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टूटते परिवारों को बचाने में संगीता भार्गव ने निभाई भूमिका

संभल में बतौर डिस्ट्रिक्ट काउंसलर के तौर पर कार्यरत संगीता भार्गव 25 वर्षों से नारी सुरक्षा और सम्मान के लिए काम कर रही हैं. उत्तर प्रदेश समेत अन्य राज्य की सरकारें उन्हें सम्मानित कर चुकी हैं. संगीता भार्गव ने काउंसलिंग कर लगभग 250 परिवारों को टूटने से बचाया है.

डिस्ट्रिक्ट काउंसलर संगीता भार्गव
डिस्ट्रिक्ट काउंसलर संगीता भार्गव
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Published : Mar 5, 2021, 3:10 PM IST

संभल: समाजसेवी संगीता भार्गव हाईकोर्ट से डिस्ट्रिक्ट काउंसलर के तौर पर जनपद में कार्यरत हैं. वह नारी सुरक्षा और सम्मान के लिए 25 वर्षों से काम कर रही हैं. उत्तर प्रदेश समेत अन्य राज्य की सरकारें उन्हें सम्मानित कर चुकी हैं. संगीता भार्गव ने काउंसलिंग कर अब तक लगभग 250 परिवारों को टूटने से बचाया है.

नारी सुरक्षा और सम्मान.

संगीता भार्गव का सफर
आगरा शहर निवासी संगीता भार्गव की शादी 30 वर्ष पूर्व चंदौसी में हुई. उस समय संभल जनपद नहीं था. यहां की महिलाएं समाज के लिए कुछ करने की हिम्मत रखती थी. लिहाजा संगीता ने भी ठान लिया था कि समाज के लिए कुछ करना है. शुरुआती दिनों में उन्हें लोगों के विरोध और बातों का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने हिम्मत और साहस के दम पर महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान और समाजित हितों के मुद्दों से जुड़े कार्यों को करती रहीं. आज उनकी मेहनत के परिणाम स्वरूप कई परिवार टूटने से बच गए. वो गरीब जरूरतमंद बच्चों को मुफ्त शिक्षा दिलाने में सहयोग कर उन्हें आगे बढ़ाने का कार्य कर रही हैं.

संगीता भार्गव की उपलब्धियां
महिला शिक्षा और सुरक्षा अभियान के लिए उत्तर प्रदेश सरकार इन्हें सम्मानित कर चुकी है. फिक्की ने संगीता को 4th फ्लो वोमेन अवार्ड से नवाजा है. बिहार सरकार भी इन्हें सम्मानित कर चुकी है. इस तरह से उन्हें बहुत से सम्मान मिल चुके हैं.

संगीता भार्गव ने दी जानकारी
संगीता भार्गव ने बताया कि चंदौसी की पढ़ी लिखी महिलाएं भी समाज के लिए कार्य करने या अपनी बात रखने में थोड़ा संकोच करती थीं. उनका कहना है कि आज महिलाएं हर क्षेत्र में आगे हैं. महिलाएं प्लेन से लेकर ट्रेन तक चला रही हैं. आईएएस और आईपीएस भी महिलाएं हैं.

संभल: समाजसेवी संगीता भार्गव हाईकोर्ट से डिस्ट्रिक्ट काउंसलर के तौर पर जनपद में कार्यरत हैं. वह नारी सुरक्षा और सम्मान के लिए 25 वर्षों से काम कर रही हैं. उत्तर प्रदेश समेत अन्य राज्य की सरकारें उन्हें सम्मानित कर चुकी हैं. संगीता भार्गव ने काउंसलिंग कर अब तक लगभग 250 परिवारों को टूटने से बचाया है.

नारी सुरक्षा और सम्मान.

संगीता भार्गव का सफर
आगरा शहर निवासी संगीता भार्गव की शादी 30 वर्ष पूर्व चंदौसी में हुई. उस समय संभल जनपद नहीं था. यहां की महिलाएं समाज के लिए कुछ करने की हिम्मत रखती थी. लिहाजा संगीता ने भी ठान लिया था कि समाज के लिए कुछ करना है. शुरुआती दिनों में उन्हें लोगों के विरोध और बातों का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने हिम्मत और साहस के दम पर महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान और समाजित हितों के मुद्दों से जुड़े कार्यों को करती रहीं. आज उनकी मेहनत के परिणाम स्वरूप कई परिवार टूटने से बच गए. वो गरीब जरूरतमंद बच्चों को मुफ्त शिक्षा दिलाने में सहयोग कर उन्हें आगे बढ़ाने का कार्य कर रही हैं.

संगीता भार्गव की उपलब्धियां
महिला शिक्षा और सुरक्षा अभियान के लिए उत्तर प्रदेश सरकार इन्हें सम्मानित कर चुकी है. फिक्की ने संगीता को 4th फ्लो वोमेन अवार्ड से नवाजा है. बिहार सरकार भी इन्हें सम्मानित कर चुकी है. इस तरह से उन्हें बहुत से सम्मान मिल चुके हैं.

संगीता भार्गव ने दी जानकारी
संगीता भार्गव ने बताया कि चंदौसी की पढ़ी लिखी महिलाएं भी समाज के लिए कार्य करने या अपनी बात रखने में थोड़ा संकोच करती थीं. उनका कहना है कि आज महिलाएं हर क्षेत्र में आगे हैं. महिलाएं प्लेन से लेकर ट्रेन तक चला रही हैं. आईएएस और आईपीएस भी महिलाएं हैं.

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