सहारनपुर: बिहार और पूर्वांचल के प्रमुख त्योहार छठ पूजा को लेकर सहारनपुर के श्रद्धालुओं में भी खासा उत्साह देखा जा रहा है. पूर्वी यमुना नहर के घाट पर न सिर्फ तैयारियां की जा रही हैं, बल्कि पूजा के लिए छठ मैया की आकृतियां भी बनाई जा रही हैं. साथ ही जागरण के लिए पानी के बीच मंच बनाकर छठ मैया का विशाल मंदिर बनाया जा रहा है.
छठ पूजा के लिए की जा रही तैयारियां
बता दें कि जनपद सहारनपुर में पूर्वांचल से हजारों परिवार आकर बसे हुए हैं. छठ पूजा के दौरान यह लोग बड़ी नहर पर बने घाट पर न सिर्फ छठ मैया की पूजा करते हैं, बल्कि नहाय-खाय के बाद नहर के पानी में खड़े होकर सूर्य देवता को अर्घ्य देकर पूजा को सम्पन्न करते हैं. ईटीवी भारत की टीम ने नहर पर बने घाट का जायजा लिया और श्रद्धालुओं से बातचीत की.
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पूर्वांचल कल्याण समिति के पदाधिकारियों ने छठ पूजा की तैयारियों पर बताया कि घाट को सजाया जा रहा है. नहर के बीच पानी में छठ मैया का मंदिर बनाया जा रहा है. बिजली, पानी और खाने-पीने की तमाम व्यवस्थाएं की जा रही हैं. रात में छठ मैया का जागरण किया जाएगा, जिसके लिए भी सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. शहर की विभिन्न कॉलोनियों में रह रहे 15 हजार से ज्यादा श्रद्धालु यहां आकर सूर्य देव को अर्घ्य देने के बाद अपनी पूजा का समापन करेंगे.
उगते और अस्त सूरज को दिया जाता है अर्घ्य
पंडित अरुण कुमार उपाध्याय ने छठ पूजा की जानकारी देते हुए बताया कि मुख्य रूप से कार्तिक मास की षष्ठी तिथि को छठ पूजा की जाती है. छठ पूजा को सूर्य षष्ठी व्रत भी कहा जाता है. यह त्योहार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि के दिन सूर्य देवता को अर्घ्य देकर इस व्रत को शुरू किया जाता है. सप्तमी के दिन उगते सूरज को अर्घ्य देते हैं. इस पूजा में उगते और अस्त सूरज यानी दोनों समय सूरज को अर्घ्य देते हैं.
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अर्घ्य देने से धार्मिक और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से मिलता है लाभ
छठ पूजा के दिन पानी की धार में व्रत का आयोजन करते हैं. क्योंकि सूर्य को अर्घ्य देते हैं तो अर्घ्य ऊपर से गिरकर जल की धार से टकराती है और उसके टकराव से एक ऊर्जा उत्पन्न होती है. वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी इस ऊर्जा का लाभ मिलता है और धार्मिक दृष्टिकोण से भी फायदा होता है. छठ पूजा का त्योहार धार्मिक दृष्टिकोण यह बताता है कि हमारा सत्य नष्ट न हो और सत्यवादिता में हम अपना जीवनयापन करते रहे. वहीं वैज्ञानिक कारण बताता है कि पानी में बहकर जो सूर्य की किरणें आती हैं, वह उस जल से टकराकर आकर्षण शक्ति और ऊर्जा हमारे शरीर में पैदा करती है. इससे हम सालों साल स्वस्थ रहते हैं.