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आर्थिक तंगी से जूझ रहे कारोबार को ओडीओपी का है सहारा

आर्थिक तंगी (Financial scarcity) के अभाव से कारोबार प्रभावित ना हो इसे लेकर प्रशासन गंभीर है. जिला उद्योग की ओर से जागरूकता व ऋण वितरण कैंप (Awareness and loan disbursement camp) लगाने का निर्णय लिया है. माह के अंतिम सप्ताह में इसका आयोजन किया जाएगा.

ओडीओपी का है सहारा
ओडीओपी का है सहारा
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Published : Oct 22, 2021, 10:26 AM IST

संत रविदास नगरः आर्थिक तंगी (Financial scarcity) के अभाव से कारोबार प्रभावित न हो इसे लेकर प्रशासन गंभीर है. एक जनपद एक उत्पाद ( ओडीओपी) का लाभ उद्यमियों (Entrepreneurs) को दिलाने के लिए प्रशासन ने फरमान जारी किया है. जिला उद्योग की ओर से जागरूकता व ऋण वितरण कैंप (Awareness and loan disbursement camp) लगाने का निर्णय लिया है. तहसीलों में ऋण वितरण गोष्ठी व ज्ञानपुर में मेगा कैंप लगाने की तैयारी में जुटा है. माह के अंतिम सप्ताह में इसका आयोजन किया जाएगा.

उद्यमियों और बैंक अधिकारियों को आमंत्रित किया जाएगा. उपायुक्त उद्योग की ओर से इसके लिए तैयारी शुरू कर दी गई है. उनका कहना है कि योजना का लाभ कारोबारियों को शत-प्रतिशत मिले, सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है, जबकि बैंकों के माध्यम से अपेक्षित सहयोग नहीं मिल रहा है. पिछले वित्तीय वर्ष के सापेक्ष वर्तमान वित्तीय वर्ष में योजना की प्रगति बेहद मंद है. छह माह में महज 15 कारोबारियों को ओडीओपी का लाभ मिल सका है, जबकि विभाग के पास ऋण के लिए 103 कारोबारियों के आवेदन लंबित हैं.

आर्थिक तंगी से जूझ रहा कारोबार
आर्थिक तंगी से जूझ रहा कारोबार

ओडीओपी प्रदेश सरकार की महत्वकांक्षी योजनाआों में शामिल है. इसका उद्देश्य छोटे व मझोले कारोबारियों को विकसित करना है. योजना की लोकप्रियता को देखते हुए चालू वित्त वर्ष में सरकार के बजट को विस्तार कर दिया था. 2019 -20 में जनपद को 2.50 करोड़ रुपए मिले थे. 63 कारोबारियों को लाभ मिला था, जबकि चालू वित्तीय वर्ष में इसे बढ़ाकर 3.25 करोड़ कर दिया गया है. यानी इस बार 75 लाख रुपए अधिक का प्रावधान किये गये हैं लेकिन इसका लाभ में 15 लोगों को मिल सका.

ओडीओपी का है सहारा
ओडीओपी का है सहारा

हरेंद्र कुमार उपायुक्त जिला उद्योग विभाग का कहना है कि 3.60 करोड़ों रुपए का प्रावधान किया गया है. दूसरी लहर के चलते तीन माह सब कुछ ठप है. इसके बाद आवेदन की प्रक्रिया प्रारंभ हुई. अधिकतर बैंकों में नए अधिकारियों की नियुक्ति होने से समस्या उत्पन्न हुई .9 सितंबर को जिलाधिकारी की अध्यक्षता में बैंक अधिकारियों के साथ बैठक की गई थी. 25 अक्टूबर से तहसीलों में अलग-अलग तिथियों में कैंप लगाये जाएंगे.

यह भी पढ़ेः मुरादाबाद: उद्योग के लिए ग्राहकों को दिया 400 करोड़ का ऋण डूबने के कगार पर

संत रविदास नगरः आर्थिक तंगी (Financial scarcity) के अभाव से कारोबार प्रभावित न हो इसे लेकर प्रशासन गंभीर है. एक जनपद एक उत्पाद ( ओडीओपी) का लाभ उद्यमियों (Entrepreneurs) को दिलाने के लिए प्रशासन ने फरमान जारी किया है. जिला उद्योग की ओर से जागरूकता व ऋण वितरण कैंप (Awareness and loan disbursement camp) लगाने का निर्णय लिया है. तहसीलों में ऋण वितरण गोष्ठी व ज्ञानपुर में मेगा कैंप लगाने की तैयारी में जुटा है. माह के अंतिम सप्ताह में इसका आयोजन किया जाएगा.

उद्यमियों और बैंक अधिकारियों को आमंत्रित किया जाएगा. उपायुक्त उद्योग की ओर से इसके लिए तैयारी शुरू कर दी गई है. उनका कहना है कि योजना का लाभ कारोबारियों को शत-प्रतिशत मिले, सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है, जबकि बैंकों के माध्यम से अपेक्षित सहयोग नहीं मिल रहा है. पिछले वित्तीय वर्ष के सापेक्ष वर्तमान वित्तीय वर्ष में योजना की प्रगति बेहद मंद है. छह माह में महज 15 कारोबारियों को ओडीओपी का लाभ मिल सका है, जबकि विभाग के पास ऋण के लिए 103 कारोबारियों के आवेदन लंबित हैं.

आर्थिक तंगी से जूझ रहा कारोबार
आर्थिक तंगी से जूझ रहा कारोबार

ओडीओपी प्रदेश सरकार की महत्वकांक्षी योजनाआों में शामिल है. इसका उद्देश्य छोटे व मझोले कारोबारियों को विकसित करना है. योजना की लोकप्रियता को देखते हुए चालू वित्त वर्ष में सरकार के बजट को विस्तार कर दिया था. 2019 -20 में जनपद को 2.50 करोड़ रुपए मिले थे. 63 कारोबारियों को लाभ मिला था, जबकि चालू वित्तीय वर्ष में इसे बढ़ाकर 3.25 करोड़ कर दिया गया है. यानी इस बार 75 लाख रुपए अधिक का प्रावधान किये गये हैं लेकिन इसका लाभ में 15 लोगों को मिल सका.

ओडीओपी का है सहारा
ओडीओपी का है सहारा

हरेंद्र कुमार उपायुक्त जिला उद्योग विभाग का कहना है कि 3.60 करोड़ों रुपए का प्रावधान किया गया है. दूसरी लहर के चलते तीन माह सब कुछ ठप है. इसके बाद आवेदन की प्रक्रिया प्रारंभ हुई. अधिकतर बैंकों में नए अधिकारियों की नियुक्ति होने से समस्या उत्पन्न हुई .9 सितंबर को जिलाधिकारी की अध्यक्षता में बैंक अधिकारियों के साथ बैठक की गई थी. 25 अक्टूबर से तहसीलों में अलग-अलग तिथियों में कैंप लगाये जाएंगे.

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