चन्दौली: किसान आंदोलन के समर्थन में प्रदर्शन के दौरान गिरफ्तार किए गए सपा के राष्ट्रीय सचिव और पूर्व विधायक मनोज सिंह डब्लू को तीसरे दिन 1 लाख के निजी मुचलके पर जमानत मिल गई है. जिससे किसानों व कार्यकर्ताओं में खुशी का माहौल देखने को मिला. वहीं रिहाई में हुई देरी से समाजवादियों में खासी नाराजगी देखने को मिली. पूर्व सांसद रामकिशुन यादव ने जिला प्रशासन पर सवाल खड़े करते हुए नियम कानून को हथकंडा करार दिया.
किसान के लिए प्रदर्शन में हुई थी गिरफ्तारी
बता दें कि कृषि कानून के विरोध में दिल्ली में किसानों का प्रदर्शन चल रहा है. इसी के समर्थन ने समाजवादी पार्टी का प्रदेश भर धरना प्रदर्शन का आह्वान था. इसी क्रम में सोमवार वह किसानों की हित की लड़ाई लड़ने के लिए जिला मुख्यालय के धरना स्थल पर धरना देने पहुंचे थे. इस दौरान शांति भंग करने के आरोप में मनोज सिंह डब्लू के समेत 6 लोगों को जेल भेज दिया गया था. 2 दिन की तमाम जद्दोजहद के बाद मनोज सिंह डब्लू को निजी मुचलके पर जमानत मिली और रिहाई का आदेश मिला.
निजी मुचलके पर मिली जमानत
बुधवार को उपजिलाधिकारी ने पूर्व विधायक की जमानत सिर्फ इसलिए मंजूर नहीं की क्योंकि निजी मुचलके की खतौनी सत्यापित नहीं हुई थी. इसके बाद गुरुवार को एक-एक लाख के दो निजी मुचलके पर मनोज सिंह डब्लू को जमानत दिया गया है. जमानत की सूचना मिलते ही क्षेत्रीय किसानों व कार्यकर्ताओं में खुशी का माहौल छा गया है.
मनोज की रिहाई किसानों, कार्यकर्ताओं में खुशी
इसके पहले समाजवादी पार्टी ने जमानत न होने पर पूरे जिले में आंदोलन की बात कही थी और कई जगह पर आंदोलन भी छेड़ दिया था. इससे प्रशासन काफी दबाव में देखा जा रहा था. इसी के तहत जिला प्रशासन ने उनको जमानत देकर राहत की सांस ली है और समाजवादी पार्टी के नेता भी इसकी खुशी मना रहे हैं.
मनोज की रिहाई को तेवर में दिखे पूर्व सांसद रामकिशुन
सपा के राष्ट्रीय सचिव मनोज सिंह डब्लू की रिहाई को लेकर बुधवार को डीएम से मिलने के बाद गुरुवार को भी सपा सांसद रामकिशुन तेवर में नजर आए. इस दौरान उन्होंने एसडीएम सदर विजय नारायण सिंह से टेलीफोनिक वार्ता कर रिहाई में आ रही अड़चनों को दूर करने की आवश्यकता जताई. साथ ही चेताया कि यदि समाजवादियों की रिहाई नहीं हुई तो प्रशासन के खिलाफ पूरी पार्टी आंदोलित होगी. अब किसी भी तरह की प्रशासनिक बहानेबाजी और बातों को नहीं सुना जाएगा.
पुलिस समाजवादियों को कर रही टार्गेट
पूर्व सांसंद रामकिशुन यादव की सक्रियता का असर हुआ और शाम तक रिहाई का आदेश भी मिल गया. उन्होंने कहा कि जिले में जिस तरह से समाजवादियों को पुलिस-प्रशासन टार्गेट कर रही है, वह पूरी तरह अनुचित और अलोकतांत्रिक है. नियम-कायदे आम आवाम व लोगों की सुविधा के लिए बने हैं, लेकिन आज प्रशासनिक तंत्र व पुलिस इसे समाजवादियों के खिलाफ हथकंडे के रूप में इस्तेमाल कर रही है, जो अब स्वीकार नहीं है.