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12वीं के छात्र को मिली राहत; UP बोर्ड में 65 की जगह दिये थे 23 अंक, हाईकोर्ट ने दिया कार्रवाई का आदेश - AURAIYA NEWS

आरटीआई के तहत बोर्ड से मंगवाई थी अपनी उत्तर पुस्तिका की प्रति.

प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo credit: ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 23, 2025, 10:44 PM IST

औरैया : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी बोर्ड के एक मेधावी छात्र को बड़ी राहत प्रदान की है. जिले में यूपी बोर्ड की लापरवाही के शिकार हुए 12वीं के छात्र को हाईकोर्ट से न्याय मिल गया. कोर्ट ने लापरवाही के चलते पर्यवेक्षक के खिलाफ भी दंडात्मक कार्रवाई के आदेश भी दिए हैं.

छात्र को सभी विषयों में अच्छे थे नम्बर : अधिवक्ता सौरभ पाठक ने बताया कि आदर्श पांडेय जो कि औरैया के चौधरी विशंभर सिंह भारतीय विद्यालय में 12वीं का छात्र था. छात्र ने पिछले वर्ष परीक्षा दी थी. जिसके रिजल्ट में सभी विषयों में अच्छे नम्बर थे, लेकिन सिर्फ अंग्रेजी के पेपर में उसे 23 नम्बर दिए गए थे, जबकि छात्र को यकीन था कि उसे मिले अंक सही नहीं हैं. जिसके चलते उसने आरटीआई के तहत बोर्ड से अपनी उत्तर पुस्तिका की प्रति मंगवाई और जिसे देख कर उसने हाईकोर्ट की शरण ली. उन्होंने बताया कि इस प्रकार भयंकर अनिमियतता काॅपी चेक करने में बरती गई. जिसकी शिकायत इन्होंने बोर्ड के अधिकारियों से की लेकिन अधिकारियों ने छात्र को बताया कि पुनर्मूल्यांकन का बोर्ड में कोई प्रावधान नहीं है, केवल अंकों की गणना में अगर कोई त्रुटि है तो वही सही की जा सकती है.



उत्तर पुस्तिका में सही जबाव के भी नहीं मिले थे अंक : अधिवक्ता सौरभ पाठक ने बताया कि छात्र की उत्तर पुस्तिका को जब देखा गया था उसमें सही जबाव के भी नम्बर उसे नहीं दिए गए थे, जिसको लेकर उसने हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की. जिसका संज्ञान लेकर कोर्ट ने विशेषज्ञों के जरिये कॉपी का पुनर्मूल्यांकन कराया, जिसमें आदर्श के नम्बर 65 निकले. विशेषज्ञों की रिपोर्ट के आधार पर कोर्ट ने छात्र की मार्कशीट को संशोधित करने व पर्यवेक्षक के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई का आदेश पारित किया.

यह भी पढ़ें : हाईकोर्ट ने कहा, देश में साइबर अपराध साइलेंट वायरस की तरह - HIGH COURT NEWS

औरैया : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी बोर्ड के एक मेधावी छात्र को बड़ी राहत प्रदान की है. जिले में यूपी बोर्ड की लापरवाही के शिकार हुए 12वीं के छात्र को हाईकोर्ट से न्याय मिल गया. कोर्ट ने लापरवाही के चलते पर्यवेक्षक के खिलाफ भी दंडात्मक कार्रवाई के आदेश भी दिए हैं.

छात्र को सभी विषयों में अच्छे थे नम्बर : अधिवक्ता सौरभ पाठक ने बताया कि आदर्श पांडेय जो कि औरैया के चौधरी विशंभर सिंह भारतीय विद्यालय में 12वीं का छात्र था. छात्र ने पिछले वर्ष परीक्षा दी थी. जिसके रिजल्ट में सभी विषयों में अच्छे नम्बर थे, लेकिन सिर्फ अंग्रेजी के पेपर में उसे 23 नम्बर दिए गए थे, जबकि छात्र को यकीन था कि उसे मिले अंक सही नहीं हैं. जिसके चलते उसने आरटीआई के तहत बोर्ड से अपनी उत्तर पुस्तिका की प्रति मंगवाई और जिसे देख कर उसने हाईकोर्ट की शरण ली. उन्होंने बताया कि इस प्रकार भयंकर अनिमियतता काॅपी चेक करने में बरती गई. जिसकी शिकायत इन्होंने बोर्ड के अधिकारियों से की लेकिन अधिकारियों ने छात्र को बताया कि पुनर्मूल्यांकन का बोर्ड में कोई प्रावधान नहीं है, केवल अंकों की गणना में अगर कोई त्रुटि है तो वही सही की जा सकती है.



उत्तर पुस्तिका में सही जबाव के भी नहीं मिले थे अंक : अधिवक्ता सौरभ पाठक ने बताया कि छात्र की उत्तर पुस्तिका को जब देखा गया था उसमें सही जबाव के भी नम्बर उसे नहीं दिए गए थे, जिसको लेकर उसने हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की. जिसका संज्ञान लेकर कोर्ट ने विशेषज्ञों के जरिये कॉपी का पुनर्मूल्यांकन कराया, जिसमें आदर्श के नम्बर 65 निकले. विशेषज्ञों की रिपोर्ट के आधार पर कोर्ट ने छात्र की मार्कशीट को संशोधित करने व पर्यवेक्षक के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई का आदेश पारित किया.

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