संभलः जिला प्रशासन हिंसा के बाद यहां के सभी तीर्थ स्थलों, कुएं और कूपों को संरक्षित करने पर काम कर रहा है. इसी कड़ी में बुधवार को विवादित शाही जामा मस्जिद के निकट कब्जा कर पाटे गए कूप की खुदाई का कार्य शुरू कराया गया है. पुलिस फोर्स की मौजूदगी में मजदूर कूप की खुदाई शुरू कर दी है.
बता दें कि नगर पालिका प्रशासन की ओर से पिछले दिनों मलबा हटाने का काम किया गया था, जिस पर मस्जिद कमेटी के सदर जफर अली एडवोकेट ने विरोध किया था. इसके साथ ही काम को रोकने का प्रयास किया था. लेकिन बुधवार को ASP श्रीश चंद्र, थाना पुलिस के अलावा RRF की मौजूदगी में मजदूर प्राचीन कूप की खुदाई कर रहे हैं.
ASP श्रीश चंद्र ने बताया कि स्थानीय लोगों ने बताया था कि इस कूप को ढक दिया गया था और अतिक्रमण कर लिया गया था. अब इस कूप की खुदाई की जा रही है. बीते दिनों DM डॉ राजेंद्र पेंसिया ने इस कूप की खुदाई के आदेश दिए थे. जिसके बाद पुलिस की मौजूदगी में मजदूरों ने खुदाई शुरू हुई.
स्थानीय निवासी संजय कुमार ने बताया कि यह 19 कूपों में से एक है, जिसको अवैध कब्जा कर पाट दिया गया था. यहां पर पहले हिंदू समुदाय की महिलाएं पूजा पाठ करती थी, लेकिन इस पर कब्जा कर दिया गया. अब प्रशासन इसे खुलवा रहा है. यह कूप बहुत प्राचीन है. इसके स्वरूप को फिलहाल बदल दिया गया है.
फिर संभल पहुंची ASI की टीम, पृथ्वीराज चौहान की बावड़ी सहित कई ऐतिहासिक धरोहरों का किया निरीक्षण: संभल में तमाम तीर्थ स्थलों, कुएं, कूपों और ऐतिहासिक धरोहरों को संरक्षित किए जाने का काम जारी है तो वहीं भारतीय पुरातत्व विभाग की टीम भी लगातार यहां के ऐतिहासिक स्थलों और कूपों का सर्वे कर रही है. बुधवार को भी भारतीय पुरातत्व विभाग की टीम संभल पहुंची.
टीम सबसे पहले उपनगरी सरायतरीन के मोहल्ला दरबार स्थित दादा मियां की मजार और वहां स्थित कब्रिस्तान एवं प्राचीन कुएं पर पहुंची. टीम ने यहां पर काफी समय तक निरीक्षण किया. ASI की टीम यहां निरीक्षण करने के बाद पृथ्वीराज चौहान की बावड़ी पर पहुंची. इसके बाद पुरातत्व विभाग की टीम चंद्रेश्वर महादेव मंदिर पर पहुंची. SDM डॉ. वंदना मिश्रा ने बताया कि ASI की टीम बुधवार को संभल पहुंची. जहां टीम ने प्राचीन धरोहरों का निरीक्षण किया.