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सीतापुर: कागजों में सिमट कर रह गई गोमती के पुनरोद्धार की योजना - gomti revival scheme condition very bad in sitapur

उत्तर प्रदेश के सीतापुर में राज्य सरकार ने नदियों को स्वच्छ करने का प्रशासन को आदेश दिया था. नदियों की घाराओं को स्वच्छ रखने के अभियान के तहत प्रशासन ने करीब दो करोड़ रुपये की योजना बनाई थी.

गोमती नदी.
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Published : Jul 20, 2019, 12:03 AM IST

सीतापुर: राज्य सरकार ने नदियों के पुनरोद्धार के लिए प्रशासन को निर्देश दिए थे. निर्देश के बाद जिले में गोमती नदी की धारा को स्वच्छ एवं अविरल बनाने के लिए प्रशासन ने करीब दो करोड़ रुपये की कार्य योजना तैयार की थी.

कागजों में ही सिमट कर रह गई गोमती के पुनरोद्धार की योजना.
जानिए क्या है पूरा मामला-
  • सीतापुर में नदियों के पुनरोद्धार के लिए प्रशासन ने स्वच्छता अभियान चलाया था.
  • गोमती नदी की धारा को स्वच्छ करने के लिए अभियान चलाने की बात कही गई थी.
  • राज्य सरकार ने दिए थे नदी की धारा को स्वच्छ करने के निर्देश.
  • गोमती नदी जिले के चार विकास खण्डों के 45 ग्राम सभाओं की सीमाओं से होकर गुजरती हैं.
  • हजारों श्रद्धालु यहां रोजाना नदी में स्नान और आचमन करने आते हैं.
  • इस कार्य योजना को पूरा करने का जिम्मा सिचांई विभाग को सौंपा गया था.
  • कार्य योजना को पूरा करने की बात तो दूर, प्रशासन ने उसे शुरू भी नहीं किया.

सीतापुर: राज्य सरकार ने नदियों के पुनरोद्धार के लिए प्रशासन को निर्देश दिए थे. निर्देश के बाद जिले में गोमती नदी की धारा को स्वच्छ एवं अविरल बनाने के लिए प्रशासन ने करीब दो करोड़ रुपये की कार्य योजना तैयार की थी.

कागजों में ही सिमट कर रह गई गोमती के पुनरोद्धार की योजना.
जानिए क्या है पूरा मामला-
  • सीतापुर में नदियों के पुनरोद्धार के लिए प्रशासन ने स्वच्छता अभियान चलाया था.
  • गोमती नदी की धारा को स्वच्छ करने के लिए अभियान चलाने की बात कही गई थी.
  • राज्य सरकार ने दिए थे नदी की धारा को स्वच्छ करने के निर्देश.
  • गोमती नदी जिले के चार विकास खण्डों के 45 ग्राम सभाओं की सीमाओं से होकर गुजरती हैं.
  • हजारों श्रद्धालु यहां रोजाना नदी में स्नान और आचमन करने आते हैं.
  • इस कार्य योजना को पूरा करने का जिम्मा सिचांई विभाग को सौंपा गया था.
  • कार्य योजना को पूरा करने की बात तो दूर, प्रशासन ने उसे शुरू भी नहीं किया.
Intro:सीतापुर: 88 हज़ार ऋषियों की तपोभूमि नैमिषारण्य से होकर गुजरने वाली आदि गंगा गोमती नदी के पुनरोद्धार के लिए बनाई गई कार्ययोजना कागज़ों तक ही सिमटकर रह गई है. करीब एक वर्ष पहले तैयार की गई दो करोड़ की कार्ययोजना को अमली जामा पहनाने के सिंचाई विभाग और मनरेगा के तहत कार्य का बंटवारा किया गया था लेकिन एक वर्ष का समय बीत जाने के बावजूद गोमती धारा को निर्मल बनाने का कार्य अभी तक शुरू नही हो पाया है.


Body:राज्य सरकार ने नदियों के पुनरोद्धार के लिए प्रशासन को निर्देश दिए थे जिसके बाद इस जिले में भी लोगो की आस्था से जुड़ी आदिगंगा गोमती नदी की धारा को स्वच्छ एवं अविरल बनाने के लिए प्रशासन ने करीब दो करोड़ रुपये की कार्ययोजना तैयार की थी. इस कार्ययोजना को अमली जामा पहनाने का जिम्मा सिचांई विभाग को सौंपा गया था साथ ही मनरेगा के तहत नदी के किनारे तालाबो की खुदाई और वृक्षारोपण का कार्य कराने की योजना तैयार की गई थी लेकिन एक वर्ष का समय बीत जाने के बाद भी इस कार्ययोजना को पूरा करने की बात तो दूर,शुरू भी नही किया जा सका है.


Conclusion:गोमती नदी जिले के चार विकास खण्डों के 45 ग्राम सभाओं की सीमाओं से होकर गुजरती है.नैमिषारण्य तीर्थ से गुजरने के कारण इसका विशेष महत्व माना जाता है हज़ारो श्रद्धालु वहां रोजाना इस नदी में स्नान और आचमन करते हैं लेकिन पिछले कुछ समय के भीतर यह नदी बेहद गन्दी हो गई है इसी के कारण प्रशासन ने इस नदी के पुनरोद्धार की कार्ययोजना तैयार की थी लेकिन अभी तक इस योजना पर काम शुरू नही हो पाया है. सिचांई विभाग अभी तक काम शुरू करने का मुहूर्त नही निकाल पाया है जबकि मनरेगा के तहत कुछ काम शुरू होने की बात कही जा रही है.

बाइट-सुशील कुमार सिंह (उपायुक्त-मनरेगा)

सीतापुर से नीरज श्रीवास्तव की रिपोर्ट,9415084887
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