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हिंदू-मुस्लिम एकता की प्रतीक है मगहर में कबीर की मजार और समाधि - maghar news

पूरे विश्व को मानवता का पाठ पढ़ाने वाले संत कबीर की शुक्रवार को जयंती थी. संत कबीर की मगहर में एक साथ स्थित समाधि और मजार आज भी हिंदू-मुस्लिम एकता की पहचान बनी हुई है. कबीर के नाम पर बने संत कबीर नगर जिला मुख्यालय से 8 किलोमीटर दूर पूर्व की दिशा में मगहर बसा हुआ है, जहां कबीर ने जीवन के अंतिम क्षण बिताए थे.

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संत कबीर ने जीवन के अंतिम क्षण मगहर में बिताए थे.
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Published : Jun 6, 2020, 10:43 AM IST

Updated : Sep 10, 2020, 12:22 PM IST

संत कबीर नगरः जिला मुख्यालय से आठ किलोमीटर दूर पूर्व की दिशा में बसा मगहर कस्बा किसी परिचय का मोहताज नहीं है, क्योंकि इस छोटे से कस्बे से पूरे विश्व को अमन शांति और भाईचारे का संदेश कबीर के नाम पर जाता है. सूफी संत कबीर की परिनिर्वाण स्थली मगहर में एक साथ स्थित उनकी मजार और समाधि स्थल कौमी एकता की एक मिसाल आज भी बनी हुई है.

संत कबीर ने जीवन के अंतिम क्षण मगहर में बिताए थे.

यही नहीं पूरे विश्व से पर्यटकों के साथ-साथ पूर्व राष्ट्रपति, स्वर्गीय डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम, पूर्व राज्यपाल उत्तर प्रदेश मोतीलाल बोरा, पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ भी यहां मत्था टेकने आ चुके हैं.

सूफी संत कबीर के अनुयायियों की मानें तो पूरे विश्व को मानवता का संदेश देने वाले संत कबीर के इस पवित्र धाम में आने के बाद उन्हें पुण्य कार्यों को करने की सीख मिलती है. साथ ही एक असीम शांति की अनुभूति भी होती है, जिसके बाद लोग सच्चे कार्यों को करने के लिए प्रेरित होते हैं.

इसे भी पढ़ें- पर्यावरण दिवस 2020 : आबोहवा में आज भी घुल रहा कपड़ा कारखानों से निकलने वाला जहर

संत कबीर के परिनिर्वाण स्थली के ऐतिहासिक महत्व को देखते हुए मौजूदा सरकार इस स्थल को विश्व पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए निरंतर प्रयासरत है. केंद्र की मोदी सरकार भी इस स्थल के विकास के लिए अब तक 400 करोड़ रुपये के बजट का प्रस्ताव पास कर चुकी है. मगहर कस्बे में निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है. जल्द ही पर्यटन स्थल के रूप में मगहर अपनी एक अलग पहचान बनाएगा.

संत कबीर नगरः जिला मुख्यालय से आठ किलोमीटर दूर पूर्व की दिशा में बसा मगहर कस्बा किसी परिचय का मोहताज नहीं है, क्योंकि इस छोटे से कस्बे से पूरे विश्व को अमन शांति और भाईचारे का संदेश कबीर के नाम पर जाता है. सूफी संत कबीर की परिनिर्वाण स्थली मगहर में एक साथ स्थित उनकी मजार और समाधि स्थल कौमी एकता की एक मिसाल आज भी बनी हुई है.

संत कबीर ने जीवन के अंतिम क्षण मगहर में बिताए थे.

यही नहीं पूरे विश्व से पर्यटकों के साथ-साथ पूर्व राष्ट्रपति, स्वर्गीय डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम, पूर्व राज्यपाल उत्तर प्रदेश मोतीलाल बोरा, पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ भी यहां मत्था टेकने आ चुके हैं.

सूफी संत कबीर के अनुयायियों की मानें तो पूरे विश्व को मानवता का संदेश देने वाले संत कबीर के इस पवित्र धाम में आने के बाद उन्हें पुण्य कार्यों को करने की सीख मिलती है. साथ ही एक असीम शांति की अनुभूति भी होती है, जिसके बाद लोग सच्चे कार्यों को करने के लिए प्रेरित होते हैं.

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संत कबीर के परिनिर्वाण स्थली के ऐतिहासिक महत्व को देखते हुए मौजूदा सरकार इस स्थल को विश्व पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए निरंतर प्रयासरत है. केंद्र की मोदी सरकार भी इस स्थल के विकास के लिए अब तक 400 करोड़ रुपये के बजट का प्रस्ताव पास कर चुकी है. मगहर कस्बे में निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है. जल्द ही पर्यटन स्थल के रूप में मगहर अपनी एक अलग पहचान बनाएगा.

Last Updated : Sep 10, 2020, 12:22 PM IST
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