ETV Bharat / state

शामली: मशहूर शायर रज्मी के बेटे ने पीएम मोदी को लिखी चिट्ठी, बयां किया दर्द - shamli news

अजीम शायर जनाब मुजफ्फर 'रज्मी' के परिवार ने पीएम को चिट्ठी लिखकर अपना दर्द बयां किया है. उनके बेटे जावेद इकबाल बताते हैं कि आज उनका परिवार मुफलिसी के दौर से गुजर रहा है. उनके पास उनका खुद का घर तक नहीं है.

मशहूर शायर रज्मी के बेटे ने पीएम मोदी को लिखी चिट्ठी.
author img

By

Published : Sep 21, 2019, 12:30 PM IST

Updated : Sep 21, 2019, 1:25 PM IST

शामली: अपनी शायरी की खुशबू से देश-विदेश को महकाने वाले अज़ीम शायर जनाब मुजफ्फर 'रज्मी' के परिवार ने पीएम को चिट्ठी लिखकर अपना दर्द बयां किया है. रज़्मी साहब का परिवार आज भी किराए के मकान में रहता है. जिसको प्रशासन खाली कराने का दबाव बना रहा है. रज्मी साहब ने नगरपालिका के इसी मकान में पूरी जिंदगी गुजार दी, जो रज्मी साहब की तमाम पुरानी यादों के साथ अब बूढ़ा हो चुका है. मकान के एक कमरे में लगी खिड़की, दरवाजा ये बताने के लिए काफी हैं कि रज्मी साहब ने अपनी जिंदगी की किताब यही बैठकर लिखी होगी.

मशहूर शायर रज्मी के बेटे ने पीएम मोदी को लिखी चिट्ठी.

शायर मुजफ्फर 'रज्मी' शामली जिले के कैराना के रहने वाले थे. उनकी गजलें और शेर देश ही नहीं, बल्कि दुनियाभर में आज भी सुनाई देते हैं. रज़्मी साहब की सादगी ऐसी थी कि शौहरत की बुलंदियों पर पहुंचने के बावजूद भी वे अपना मकान तक नहीं बना पाए थे. उनका परिवार आज भी कैराना में नगरपालिका के किराए के मकान में रह रहा है. परिवार ने पीएम मोदी को चिट्ठी लिखकर अपना दर्द बयां किया है.

etv bharat
मशहूर शायर रज्मी के बेटे ने पीएम मोदी को लिखी चिट्ठी.

पढ़ें- लम्हों ने खता की थी सदियों ने सजा पाई: मुजफ्फर 'रज़्मी'

मुजफ्फर 'रज्मी' के बेटे जावेद इकबाल बताते हैं कि हमने पीएम मोदी को पत्र भेजा है, जिसका जवाब अभी तक नहीं मिला है. इकबाल कहते हैं 'रज़्मी' साहब पूरी दुनिया में अपनी एक छाप छोड़कर चले गए. कैराना घराने के बाद अगर किसी ने कैराना का नाम रोशन किया तो वो मुज़फ़्फ़र रज़्मी ही थे, लेकिन आज तो बस उनकी यादें हैं...

क्या है परिवार का दर्द

  • मरहूम शायर के परिवार ने पीएम मोदी को चिट्ठी लिखकर रहने के लिए घर दिलाने की मांग की है.
  • चिट्ठी में बताया कि पिता ने शायरी में इज्जत और शौहरत कमाई, लेकिन आम जिंदगी में परिवार बहुत गरीब था.
  • परिवार जिस मकान में रह रहा है, वह नगरपालिका परिषद कैराना का है.
  • सरकार और प्रशासन किराए के मकान को खाली करने का दबाव डाल रहे हैं.
  • परिवार ने पीएम मोदी से इस मुश्किल की घड़ी में परिवार को बेघर होने से बचाने की अपील की है.

शामली: अपनी शायरी की खुशबू से देश-विदेश को महकाने वाले अज़ीम शायर जनाब मुजफ्फर 'रज्मी' के परिवार ने पीएम को चिट्ठी लिखकर अपना दर्द बयां किया है. रज़्मी साहब का परिवार आज भी किराए के मकान में रहता है. जिसको प्रशासन खाली कराने का दबाव बना रहा है. रज्मी साहब ने नगरपालिका के इसी मकान में पूरी जिंदगी गुजार दी, जो रज्मी साहब की तमाम पुरानी यादों के साथ अब बूढ़ा हो चुका है. मकान के एक कमरे में लगी खिड़की, दरवाजा ये बताने के लिए काफी हैं कि रज्मी साहब ने अपनी जिंदगी की किताब यही बैठकर लिखी होगी.

मशहूर शायर रज्मी के बेटे ने पीएम मोदी को लिखी चिट्ठी.

शायर मुजफ्फर 'रज्मी' शामली जिले के कैराना के रहने वाले थे. उनकी गजलें और शेर देश ही नहीं, बल्कि दुनियाभर में आज भी सुनाई देते हैं. रज़्मी साहब की सादगी ऐसी थी कि शौहरत की बुलंदियों पर पहुंचने के बावजूद भी वे अपना मकान तक नहीं बना पाए थे. उनका परिवार आज भी कैराना में नगरपालिका के किराए के मकान में रह रहा है. परिवार ने पीएम मोदी को चिट्ठी लिखकर अपना दर्द बयां किया है.

etv bharat
मशहूर शायर रज्मी के बेटे ने पीएम मोदी को लिखी चिट्ठी.

पढ़ें- लम्हों ने खता की थी सदियों ने सजा पाई: मुजफ्फर 'रज़्मी'

मुजफ्फर 'रज्मी' के बेटे जावेद इकबाल बताते हैं कि हमने पीएम मोदी को पत्र भेजा है, जिसका जवाब अभी तक नहीं मिला है. इकबाल कहते हैं 'रज़्मी' साहब पूरी दुनिया में अपनी एक छाप छोड़कर चले गए. कैराना घराने के बाद अगर किसी ने कैराना का नाम रोशन किया तो वो मुज़फ़्फ़र रज़्मी ही थे, लेकिन आज तो बस उनकी यादें हैं...

क्या है परिवार का दर्द

  • मरहूम शायर के परिवार ने पीएम मोदी को चिट्ठी लिखकर रहने के लिए घर दिलाने की मांग की है.
  • चिट्ठी में बताया कि पिता ने शायरी में इज्जत और शौहरत कमाई, लेकिन आम जिंदगी में परिवार बहुत गरीब था.
  • परिवार जिस मकान में रह रहा है, वह नगरपालिका परिषद कैराना का है.
  • सरकार और प्रशासन किराए के मकान को खाली करने का दबाव डाल रहे हैं.
  • परिवार ने पीएम मोदी से इस मुश्किल की घड़ी में परिवार को बेघर होने से बचाने की अपील की है.
Intro:Up_sha_01_letter_written_vis_upc10116


अपनी शायरी की खुशबू से देश—विदेश को महकाने वाले अज़ीम शायर जनाब मुज़फ़्फ़र'रज़्मी' के परिवार ने पीएम को चिट्ठी लिखकर अपना दर्द ब्यां किया है. उनका परिवार आज भी किराए के मकान में रह रहा है. हुकुमत द्वारा मद्द के आश्वासन भी आज तक पूरे नही हो पाए हैं.
Body:
शामली: मरहूम शायर मुज़फ़्फ़र इस्लाम'रज़्मी' शामली जिले के कैराना के रहने वाले थे. उनकी गजलें और शेर देश ही नहीं, बल्कि दुनियाभर में आज भी सुनाई देते हैं. रज़्मी साहब की सादगी ऐसी थी कि शौहरत की बुलंदियों पर पहुंचने के बावजूद भी वें अपना मकान तक नही पाए थे. उनका परिवार आज भी कैराना में नगरपालिका के किराए के मकान में रह रहा है. परिवार ने पीएम मोदी को चिट्ठी लिखकर अपना दर्द ब्यां किया है.

क्या है परिवार का दर्द ?
. मरहूम शायर के परिवार ने पीएम मोदी को चिट्ठी लिखकर रहने के लिए घर दिलाने की मांग की है.

. चिट्ठी में बताया कि पिता ने शायरी में इज्जत और शौहरत कमाई, लेकिन आम जिंदगी में परिवार बहुत गरीब था.

. परिवार जिस मकान में रह रहा है, वह नगरपालिका परिषद् कैराना का है.

. सरकार और प्रशासन किराए के मकान को खाली करने का दबाव डाल रहे हैं.

. परिवार ने पीएम मोदी से इस मुश्किल की घड़ी में परिवार को बेघर होने से बचाने की अपील की है.Conclusion:
इन्होंने कहा—
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हमारी तरफ से लैटर भेजा गया है, जिसका अभी कोई जवाब हमें नही मिला है. मरहूम शायर हजरत मुज़फ़्फ़र'रज़्मी' साहब पूरी दुनिया अपनी एक छाप छोड़कर गए हैं. कैराना घराने के बाद अगर किसी ने कैराना का नाम रोशन किया है, तो वह शख्श मुज़फ़्फ़र'रज़्मी' हैं. अभी तक किसी भी सरकार ने उनके लिए कोई मद्द नही की गई है.
— जावेद इकबाल, मुज़फ़्फ़र'रज़्मी' के बेटे

बाइट: जावेद इकबाल, मुज़फ़्फ़र'रज़्मी' के बेटे

Reporter: sachin sharma
7017123406
Last Updated : Sep 21, 2019, 1:25 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.