सीतापुर: नैमिषारण्य स्थित कालीपीठ में बुधवार को श्रीमदभागवत कथा महोत्सव का आयोजन किया गया. जिसमें मुख्य अतिथि के तौर पर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल पहुंची. इस दौरान उन्होंने रमेश भाई ओझा की भागवत कथा को पूरी आस्था के साथ विधिवत तरीके से सुना. इस दौरान राज्यपाल कहा कि आज ऐसे मौके पर उपस्थित होकर काफी प्रसन्नता का अनुभव हो रहा है. यहां कथा के माध्यम से जो कुछ सुना है, उससे एक सुखद अनुभूति हो रही है.
इस मौके पर राज्यपाल ने विशेष तौर पर शिक्षा व स्वास्थ्य पर बल देते हुए कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में सबसे ज्यादा काम करने वाली संस्था रमेश भाई ओझा की है. उन्होंने गुजरात में शिक्षा के क्षेत्र में किए गए प्रयासों के विषय में बताया. उन्होंने कहा कि कम परीक्षाफल एवं शिक्षण स्तर में पिछड़े क्षेत्रों में स्थित विद्यालयों की शिक्षण व्यवस्था में सुधार के लिये उन्हें निजी संस्थाओं के माध्यम से आगे बढ़ाने के प्रयास किया. इसी क्रम में रमेश भाई ओझा की संस्था ने आदिवासी क्षेत्र में स्थित एक ऐसे विद्यालय के कायाकल्प एवं शिक्षण व्यवस्था में सुधार का प्रयास किया. जिस विद्यालय में पहले छात्र-छात्राएं जाना नहीं पसन्द करते थे. वहां गुणवत्तापूर्ण शिक्षण व्यवस्था एवं बेहतर सुविधाओं की उपलब्धता होने के कारण 6 सौ से अधिक छात्र-छात्राएं शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं.
राज्यपाल ने आगे कहा कि यूपी में उनके 4 साल के कार्यकाल के दौरान उनकी प्राथमिकता शिक्षा एवं स्वास्थ्य पर रही है. शिक्षण व्यवस्था में सुधार के लिए विश्वविद्यालयों के माध्यम से आंगनबाड़ी केन्द्रों के विकास का कार्य कराने की महत्वाकांक्षी योजना गतिमान है. आंगनबाड़ी केन्द्रों में अवस्थापना सुविधाओं में सुधार एवं शैक्षणिक गतिविधियों को बढ़ावा देकर बच्चों को नियमित रूप से केन्द्रों पर उपस्थित होने के लिए बढ़ावा दिया जा रहा है. स्वास्थ्य में सुधार के लिये व्यापक स्तर पर जागरूकता अभियान के अन्तर्गत विश्वविद्यालय में अध्ययनरत बालिकाओं को जागरूक करने के साथ-साथ गर्भावस्था के दौरान रखी जाने वाली महत्वपूर्ण सावधानियों, स्वास्थ्य को बेहतर रखने वाली गतिविधियों के विषय में जागरूक किया जा रहा है.
इसके अतिरिक्त विश्वविद्यालयों में शिक्षण व्यवस्था में सुधार, भ्रष्टाचार में सुधार और बेहतर एनएएसी रैकिंग के लिए उन्हे तैयार किया गया है. अध्यापकों को प्रेरित कर गुणवत्ता में सुधार के लगातार काम किए जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालयों एवं जनता के सहयोग से प्रदेश के 75 सौ आंगनबाड़ी केन्द्रों में 40-40 हजार रूपये की शैक्षणिक किट उपलब्ध कराई गई है.
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