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कानपुर के कारोबारी का कमाल; कमरे में मेन्टेन किया कश्मीर जैसी ठंडक और उगा दी केसर की फसल - SUCCESS STORY

UP SAFFRON FARMING: कश्मीरी केसर के बीज लाकर ट्रायल के रूप में खेती शुरू की. बिना मिट्टी-पानी के 800 ग्राम केसर की पैदावार. बाजार में इसकी कीमत करीब 4 लाख रुपए, उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए मुनाफे वाली खेती की खुल सकती है नई राह.

up kanpur businessman grew kashmir saffron kesar in room.
कानपुर के कारोबारी ने कमरे में उगा दी कश्मीर की केसर. (photo credit: etv bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 19, 2024, 12:17 PM IST

Updated : Nov 20, 2024, 11:30 AM IST

कानपुर: जिस तरह आपने कश्मीर में पंपोर के खेतों में लेवेंडर रंग वाले फूलों के बीच सुर्ख लाल रंग की केसर लगी देखी होगी, ठीक वैसे ही अब कानपुर के इंद्रा नगर निवासी रियल स्टेट कारोबारी अखिल शर्मा ने घर में ही केसर की खेती शुरू कर दी है. उन्हें घर के कमरे में केसर उगाने में सफलता मिल गई है. अब वह केसर उत्पादन को स्टार्टअप के रूप में विकसित करने जा रहे हैं. वह घर पर ही बड़े पैमाने पर केसर उगाने की तैयारी कर रहे हैं.

पहले सीखा फिर उगायाः अखिल शर्मा ने कई माह तक चंडीगढ़ में केसर की खेती का विशेषज्ञों से प्रशिक्षण हासिल किया और फिर कानपुर आकर सितंबर 2024 में अपने घर के प्रथम तल पर केसर उगाने की तैयारी की. अखिल ने बताया कि उन्होंने केसर के बीज पंपोर के ही किसानों से लिए थे. एक स्टार्टअप के तौर पर उन्होंने केसर लगाई है, और आने वाले समय में कानपुर समेत देश के कई बाजारों में वह अपने ब्रांड से केसर की बिक्री करेंगे.

कानपुर के कारोबारी ने कमरे में उगाई केसर. (video credit: etv bharat)
up kanpur businessman grew kashmir saffron kesar in room success story.
कारोबारी ने कमरे में उगा दी कश्मीर की केसर. (photo credit: etv bharat)
इस विधि से उगा रहे केसरः उद्यमी अखिल शर्मा ने बताया कि जब आप केसर की खेती उप्र के अंदर शुरू कर रहे हैं तो आपको एयरोपोनिक विधि खेती अपनानी होगी. इस विधि में आपको बीजों के लिए न तो पानी की जरूरत होती है, न मिट्टी की. हालांकि, हैरान होने वाली इसमें कोई बात नहीं है. इस विधि में केवल कमरे के अंदर कश्मीर जैसा तापमान (अधिकतम 15 डिग्री सेल्सियस तक) होना चाहिए. इसके अलावा आर्द्रता और ग्रो लाइट्स का बहुत अधिक ध्यान रखना होता है. उन्होंने कहा, सूरज की सीधी तपिश फूलों को मुरझा कर रख देगी। इसलिए कमरे में अलग रंग का माहौल और कश्मीर जैसी ठंडक लगती है.


तीन महीने में परिणाम सामनेः उन्होंने बताया कि केसर की खेती सितंबर से नवंबर के बीच की जाती है. सितंबर में टेस्टिंग के तौर पर 800 ग्राम केसर उगाने में सफल रहे हैं.. उद्यमी अखिल ने बताया कि सितंबर 2024 में टेस्टिंग के तौर पर कमरे में करीब एक किलोग्राम बीज लगाए थे. इनसे हमें नवंबर में लगभग 800 ग्राम केसर मिल गई. उन्होंने कहा, केसर की मांग पूरी दुनिया में बहुत अधिक है.

फिलहाल कश्मीर के अलावा अभी किसी राज्य में वृहद स्तर पर केसर की खेती नहीं होती इसलिए उन्होंने अब केसर की खेती को एक स्टार्टअप के तौर पर शुरू कर दिया है. बता दें कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में 800 ग्राम की केसर करीब चार लाख रुपए की होती है. कारोबारी अखिल के इस प्रयोग से उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए मुनाफे वाली खेती का एक नया विकल्प खुल सकता है.


ये भी पढ़ेंः कटेहरी उपचुनाव; अब तक सिर्फ एक बार राम लहर में जीत पाई भाजपा, ब्राह्मण-कुर्मी बाहुल्य सीट पर अति पिछड़ा कार्ड कितना असरदार?

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कानपुर: जिस तरह आपने कश्मीर में पंपोर के खेतों में लेवेंडर रंग वाले फूलों के बीच सुर्ख लाल रंग की केसर लगी देखी होगी, ठीक वैसे ही अब कानपुर के इंद्रा नगर निवासी रियल स्टेट कारोबारी अखिल शर्मा ने घर में ही केसर की खेती शुरू कर दी है. उन्हें घर के कमरे में केसर उगाने में सफलता मिल गई है. अब वह केसर उत्पादन को स्टार्टअप के रूप में विकसित करने जा रहे हैं. वह घर पर ही बड़े पैमाने पर केसर उगाने की तैयारी कर रहे हैं.

पहले सीखा फिर उगायाः अखिल शर्मा ने कई माह तक चंडीगढ़ में केसर की खेती का विशेषज्ञों से प्रशिक्षण हासिल किया और फिर कानपुर आकर सितंबर 2024 में अपने घर के प्रथम तल पर केसर उगाने की तैयारी की. अखिल ने बताया कि उन्होंने केसर के बीज पंपोर के ही किसानों से लिए थे. एक स्टार्टअप के तौर पर उन्होंने केसर लगाई है, और आने वाले समय में कानपुर समेत देश के कई बाजारों में वह अपने ब्रांड से केसर की बिक्री करेंगे.

कानपुर के कारोबारी ने कमरे में उगाई केसर. (video credit: etv bharat)
up kanpur businessman grew kashmir saffron kesar in room success story.
कारोबारी ने कमरे में उगा दी कश्मीर की केसर. (photo credit: etv bharat)
इस विधि से उगा रहे केसरः उद्यमी अखिल शर्मा ने बताया कि जब आप केसर की खेती उप्र के अंदर शुरू कर रहे हैं तो आपको एयरोपोनिक विधि खेती अपनानी होगी. इस विधि में आपको बीजों के लिए न तो पानी की जरूरत होती है, न मिट्टी की. हालांकि, हैरान होने वाली इसमें कोई बात नहीं है. इस विधि में केवल कमरे के अंदर कश्मीर जैसा तापमान (अधिकतम 15 डिग्री सेल्सियस तक) होना चाहिए. इसके अलावा आर्द्रता और ग्रो लाइट्स का बहुत अधिक ध्यान रखना होता है. उन्होंने कहा, सूरज की सीधी तपिश फूलों को मुरझा कर रख देगी। इसलिए कमरे में अलग रंग का माहौल और कश्मीर जैसी ठंडक लगती है.


तीन महीने में परिणाम सामनेः उन्होंने बताया कि केसर की खेती सितंबर से नवंबर के बीच की जाती है. सितंबर में टेस्टिंग के तौर पर 800 ग्राम केसर उगाने में सफल रहे हैं.. उद्यमी अखिल ने बताया कि सितंबर 2024 में टेस्टिंग के तौर पर कमरे में करीब एक किलोग्राम बीज लगाए थे. इनसे हमें नवंबर में लगभग 800 ग्राम केसर मिल गई. उन्होंने कहा, केसर की मांग पूरी दुनिया में बहुत अधिक है.

फिलहाल कश्मीर के अलावा अभी किसी राज्य में वृहद स्तर पर केसर की खेती नहीं होती इसलिए उन्होंने अब केसर की खेती को एक स्टार्टअप के तौर पर शुरू कर दिया है. बता दें कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में 800 ग्राम की केसर करीब चार लाख रुपए की होती है. कारोबारी अखिल के इस प्रयोग से उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए मुनाफे वाली खेती का एक नया विकल्प खुल सकता है.


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Last Updated : Nov 20, 2024, 11:30 AM IST
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