शाहजहांपुर: पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री स्वामी चिन्मयानंद की मुश्किलें एक बार फिर से बढ़ गई हैं. शिष्या के साथ दुष्कर्म के मामले में एमपी/एमएलए कोर्ट ने स्वामी चिन्मयानंद के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है. उनके वकीलों की तरफ से एनबीडब्ल्यू रद्द करने की मांग को कोर्ट ने खारिज कर दिया है.
दरअसल साल 2011 में स्वामी चिन्मयानंद की शिष्या ने उन पर बंधक बनाकर दुष्कर्म करने का मुकदमा दर्ज कराया था. दुष्कर्म का मामला एमपी-एमएलए कोर्ट में चल रहा था. कोर्ट ने चिन्मयानंद को पेश होने के लिए सम्मन भेजे थे. लेकिन लगातार कोर्ट में पेश न होने पर एमपी-एमएलए कोर्ट ने उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है.
कोर्ट में पेश न होने पर कोर्ट ने एक महीने पहले चिन्मयानंद के खिलाफ एनबीडब्ल्यू (गैर जमानती वारंट) जारी किया था. लेकिन इसके बाद भी वो कोर्ट में पेश नहीं हुए. इधर उनके वकीलों ने प्रार्थना पत्र देकर कोर्ट से एनबीडब्ल्यू खारिज करने की मांग की थी. लेकिन कोर्ट ने प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया. ऐसे में माना जा रहा है कि स्वामी चिन्मयानंद की एक बार फिर से मुश्किलें बढ़ सकती हैं.
इस मामले में शासकीय अधिवक्ता नीलिमा सक्सेना ने बताया कि स्वामी चिन्मयानंद के खिलाफ गैर जमानती वारंट एक पहले ही जारी किया गया था. उनके वकीलों ने वारंट निरस्त कराने को लेकर प्रार्थना पत्र दिया था, लेकिन कोर्ट ने उसे खारिज कर दिया है. जिसके बाद उनका एनबीडब्ल्यू वारंट जारी रहेगा.
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