भदोही: जिले में पिछले कुछ दिनों हुई भारी बारिश की वजह से किसानों को काफी नुकसान झेलना पड़ा है. बारिश की वजह से जिले की दलहनी फसल लगभग पूरी तरह से बर्बाद हो गई है. इसके साथ ही धान की फसल को भी भारी नुकसान हुआ है. पानी की वजह से जहां जिले के 90 से 95% दलहन, बाजरा, ज्वार के पौधे सड़ गए हैं. वहीं दूसरी तरफ धान की फसलों में कई दिनों तक लगातार पानी लगने की वजह से फसल को कंडुवा रोग बर्बाद कर रहा है. जिले में लगभग 50 प्रतिशत धान की फसल पानी लगने की वजह से बर्बाद हो चुकी है.
दवा के छिड़काव से फसल को बचाने की कोशिश कर रहे किसान
- जिले में 4,500 हेक्टेयर दलहनी फसल, जबकि 29,315 हेक्टेयर धान की फसल बर्बाद हुई है.
- बर्बाद हुई फसल में बासमती, संकर धान और अन्य धान है.
- इसके साथ ही दलहन, तिलहन और ज्वार की खेती भी की गई थी, जो बर्बाद हुई है.
- धान की खेती के लिए नीची तलहटी के खेत उपयुक्त माने जाते हैं.
- जिसकी वजह से नीचे तलहटी में पानी भर जाने पर पानी निकाले जाने की स्थिति नामुमकिन होती है.
- ऐसी स्थिति में किसान धान की फसल में पानी भर जाने से असहाय महसूस कर रहे हैं.
- धान की फसलों में कई दिनों तक लगातार पानी लगने की वजह से फसल में कंडुवा रोग भी लग गया है.
- किसान दवा के छिड़काव के भरोसे अपनी धान की फसल को बचाने की कोशिश कर रहे हैं.
जिला कृषि अधिकारी ने बताया ऐसी स्थिति से फसल को बचाने के लिए सबसे जरूरी होता है कि पानी लगने वाले रोग कंडुवा से बचाने के लिए हेक्सा कोना जोन का छिड़काव किया जाए. फसल से पानी निकालकर भी इसे कंट्रोल किया जा सकता है, इसके लिए बैलेंस फर्टिलाइजर विधि काफी उपयुक्त मानी जाती है.