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महाकुंभ पर स्पेशल ट्रेनें चलाने की रेलवे की तैयारी, जानें उससे पहले मौसम विभाग से क्यों करेगा परामर्श

आगामी कोहरे के मौसम 2024-25 में परिचालन (ऑपरेशन) कारणों से उत्तर मध्य रेलवे ने जहां कई सामान्य ट्रेनों के फेरे आंशिक रूप से रद्द कर दिए हैं या कम कर दिए हैं, वहीं इसी अवधि के दौरान बड़ी संख्या में विशेष ट्रेनों के समय पर चलने को लेकर संदेह पैदा होना स्वाभाविक है. महाकुंभ पर रेलवे की तैयारियों को लेकर ईटीवी भारत संवाददाता चंचल मुखर्जी की रिपोर्ट...

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : 2 hours ago

mahakumbh special trains
प्रतीकात्मक तस्वीर (Getty Images)

नई दिल्ली: रेलवे महाकुंभ मेले के लिए ट्रेनों की समय-सारिणी तय करने से पहले मौसम पूर्वानुमान, खासकर कोहरे वाले दिनों के बारे में जानकारी लेने के लिए मौसम विभाग से परामर्श करने की योजना बना रहा है. वही इसलिए क्योंकि महाकुंभ का आयोजन 2025 में सर्दियों के मौसम, जनवरी-फरवरी महीने में आयोजित किया जाएगा. महाकुंभ पर रेलवे की तैयारियों को लेकर ईटीवी भारत संवाददाता चंचल मुखर्जी की रिपोर्ट...

अगर कोहरा भारत के कई उत्तरी हिस्सों को अपनी चपेट में ले लेता है, जैसा कि पिछले सालों में हुआ था, जिसके बाद कई ट्रेनें रद्द कर दी गई थीं या देरी से चल रही थीं, तो लोगों को इस बात पर संदेह है कि क्या ट्रेनें सुचारू रूप से चलेंगी. जबकि उत्तर मध्य रेलवे ने आगामी कोहरे के मौसम 2024-25 में परिचालन कारणों से कई सामान्य ट्रेनों के फेरे आंशिक रूप से रद्द या कम कर दिए हैं, इसी अवधि के दौरान बड़ी संख्या में विशेष ट्रेनों को समय पर चलाने के बारे में संदेह होना स्वाभाविक है.

महाकुंभ मेले की तैयारी का हिस्सा रहे एक वरिष्ठ रेलवे अधिकारी ने कहा कि, अगर आयोजन के दौरान घना कोहरा हो सकता है तो उस स्थिति में कोई कुछ नहीं कर सकता. महाकुंभ मेले के दौरान ट्रेनें चलाने की तैयारी के बारे में बात करते हुए उत्तर मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी शशिकांत त्रिपाठी ने ईटीवी भारत से कहा, "अगर आयोजन के दौरान घना कोहरा छा जाता है तो रेलवे के पास स्थिति से निपटने के लिए कुछ तकनीक है, लेकिन यह बिल्कुल स्पष्ट है कि कोहरे के मौसम में कम दृश्यता के कारण ट्रेनों की गति प्रभावित होगी."

त्रिपाठी ने कहा, "यह पिछले सालों में देखा गया है, चाहे वह माघ मेला हो या कुंभ मेला, कोहरे का ट्रेन सेवाओं पर ज्यादा असर नहीं पड़ता है." भविष्य की योजना के बारे में बताते हुए सीपीआरओ त्रिपाठी ने बताया, "यात्रियों की सुरक्षा रेलवे का प्रमुख उद्देश्य है. हम हमेशा मानसून, बारिश, गर्मी और सर्दियों के दिनों में ट्रेनों का शेड्यूल तय करने के लिए मौसम का पूर्वानुमान लेते हैं. हम वास्तविक समय की स्थिति जानने के लिए साप्ताहिक आधार पर मेले के दौरान ट्रेनों का शेड्यूल तय करने के लिए मौसम विज्ञानियों से परामर्श करेंगे."

एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि, अगर आयोजन के दौरान देश के उत्तरी हिस्से में घना कोहरा छा जाता है तो इसे प्राकृतिक स्थिति के रूप में देखने के अलावा कोई विकल्प नहीं है. ऐसे में महाकुंभ मेला विशेष ट्रेनों को समय पर चलाना एक चुनौती होगी. पिछले कुछ सालों में देखा गया है कि सर्दियों के मौसम में देश के कई हिस्सों में घने कोहरे की स्थिति गंभीर हो जाती है, जिससे ट्रेन और हवाई सेवाओं में काफी व्यवधान होता है.

घने कोहरे के कारण विजिबिलिटी कम हो जाती है, जिससे सामान्य ट्रेन परिचालन प्रभावित होता है और देशभर में यात्रियों को असुविधा होती है. घने कोहरे के दौरान सामान्य गति से ट्रेन चलाना यात्रियों के साथ-साथ ट्रेनों के लिए भी जोखिम भरा होता है, जिसके कारण पिछले सालों में यात्रियों को 6 से 10 घंटे तक की देरी का सामना करना पड़ा था. भारतीय रेलवे ने कोहरे के मौसम में सुचारू रेल परिचालन सुनिश्चित करने के लिए पहले ही 19,742 फॉग पास डिवाइस का प्रावधान किया है. रेल मंत्रालय ने पहले ही बताया कि यह पहल ट्रेन सेवाओं की विश्वसनीयता में सुधार, देरी को कम करने और समग्र यात्री सुरक्षा को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.

ये भी पढ़ें: इस ट्रेन से फ्री में सफर कर सकते हैं यात्री, न टिकट का झंझट, न TTE का डर

नई दिल्ली: रेलवे महाकुंभ मेले के लिए ट्रेनों की समय-सारिणी तय करने से पहले मौसम पूर्वानुमान, खासकर कोहरे वाले दिनों के बारे में जानकारी लेने के लिए मौसम विभाग से परामर्श करने की योजना बना रहा है. वही इसलिए क्योंकि महाकुंभ का आयोजन 2025 में सर्दियों के मौसम, जनवरी-फरवरी महीने में आयोजित किया जाएगा. महाकुंभ पर रेलवे की तैयारियों को लेकर ईटीवी भारत संवाददाता चंचल मुखर्जी की रिपोर्ट...

अगर कोहरा भारत के कई उत्तरी हिस्सों को अपनी चपेट में ले लेता है, जैसा कि पिछले सालों में हुआ था, जिसके बाद कई ट्रेनें रद्द कर दी गई थीं या देरी से चल रही थीं, तो लोगों को इस बात पर संदेह है कि क्या ट्रेनें सुचारू रूप से चलेंगी. जबकि उत्तर मध्य रेलवे ने आगामी कोहरे के मौसम 2024-25 में परिचालन कारणों से कई सामान्य ट्रेनों के फेरे आंशिक रूप से रद्द या कम कर दिए हैं, इसी अवधि के दौरान बड़ी संख्या में विशेष ट्रेनों को समय पर चलाने के बारे में संदेह होना स्वाभाविक है.

महाकुंभ मेले की तैयारी का हिस्सा रहे एक वरिष्ठ रेलवे अधिकारी ने कहा कि, अगर आयोजन के दौरान घना कोहरा हो सकता है तो उस स्थिति में कोई कुछ नहीं कर सकता. महाकुंभ मेले के दौरान ट्रेनें चलाने की तैयारी के बारे में बात करते हुए उत्तर मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी शशिकांत त्रिपाठी ने ईटीवी भारत से कहा, "अगर आयोजन के दौरान घना कोहरा छा जाता है तो रेलवे के पास स्थिति से निपटने के लिए कुछ तकनीक है, लेकिन यह बिल्कुल स्पष्ट है कि कोहरे के मौसम में कम दृश्यता के कारण ट्रेनों की गति प्रभावित होगी."

त्रिपाठी ने कहा, "यह पिछले सालों में देखा गया है, चाहे वह माघ मेला हो या कुंभ मेला, कोहरे का ट्रेन सेवाओं पर ज्यादा असर नहीं पड़ता है." भविष्य की योजना के बारे में बताते हुए सीपीआरओ त्रिपाठी ने बताया, "यात्रियों की सुरक्षा रेलवे का प्रमुख उद्देश्य है. हम हमेशा मानसून, बारिश, गर्मी और सर्दियों के दिनों में ट्रेनों का शेड्यूल तय करने के लिए मौसम का पूर्वानुमान लेते हैं. हम वास्तविक समय की स्थिति जानने के लिए साप्ताहिक आधार पर मेले के दौरान ट्रेनों का शेड्यूल तय करने के लिए मौसम विज्ञानियों से परामर्श करेंगे."

एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि, अगर आयोजन के दौरान देश के उत्तरी हिस्से में घना कोहरा छा जाता है तो इसे प्राकृतिक स्थिति के रूप में देखने के अलावा कोई विकल्प नहीं है. ऐसे में महाकुंभ मेला विशेष ट्रेनों को समय पर चलाना एक चुनौती होगी. पिछले कुछ सालों में देखा गया है कि सर्दियों के मौसम में देश के कई हिस्सों में घने कोहरे की स्थिति गंभीर हो जाती है, जिससे ट्रेन और हवाई सेवाओं में काफी व्यवधान होता है.

घने कोहरे के कारण विजिबिलिटी कम हो जाती है, जिससे सामान्य ट्रेन परिचालन प्रभावित होता है और देशभर में यात्रियों को असुविधा होती है. घने कोहरे के दौरान सामान्य गति से ट्रेन चलाना यात्रियों के साथ-साथ ट्रेनों के लिए भी जोखिम भरा होता है, जिसके कारण पिछले सालों में यात्रियों को 6 से 10 घंटे तक की देरी का सामना करना पड़ा था. भारतीय रेलवे ने कोहरे के मौसम में सुचारू रेल परिचालन सुनिश्चित करने के लिए पहले ही 19,742 फॉग पास डिवाइस का प्रावधान किया है. रेल मंत्रालय ने पहले ही बताया कि यह पहल ट्रेन सेवाओं की विश्वसनीयता में सुधार, देरी को कम करने और समग्र यात्री सुरक्षा को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.

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