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सीतापुर: भुखमरी की कगार पर पहुंचे कई परिवार, नहीं मिल रहा सरकारी योजनाओं का लाभ

देशव्यापी लॉकडाउन को लेकर सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का लाभ सीतापुर जिले के कबाड़ बीनने वालों को नहीं मिल रहा है. इससे इन जरूरतमंदों के बीच भूखमरी की समस्या उत्पन्न हो गई है.

needy are not getting benefit of government schemes
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Published : May 1, 2020, 11:01 AM IST

सीतापुर: जिले में लॉकडाउन के कारण कबाड़ बीनकर अपना जीवन यापन करने वाले परिवार इन दिनों भुखमरी का शिकार हो रहे हैं. इन परिवारों का कहना है कि इन तक किसी भी तरह की कोई सरकारी योजनाएं नहीं पहुंचती हैं. जिसके कारण इनके सामने खाने की समस्या उत्पन्न हो गई है. इन्होंने आगे बताया कि कुछ समाजसेवी लोगों के सहारे ये भोजन कर पा रहे हैं.

जरूरतमंदों को नहीं मिल रहा सरकारी योजनाओं का लाभ.
भुखमरी की कगार पर परिवार-शहर के नैपालापुर चौराहे के पास सड़क के किनारे कबाड़ बीनने वाले करीब एक दर्जन परिवार रहते हैं. ये परिवार कबाड़ बेचकर उससे होने वाली आमदनी से ही अपना घर चलाते हैं. एक महीने से ज्यादा समय से लॉकडाउन लागू होने के कारण इन परिवारों की कमाई पूरी तरह से ठप है.

अपना दर्द किया बयां-
इनका हाल जानने के लिए जब ईटीवी भारत की टीम पहुंची तो इन परिवारों ने अपना दर्द बयां किया. उन्होंने बताया कि अभी तक उन सबके राशन कार्ड नहीं बने हैं. सिर्फ एक दो परिवारों को ही यह सुविधा मिल पाई है. जिसमे भी परिवार के यूनिट कटे हुए हैं. उन्हें आपदा के इस दौर में सरकार द्वारा घोषित राशन और आर्थिक सहायता भी नहीं मिल रही. ऐसे वक्त में समाजसेवी लोगों द्वारा उपलब्ध कराए भोजन से ही वह जीवन यापन कर रहे हैं.

जब इस मामले में जिला पूर्ति अधिकारी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि पूरे जिले में राशन कार्ड बनाने का काम अभी जारी है. अब तक 8 लाख 45 हजार राशन कार्ड धारकों को 33 लाख कुंतल खाद्य सामग्री का वितरण किया जा चुका है. 15 हजार नए राशन कार्ड बनाकर 55 हजार यूनिट जोड़े गए हैं. इसके अलावा सभी खण्ड विकास अधिकारियों को ग्राम सभा स्तर से प्रस्ताव मंगाकर राशन कार्ड बनाने और राशन वितरण के निर्देश दिए गए हैं.

इसे भी पढ़ें-मेरठ मेडिकल कालेज में ऑक्सीजन सप्लाई का टेंडर निरस्त, भ्रष्टाचार की शिकायत के बाद डिप्टी सीएम ने की कार्रवाई

सीतापुर: जिले में लॉकडाउन के कारण कबाड़ बीनकर अपना जीवन यापन करने वाले परिवार इन दिनों भुखमरी का शिकार हो रहे हैं. इन परिवारों का कहना है कि इन तक किसी भी तरह की कोई सरकारी योजनाएं नहीं पहुंचती हैं. जिसके कारण इनके सामने खाने की समस्या उत्पन्न हो गई है. इन्होंने आगे बताया कि कुछ समाजसेवी लोगों के सहारे ये भोजन कर पा रहे हैं.

जरूरतमंदों को नहीं मिल रहा सरकारी योजनाओं का लाभ.
भुखमरी की कगार पर परिवार-शहर के नैपालापुर चौराहे के पास सड़क के किनारे कबाड़ बीनने वाले करीब एक दर्जन परिवार रहते हैं. ये परिवार कबाड़ बेचकर उससे होने वाली आमदनी से ही अपना घर चलाते हैं. एक महीने से ज्यादा समय से लॉकडाउन लागू होने के कारण इन परिवारों की कमाई पूरी तरह से ठप है.

अपना दर्द किया बयां-
इनका हाल जानने के लिए जब ईटीवी भारत की टीम पहुंची तो इन परिवारों ने अपना दर्द बयां किया. उन्होंने बताया कि अभी तक उन सबके राशन कार्ड नहीं बने हैं. सिर्फ एक दो परिवारों को ही यह सुविधा मिल पाई है. जिसमे भी परिवार के यूनिट कटे हुए हैं. उन्हें आपदा के इस दौर में सरकार द्वारा घोषित राशन और आर्थिक सहायता भी नहीं मिल रही. ऐसे वक्त में समाजसेवी लोगों द्वारा उपलब्ध कराए भोजन से ही वह जीवन यापन कर रहे हैं.

जब इस मामले में जिला पूर्ति अधिकारी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि पूरे जिले में राशन कार्ड बनाने का काम अभी जारी है. अब तक 8 लाख 45 हजार राशन कार्ड धारकों को 33 लाख कुंतल खाद्य सामग्री का वितरण किया जा चुका है. 15 हजार नए राशन कार्ड बनाकर 55 हजार यूनिट जोड़े गए हैं. इसके अलावा सभी खण्ड विकास अधिकारियों को ग्राम सभा स्तर से प्रस्ताव मंगाकर राशन कार्ड बनाने और राशन वितरण के निर्देश दिए गए हैं.

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