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15 मिनट में हुई अनोखी शादी, गिफ्ट में मिली रामायण - देवकली शिव मंदिर

उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में दहेज प्रथा को उखाड़ फेंकने के लिए एक शिक्षित युवक ने दहेज रहित अनोखी शादी की है. यह शादी मंदिर में महज 15 मिनट में पूरी हुई और शादी के बाद वधू पक्ष से एक रामायण ली है. जिसके बाद पूरे गांव में यह शादी चर्चा का विषय बना हुआ है.

15 मिनट में हुई अनोखी शादी.
15 मिनट में हुई अनोखी शादी.
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Published : May 15, 2021, 4:08 PM IST

शाहजहांपुर: जिले के कलान थाना क्षेत्र के पटना देवकली शिव मंदिर में हुई शादी पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी हुई है. कलान थाना क्षेत्र के गांव सनाय के रहने वाले पुष्पेंद्र दुबे और प्रीति तिवारी की शादी का अंदाज बिल्कुल अनोखा था. इस शादी में न तो बैंडबाजा था न कार और बग्घी ही. परिवार के कुछ सदस्यों के बीच दूल्हा दुल्हन ने मंदिर की सात परिक्रमा कर फेरे लिये और बस 15 मिनट में हो गई शादी. इस विवाह में अनोखी बात यह भी रही कि इसमें दान के रुप में वधू पक्ष से सिर्फ एक रामायण ली गई. इस शादी का उद्देश्य केवल दहेज प्रथा को खत्म करना था.

15 मिनट में हुई अनोखी शादी.

दहेज के रूप में ली सिर्फ एक रामायण

इस विवाह के बारे में वर पुष्पेंद्र दुबे का कहना है कि हम लोगों को बेटी की कीमत समझनी चाहिए. क्योंकि दान-दहेज के लोभी बेटियों को दौलत में तौल देते हैं. दहेज के कारण कई गरीब घर की बेटियों की शादी नहीं हो पाती है, इसीलिए दहेज प्रथा को उखाड़ फेंकने के लिए हमने इस तरह शादी की है, जिसमें परंपरा स्वरूप दान के रूप में सिर्फ एक रामायण ली गई है.

इसे भी पढ़ें- ऑक्सीजन की किल्लत, 68 वर्षीय बुजुर्ग ने पीपल के पेड़ पर जमाया डेरा

'दहेज प्रथा ने तबाह किया कई परिवारों को'
वहीं वधू प्रीति का कहना है कि दहेज प्रथा ने बहुत से परिवारों को तबाह कर दिया है. इसे खत्म करने के लिए युवा वर्ग को आगे आना होगा. जब तक लोग इन सामाजिक बुराइयों के खिलाफ खड़े नहीं होंगे, तब तक दहेज का कीड़ा खत्म नहीं होगा. लोगों को समझना होगा बहू से बढ़कर कोई दहेज नहीं है. एक पिता अपनी बेटी की शादी के लिए अपने जीवन की सारी पूंजी लगा देता है और ऐसे में वर पक्ष की ओर से दहेज की मांग करना सरासर गलत होता है.

शाहजहांपुर: जिले के कलान थाना क्षेत्र के पटना देवकली शिव मंदिर में हुई शादी पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी हुई है. कलान थाना क्षेत्र के गांव सनाय के रहने वाले पुष्पेंद्र दुबे और प्रीति तिवारी की शादी का अंदाज बिल्कुल अनोखा था. इस शादी में न तो बैंडबाजा था न कार और बग्घी ही. परिवार के कुछ सदस्यों के बीच दूल्हा दुल्हन ने मंदिर की सात परिक्रमा कर फेरे लिये और बस 15 मिनट में हो गई शादी. इस विवाह में अनोखी बात यह भी रही कि इसमें दान के रुप में वधू पक्ष से सिर्फ एक रामायण ली गई. इस शादी का उद्देश्य केवल दहेज प्रथा को खत्म करना था.

15 मिनट में हुई अनोखी शादी.

दहेज के रूप में ली सिर्फ एक रामायण

इस विवाह के बारे में वर पुष्पेंद्र दुबे का कहना है कि हम लोगों को बेटी की कीमत समझनी चाहिए. क्योंकि दान-दहेज के लोभी बेटियों को दौलत में तौल देते हैं. दहेज के कारण कई गरीब घर की बेटियों की शादी नहीं हो पाती है, इसीलिए दहेज प्रथा को उखाड़ फेंकने के लिए हमने इस तरह शादी की है, जिसमें परंपरा स्वरूप दान के रूप में सिर्फ एक रामायण ली गई है.

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'दहेज प्रथा ने तबाह किया कई परिवारों को'
वहीं वधू प्रीति का कहना है कि दहेज प्रथा ने बहुत से परिवारों को तबाह कर दिया है. इसे खत्म करने के लिए युवा वर्ग को आगे आना होगा. जब तक लोग इन सामाजिक बुराइयों के खिलाफ खड़े नहीं होंगे, तब तक दहेज का कीड़ा खत्म नहीं होगा. लोगों को समझना होगा बहू से बढ़कर कोई दहेज नहीं है. एक पिता अपनी बेटी की शादी के लिए अपने जीवन की सारी पूंजी लगा देता है और ऐसे में वर पक्ष की ओर से दहेज की मांग करना सरासर गलत होता है.

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