संतकबीर नगरः जिले का प्रसिद्ध तीर्थ स्थल बाबा तामेश्वर नाथ धाम भक्तों की श्रद्धा का प्रमुख केंद्र है. सावन के पहले सोमवार के उपलक्ष्य में यहां भक्तों का तांता लगता है. भक्तों ने भगवान भोलेनाथ के जयकारे के साथ जलाभिषेक और रुद्राभिषेक किया. श्रावण मास में दूरदराज से शिव भक्त यहां आकर जलाभिषेक और रुद्राभिषेक करते हैं. महिमा और आस्था का केंद्र होने के कारण भक्तों का ताता यहां लगा रहता है. सावन महीने में कांवरियों और शिव भक्तों के जमावड़े से यह धाम गुलजार रहता है यहां जलाभिषेक के पश्चात मां पर्वती की पूजा की जाती है.
इस मंदिर का इतिहास है पुराना
- मान्यताओं के अनुसार द्वापर युग में पांडवों के अज्ञातवास के दौरान माता कुंती ने यहां शिव की आराधना कर राजपाठ के लिए आशीर्वाद मांगा था.
- राजकुमार सिद्धार्थ यहां वल्कल वस्त्र त्याग कर मुंडन कराने के पश्चात तथागत बने.
- यहां पर शिवलिंग प्रकट होने का प्रमाण मिलता है.
- इस स्थान को पूर्व में ताम्रगढ़ के नाम से जाना जाता था.
- खलीलाबाद नगर को बसाने वाले खलीलुलरहमान ने इस शिवलिंग को यहां से हटाने का काफी प्रयास किया है लेकिन उसे सफलता नहीं मिली.
- जानकारी के अनुसार डेढ़ सौ वर्ष पूर्व तत्कालीन बांसी नरेश राजा रतन सिंह ने इस मंदिर का स्वरूप दिया था.
- मुख्य मंदिर के साथ यहां पर छोटे-बड़े कुल 16 मंदिर हैं.
बता दें धाम पर जनपद के साथ गोरखपुर,बस्ती, सिद्धार्थनगर,कुशीनगर,महाराजगंज आदि स्थानों से भक्त आते हैं. गोस्वामी वंशज बारी-बारी पूजन अर्चन की जिम्मेदारी का निर्वहन करते हैं. वहीं श्रद्धालुओं की संख्या देखते हुए मंदिर समिति व्यापक तैयारियां की गई हैं.