सीतापुर: अंग्रेजों के जमाने की बनी सीतापुर जेल की पांच बैरिकों को तोड़कर उनकी जगह नई जेलों का निर्माण कराया जाएगा. ये बैरिक दो मंजिला आकार में होंगी. इसके साथ ही करीब 3 सौ कैदियों की क्षमता का विस्तार कराया जायेगा. यह जानकारी कारागार महानिदेशक आनन्द कुमार ने सीतापुर में मीडिया कर्मियों को दी.
जेल की व्यवस्थाओं को सराहा
प्रदेश के कारागार महानिदेशक आनन्द कुमार शुक्रवार को सीतापुर जेल का निरीक्षण करने आए थे. निरीक्षण के बाद मीडिया से बातचीत में उन्होंने जेल की व्यवस्थाओं की सराहना की. भोजन से लेकर साफ-सफाई और अस्पताल की व्यवस्था पर उन्होंने संतोष जताया.
जेल में अधिक कैदियों की समस्या पर जताई चिंता
कारागार महानिदेशक ने बताया कि इस जेल में क्षमता से अधिक कैदियों के होने की समस्या है. इस समस्या का जल्द समाधान कर लिया जाएगा. उन्होंने बताया कि सीतापुर जेल का निर्माण 1878 में हुआ था. यहां कुल 978 कैदियों की क्षमता है, लेकिन इस समय जेल में करीब 1584 कैदी हैं.
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दो मंजिला बैरिकों का होगा निर्माण
इस जेल की पांच पुरानी बैरिकों को निष्प्रयोज्य घोषित कर उनके स्थान पर दो मंजिला बैरिकों का निर्माण कराया जाएगा. इसके साथ ही तीन सौ कैदियों की क्षमता का विस्तार भी कराया जाएगा.
धीमी निर्माण कार्य पर जताई नाराजगी
महानिदेशक कारागार ने जिला जेल में निर्माणाधीन कार्य की धीमी गति और कार्यदायी संस्था की लापरवाही पर नाराजगी जताई. उन्होंने जेल अधीक्षक को केस दर्ज कराकर कार्रवाई करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि सरकारी धन के दुरुपयोग को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.