शामली: बुधवार सुबह से रुक-रुक कर हो रही बारिश से जहां गर्मी से थोड़ी राहत मिली है. वहीं जिला प्रशासन की बड़ी लापरवाही सामने आई है. तौकते तूफान के अलर्ट के बाद भी प्रशासन की नींद नहीं टूटी. शामली में मंडी समिति और प्रशासन की लापरवाही से क्रय केंद्रों पर खुले में रखा सैकड़ों क्विंटल गेहूं बारिश में भीग गया. चौकाने वाली बात तो ये है कि क्रय केंद्र पर मौजूद अधिकारी गेहूं के बोरों को प्लास्टिक से भी नहीं ढक पाए. दो दिन तक न सिर्फ गेहूं से भरी बोरियों पर बारिश होती रही, बल्कि बारिश का पानी बोरियों के नीचे भरा रहा. गेहूं क्रय केंद्र के जिम्मेदार गाड़ी नहीं मिलने का बहाना बनाकर पल्ला झाड़ रहे हैं. जिलाधिकारी जसजीत कौर ने एसडीएम ऊन और डिप्टी आरएमओ को मौके पर पहुंचकर जांच के निर्देश दिए हैं. लापरवाही मिलने पर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की बात कही है.
भीग गया हजारों क्विंटल गेहूं
शामली जिले के तहसील ऊन इलाके के कस्बा गढ़ीपुख्ता स्थित क्रय केंद्र पर रखे गेहूं पिछले 24 घंटे से हो रही लगातार बारिश में भीग रहे थे. इतना ही नहीं पानी गेहूं के बोरों में भर कर बाहर निकल रहा है. शामली प्रशासन की बड़ी लापरवाही की वजह से गरीबों के लिए क्रय किया गया गेहूं बारिश में खुले आसमान के नीचे भीग कर खराब हो गया. हैरानी की बात तो ये है कि तौकते तूफान के अलर्ट के बाद भी शामली प्रशासन नहीं जागा.
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डीएम ने दिए जांच के आदेश
गेहूं क्रय केंद्र पर मौजूद अधिकारी से जब गेहूं भीगने के बारे में पूछा गया तो वह कुछ अलग ही राग अलापते नजर आए. गेहूं क्रय केंद्र पर मौजूद अधिकारी ने बताया कि गेहूं क्रय केंद्र से गेहूं इसलिए नहीं उठ पाया कि उन्हें यहां से गेहूं को ले जाने के लिए गाड़ी नहीं मिल पाई. वहीं इस पूरे मामले पर जिलाधिकारी शामली ने जांच की बात कहते हुए दोषी कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.