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भदोही में लॉकडाउन के चलते कालीन उद्योग ठप

भदोही जिले में कालीन का काम बहुतायत किया जाता है. बीते चार माह से कोरोना वायरस के चलते कारोबार लगभग ठप है. उद्योग ठप होने से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से करीब 20 लाख लोग प्रभावित हैं.

lockdown in bhadohi
कोरोना के बढ़ते प्रकोप से कालीन उद्योग ठप.
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Published : May 15, 2020, 5:15 PM IST

भदोही: कोविड-19 महामारी की वजह से भदोही की कालीन इंडस्ट्री बुरी तरीके से प्रभावित हुई है. सबसे पहला झटका फरवरी में लगा जब शंघाई में होने वाला कारपेट फेयर कैंसिल हो गया. इसके बाद लगभग पांच कारपेट फेयर रद्द होने की वजह से इंडस्ट्री पूरी तरीके से बंद हो चुकी है. पिछले चार महीने में कालीन इंडस्ट्री को भारी नुकसान झेलना पड़ा है.

lockdown in bhadohi
कालीन उद्योग ठप होने से कामगार प्रभावित.
lockdown in bhadohi
कोरोना वायरस के चलते कालीन का कारोबार ठप.

यूरोपीय और अमेरिकी देशों में होता है कालीन एक्सपोर्ट

भदोही की कालीन इंडस्ट्री पिछले चार महीने में दो हजार करोड़ रुपये का नुकसान उठा चुकी है. अभी कोई भरोसा नहीं है कि उसे कितना और नुकसान झेलना पड़ेगा. सबसे अधिक कालीन एक्सपोर्ट यूरोपीय और अमेरिकी देशों में होता है. इस समय दोनों जगहों पर कोविड-19 की वजह से स्थिति खराब है. हालांकि 'एक्सपोर्टर ओके' आगरा के बाद उन्हें काम करने की इजाजत मिल गई है, लेकिन इसके बावजूद भी इंडस्ट्री सुस्त चल रही है.

डीएम के आदेश के बाद 30 फीसदी काम शुरू हुआ है. इससे एक्सपोर्टर की उम्मीद बढ़ी है, लेकिन 30 फीसदी काम शुरू होने से उतना फायदा नहीं हो पा रहा, जितनी आशा की जा रही थी. कालीन का काम ऐसा होता है, जिसमें सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन करना नामुमकिन है, जिसकी वजह से कालीन इंडस्ट्री को इसका भारी खामियाजा भुगतना पड़ रहा है.

भदोही के कालीन इंडस्ट्री से लगभग प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से 20 लाख लोग जुड़े हैं. कालीन का काम सुस्त होने से 20 लाख लोग बुरी तरीके से प्रभावित हुए हैं, जबकि लगभग एक लाख प्रवासी मजदूर अपने घर वापस जा चुके हैं.

भदोही: कोविड-19 महामारी की वजह से भदोही की कालीन इंडस्ट्री बुरी तरीके से प्रभावित हुई है. सबसे पहला झटका फरवरी में लगा जब शंघाई में होने वाला कारपेट फेयर कैंसिल हो गया. इसके बाद लगभग पांच कारपेट फेयर रद्द होने की वजह से इंडस्ट्री पूरी तरीके से बंद हो चुकी है. पिछले चार महीने में कालीन इंडस्ट्री को भारी नुकसान झेलना पड़ा है.

lockdown in bhadohi
कालीन उद्योग ठप होने से कामगार प्रभावित.
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कोरोना वायरस के चलते कालीन का कारोबार ठप.

यूरोपीय और अमेरिकी देशों में होता है कालीन एक्सपोर्ट

भदोही की कालीन इंडस्ट्री पिछले चार महीने में दो हजार करोड़ रुपये का नुकसान उठा चुकी है. अभी कोई भरोसा नहीं है कि उसे कितना और नुकसान झेलना पड़ेगा. सबसे अधिक कालीन एक्सपोर्ट यूरोपीय और अमेरिकी देशों में होता है. इस समय दोनों जगहों पर कोविड-19 की वजह से स्थिति खराब है. हालांकि 'एक्सपोर्टर ओके' आगरा के बाद उन्हें काम करने की इजाजत मिल गई है, लेकिन इसके बावजूद भी इंडस्ट्री सुस्त चल रही है.

डीएम के आदेश के बाद 30 फीसदी काम शुरू हुआ है. इससे एक्सपोर्टर की उम्मीद बढ़ी है, लेकिन 30 फीसदी काम शुरू होने से उतना फायदा नहीं हो पा रहा, जितनी आशा की जा रही थी. कालीन का काम ऐसा होता है, जिसमें सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन करना नामुमकिन है, जिसकी वजह से कालीन इंडस्ट्री को इसका भारी खामियाजा भुगतना पड़ रहा है.

भदोही के कालीन इंडस्ट्री से लगभग प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से 20 लाख लोग जुड़े हैं. कालीन का काम सुस्त होने से 20 लाख लोग बुरी तरीके से प्रभावित हुए हैं, जबकि लगभग एक लाख प्रवासी मजदूर अपने घर वापस जा चुके हैं.

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