सीतापुर: हिन्दू धर्म में भगवान भोलेनाथ को देवाधिदेव महादेव कहा गया है. उनकी पूजा अर्चना के लिए यूं तो पूरे सावन महीने का प्रावधान रखा गया है, लेकिन उसमें सोमवार के दिन का विशेष महत्व है. इसी कड़ी में आज 88 हज़ार ऋषियों की तपोभूमि नैमिषारण्य में स्थित भगवान भोलेनाथ के भूतेश्वर नाथ मंदिर में श्रद्धालु पूजा-अर्चना करने पहुचे हैं.
- नैमिषारण्य के प्रसिद्ध चक्रतीर्थ पर एक ओर भूतेश्वर नाथ मंदिर है.
- भूतेश्वर नाथ मंदिर के भीतर एक शिवलिंग स्थापित है.
- ये शिवलिंग कुछ कारणों से यह महत्वपूर्ण और दूसरो से खास है.
- इस शिवलिंग का पूजन स्वयं ब्रम्हा जी ने किया था.
- पुराणों में इसका उल्लेख किया गया है.
- सूर्य की किरणों से यह शिवलिंग प्रभावित होता है.
- यह शिवलिंग दिन में तीन बार अपना स्वरूप परिवर्तित करता है.
- भगवान शिव के साकार स्वरूप का दर्शन होता है.
इस भूतेश्वर नाथ मंदिर में आमतौर पर प्रतिदिन श्रृंगार एवं पूजा -आरती होती है . पर सावन महीने में इसका विशेष श्रृंगार किया जाता है. बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां आकर पूजा अर्चना करते है. मान्यता है कि भगवान शिव यहां आने वाले भक्तों की हर मुराद पूरी करते हैं. सावन के पूरे महीने और खासतौर पर सोमवार को यहां बड़ी तादात में शिवभक्त यहां आकर अपने आराध्य देव को प्रसन्न करते हैं, और भगवान शिव उनकी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं.
-राजनारायण पांडे , पुजारी, भूतेश्वर नाथ मंदिर