पुलिस ने किसी को भी कलेक्ट्रेट गेट के अंदर नहीं जाने दिया. प्रदर्शन के बाद वाम मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने एसडीएम सदर को राष्ट्रपति के नाम 9 सूत्रीय ज्ञापन सौंपा.
'बेपरवाह सरकार जनता को लूटने में जुटी'
वाम मोर्चा के कार्यकर्ताओं का कहना है कि 73 साल में पहली बार हुआ है कि डीजल के दाम पेट्रोल से अधिक हुए हैं. करोना काल में पूर्ण संकट की स्थिति है, इससे खेती उद्योग, ट्रांसपोर्ट और नागरिक आवागमन सभी महंगे हो गए हैं. कोरोना संकट और लॉकडाउन की वजह से भयंकर पैमाने पर बेरोजगारी है. इसकी वजह से आम नागरिकों की जेब खाली है, जिसके चलते दिन-प्रतिदिन हालात बदतर होते जा रहे हैं. अर्थव्यवस्था की कमर टूट चुकी है और आर्थिक संकट पर भारी असर देखने को मिल रहा है. इस सबसे बेपरवाह सरकार जनता को लूटने में जुटी है.
क्या हैं सीपीआई की 9 सूत्रीय मांगें
वाम मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने 9 सूत्रीय मांगों को लेकर एसडीएम को ज्ञापन सौंपा है. इसमें मांग की है कि पेट्रोल-डीजल की कीमतों में तत्काल पर्याप्त कमी लाई जाए. रसोई गैस की कीमत घटाई जाए. पेट्रोल-डीजल पर लगने वाले वैट को तत्काल वापस लिया जाए. पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस की पूर्व मूल्य नियंत्रण प्रणाली लागू की जाए. महंगाई बेरोजगारी और भ्रष्टाचार पर रोक लगाई जाए. आयकर के दायरे से बाहर समस्त परिवारों के खाते में हर महीने 7.5 हजार रुपये अगले छह माह तक दिया जाए. सभी जरूरतमंद परिवारों को 10 किग्रा. के हिसाब से अनाज छह माह तक मुहैया कराया जाए. कानून व्यवस्था को दुरुस्त किया जाए. महिलाओं, दलितों और अल्पसंख्यकों का उत्पीड़न रोका जाए. जनता के हित में आवाज उठाने वाली विपक्षी दलों और सामाजिक कार्यकर्ताओं का राजनीतिक उत्पीड़न बंद किया जाए.