शामली: अपनी शायरी की खुशबू से देश-विदेश को महकाने वाले अज़ीम शायर जनाब मुजफ्फर 'रज्मी' के परिवार ने पीएम को चिट्ठी लिखकर अपना दर्द बयां किया है. रज़्मी साहब का परिवार आज भी किराए के मकान में रहता है. जिसको प्रशासन खाली कराने का दबाव बना रहा है. रज्मी साहब ने नगरपालिका के इसी मकान में पूरी जिंदगी गुजार दी, जो रज्मी साहब की तमाम पुरानी यादों के साथ अब बूढ़ा हो चुका है. मकान के एक कमरे में लगी खिड़की, दरवाजा ये बताने के लिए काफी हैं कि रज्मी साहब ने अपनी जिंदगी की किताब यही बैठकर लिखी होगी.
शायर मुजफ्फर 'रज्मी' शामली जिले के कैराना के रहने वाले थे. उनकी गजलें और शेर देश ही नहीं, बल्कि दुनियाभर में आज भी सुनाई देते हैं. रज़्मी साहब की सादगी ऐसी थी कि शौहरत की बुलंदियों पर पहुंचने के बावजूद भी वे अपना मकान तक नहीं बना पाए थे. उनका परिवार आज भी कैराना में नगरपालिका के किराए के मकान में रह रहा है. परिवार ने पीएम मोदी को चिट्ठी लिखकर अपना दर्द बयां किया है.
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मुजफ्फर 'रज्मी' के बेटे जावेद इकबाल बताते हैं कि हमने पीएम मोदी को पत्र भेजा है, जिसका जवाब अभी तक नहीं मिला है. इकबाल कहते हैं 'रज़्मी' साहब पूरी दुनिया में अपनी एक छाप छोड़कर चले गए. कैराना घराने के बाद अगर किसी ने कैराना का नाम रोशन किया तो वो मुज़फ़्फ़र रज़्मी ही थे, लेकिन आज तो बस उनकी यादें हैं...
क्या है परिवार का दर्द
- मरहूम शायर के परिवार ने पीएम मोदी को चिट्ठी लिखकर रहने के लिए घर दिलाने की मांग की है.
- चिट्ठी में बताया कि पिता ने शायरी में इज्जत और शौहरत कमाई, लेकिन आम जिंदगी में परिवार बहुत गरीब था.
- परिवार जिस मकान में रह रहा है, वह नगरपालिका परिषद कैराना का है.
- सरकार और प्रशासन किराए के मकान को खाली करने का दबाव डाल रहे हैं.
- परिवार ने पीएम मोदी से इस मुश्किल की घड़ी में परिवार को बेघर होने से बचाने की अपील की है.