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ऑक्सीजन की आस में पीपल के पेड़ के नीचे लेटे लोग - lie under sacred fig plant hope of oxygen

उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले में एक अजब गजब मामला देखने को मिला है. यहां जब अस्पताल में बेड और ऑक्सीजन नहीं मिला तो सांस लेने में दिक्कत का सामना कर रहे कुछ लोग पीपल के पेड़ के नीचे लेट गए. जब उनसे बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि वे यहां आराम महसूस कर रहे हैं.

sick people lie under peepal tree
ऑक्सीजन की आस में पीपल के पेड़ के नीचे लेटे मरीज.
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Published : May 2, 2021, 12:27 PM IST

शाहजहांपुर: जिले में इन दिनों पीपल का पेड़ चर्चा में है. इसकी वजह यह है कि सांस लेने में दिक्कत का सामना कर रहे लोग अब पीपल के पेड़ के नीचे अपना इलाज तलाश रहे हैं. तिलहर कस्बे के बाहर पीपल के पेड़ के नीचे दो परिवारों के लगभग आधा दर्जन लोग बिस्तर लगा कर रह रहे हैं.

पीपल का पेड़ बना सहारा.

सांस लेने की दिक्कत से जूझ रहे लोगों को अस्पताल में ऑक्सीजन और बेड नहीं मिला. इस पर उन्होंने ऑक्सीजन की उम्मीद में पीपल के पेड़ के नीचे रहना शुरू कर दिया. इन लोगों का कहना है कि किसी ने उन्हें बताया है कि पीपल का पेड़ सबसे ज्यादा ऑक्सीजन पैदा करता है. इसलिए वे यहां लेटे हैं. अब उनको काफी आराम है.

ये भी पढ़ें: हाथ में ऑक्सीजन सिलेंडर स्ट्रेचर पर मरीज, वीडियो देखकर खड़े हो जाएंगे रोंगटे

वैज्ञानिकों का भी मानना है कि दूसरे पेड़ों के मुकाबले पीपल का पेड़ 24 घंटे ऑक्सीजन देता है. इसी के चलते इलाके के लोगों ने अब पीपल के पेड़ के नीचे अपना इलाज तलाशना शुरू कर दिया है.

शाहजहांपुर: जिले में इन दिनों पीपल का पेड़ चर्चा में है. इसकी वजह यह है कि सांस लेने में दिक्कत का सामना कर रहे लोग अब पीपल के पेड़ के नीचे अपना इलाज तलाश रहे हैं. तिलहर कस्बे के बाहर पीपल के पेड़ के नीचे दो परिवारों के लगभग आधा दर्जन लोग बिस्तर लगा कर रह रहे हैं.

पीपल का पेड़ बना सहारा.

सांस लेने की दिक्कत से जूझ रहे लोगों को अस्पताल में ऑक्सीजन और बेड नहीं मिला. इस पर उन्होंने ऑक्सीजन की उम्मीद में पीपल के पेड़ के नीचे रहना शुरू कर दिया. इन लोगों का कहना है कि किसी ने उन्हें बताया है कि पीपल का पेड़ सबसे ज्यादा ऑक्सीजन पैदा करता है. इसलिए वे यहां लेटे हैं. अब उनको काफी आराम है.

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वैज्ञानिकों का भी मानना है कि दूसरे पेड़ों के मुकाबले पीपल का पेड़ 24 घंटे ऑक्सीजन देता है. इसी के चलते इलाके के लोगों ने अब पीपल के पेड़ के नीचे अपना इलाज तलाशना शुरू कर दिया है.

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